यमुनानगर: जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से सांसद राहुल कुमार (frankfurt member of parliament rahul kumar) गुरुवार को वापस फ्रैंकफर्ट लौट जाएंगे. जर्मनी जाने से पहले सांसद राहुल कुमार ने कहा कि यहां आने पर उन्हें पैतृक गांव और जिला वासियों से भरपूर सम्मान मिला. यहां के लोगों के साथ-साथ नेताओं और प्रशासन ने भी उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा किया. इस सम्मान से उन्हें बहुत अच्छा लगा और खुद पर गर्व महसूस हुआ.
वापस लौटने से पहले राहुल ने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा कि उनके पैतृक गांव जिले और प्रदेश में लोगों ने उनका स्वागत किया उन्हें खुद पर गर्व महसूस हुआ. उन्होंने बताया कि जब वह करीब 8 महीने के थे तब वह जर्मनी चले गए थे और वहीं रहकर उन्होंने पढ़ाई की और वहां समाजसेवी कामों में भी भाग लिया. राहुल कुमार ने बताया कि उन्होंने अपने देश की पहचान के लिए वो वहां की राजनीति में उतरे और सांसद बनने से पहले वहां छोटे स्तर के दो चुनाव लड़े और जीत हासिल की. उन्होंने बताया कि भारत और जर्मनी में ज्यादा अंतर नहीं है. दोनों ही देश में बहुत अच्छे नेता हैं, हालांकि भारत बड़ा देश (frankfurt mp rahul kumar) है और ज्यादा जनसंख्या है. इस वजह से यहां प्रगति में थोड़ी देर जरूर लगती है, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर भारत बहुत आगे जा रहा है.
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बता दें कि, 14 मार्च 2021 में जर्मनी के हैसल स्टेट की फ्रैंकफर्ट इंटरनेशनल सिटी से राहुल कुमार चुनाव जीते. वहीं, उनकी भतीजी कृति कंबोज ने भी क्लस्टरबाग से मेंबर ऑफ पार्लियामेंट का चुनाव जीता. बता दें कि राहुल और उसके भाई कपिल कंबोज लंबे समय से जर्मनी में रह रहे हैं. राहुल के भाई कपिल कंबोज भी 2016 में क्लस्टरबाग से मेंबर ऑफ पार्लियामेंट रह चुके हैं. फ्रैंकफर्ट सिटी लोकसभा क्षेत्र में कुल साढ़े पांच लाख मतदाता हैं, जिनमें लगभग 25 हजार भारतीय मूल के मतदाता हैं. यही भारतीय उनकी जीत का आधार बने. राहुल कंबोज और उनका परिवार समाजसेवा से जुड़ा है, जब भी वो गांव आते हैं, तो यहां भी सामाजिक कार्य करते हैं.
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