यमुनानगर: कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉक डाउन ने हर चीज को प्रभावित किया है. इस दौरान शिक्षा व्यवस्था में भी बदलाव आया है. हरियाणा में बच्चे ऑन लाइन पढ़ाई कर रहे हैं. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने 'डिजिटल चैट' कार्यक्रम के तहत शिक्षा मंत्री से सीधी बात की और मौजूदा परिस्थितियों में शिक्षा विभाग की तरफ से किए गए तमाम व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की.
ईटीवी भारत हरियाणा के स्टेट हेड राजीव सिंह से हुई खास बातचीत में हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि फिलहाल हरियाणा शिक्षा विभाग बच्चों को ऑनलाइन साइट्स, ऐप्स और टेलीविजन चैनल के जरिए पढ़ा रही है. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कई अहम सवालों का जवाब दिया.
सवाल: लॉक डाउन के दौरान सरकार छात्रों के लिए क्या कर रही है?
शिक्षा मंत्री: सरकार इस समय सफल कार्य कर रही है, सरकार के 'EDU HARYANA' चार ऑनलाइन चैनल चल रहे हैं. ये सभी चैनल केबल टीबी से चल रहे हैं. केंद्र सरकार के 36 चैनलों पर भी सुबह-शाम दो घंटे का स्लॉट मिला है. केंद्र के चैनलों पर सुबह दो घंटे नया पाठ्यक्रम करवाते हैं और शाम को उसका रिपीट टेलिकास्ट किया जाता है. हरियाणा शिक्षा विभाग ने कुछ ऐप भी शुरू किए. पहली से पांचवीं कक्षा के लिए संपर्क बैठक और 9वीं-10वीं कक्षा के लिए ब्राइट ट्यूटी नाम के दो ऐप चला रहे हैं.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई अन्य संस्थाएं भी हमारे साथ मिल कर काम कर रही हैं. ई-पाठशाला, हेल्प मी ऐप भी जारी किया है. इन सभी ऐप्स पर पूरा पाठ्यक्रम डाल दिया गया.
सवाल: परीक्षाओं के लेकर जो छात्र कन्फ्यूज हैं, उनके लिए विभाग कब तक निर्देश जारी करेगा.
शिक्षा मंत्री: 9वीं कक्षा तक हमने सभी छात्रों को अपग्रेड कर दिया है, लेकिन 10वीं के छात्रों का सांइस का पेपर रह गया था और 11वीं कक्षा का गणित का पेपर बाकी रह गया था, ऐसे में विभाग ने फैसला लिया की बाकी विषयों के औसत नंबरों के हिसाब से बाकी बचे पेपर के नंबर मान लिए जाएंगे और उन्हें भी अपग्रेड कर दिया जाएगा. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि बाद में जरूरत होगी तो हम दोबारा पेपर ले लेंगे.
उन्होंने कहा कि फिलहाल हमने 12वीं कक्षा का फैसला नहीं किया है. यूजीसी जैसी भी गाइड लाइन देगा हम फैसला ले लेंगे. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक जो यूजीसी की गाइड लाइन आई है उसके हिसाब से प्रदेश के कॉलेजों में 16 जुलाई से फर्स्ट ईयर और सेकेंड ईयर के पेपर लिए जाएंगे. पेपर किस तरह से लेने हैं इसका फैसला विश्वविद्यालय करेंगे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि फर्स्ट ईयर और सेकेंड ईयर के छात्रों का परिणाम 50% उनके पेपर के हिसाब से और 50% सेमेस्टर में दिए गए पेपर के हिसाब से देंगे.
सवाल: इस माहौल में सरकार की तरफ से की गई वैकल्पिक व्यवस्थाओं को आप कैसे देखते हैं?
शिक्षा मंत्री: इस तरह की परिस्थिति की कोई कल्पना नहीं की थी, ना ही हमारी कोई तैयारी थी. फिर भी जो काम हुए वो काफी सराहनीय है. जैसे-जैसे काम हो रहे हैं वैसे-वैसे खामियों का भी पता चलता रहेगा और वो खामियों को दूर करते रहेंगे.
सवाल: निजी स्कूलों को लेकर क्या समन्वय है? फीस माफी को लेकर भी लोग कन्फ्यूज हैं.
शिक्षा मंत्री: हमने कभी भी नहीं कहा कि हम फीस माफी करेंगे. लोगों को लॉकडाउन में घरों में रहना पड़ा, उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी, इसके लिए सरकार ने तीन महीने तक फीस नहीं देने की कही थी, बाद में ये फीस देनी होगी. अभी अभिभावकों के कम से कम एक महीने की फीस जमा करवानी चाहिए, ताकि स्कूलों का भी काम चल सके. सरकार का फिलहाल फीस माफी का कोई निर्णय नहीं है.
सवाल: सरकार प्रदेश के उद्योगों और छोटे उद्योगों को दोबारा विकसित करने के लिए क्या कर रही है?
शिक्षा मंत्री: सरकार उद्योगों को बिजली बिल में छूट दे रही है. कुछ उद्योगों को फिर से चालू करने की भी अनुमति दी गई है. सभी उद्योगों को हरियाणा सरकार एक दम से चलाने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती है, इससे परिस्थितियां बिगड़ जाएंगी. सरकार काम कर रही है और धीरे-धीरे हालात सुधर जाएंगे.