कैथल: हरियाणा सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाने पर भी प्रदेश कई किसान ऐसे हैं जो अब भी पराली जला रहे हैं. ऐसे किसानों पर जिला प्रशासन ना सिर्फ नजर बनाए हुए है, बल्कि उनके खिलाफ केस भी दर्ज किए जा रहे हैं. ऐसे ही 13 किसानों के खिलाफ पराली जालने पर केस दर्ज किया गया है.
कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने कहा कि हरसैक द्वारा भेजी जा रही एएफएल यानि एक्टिव फायर लोकेशन पर प्रतिदिन ग्राम स्तर पर गठित निगरानी टीम जांच कर रही है. अगर कोई किसान धान अवशेष जलाते हुए पाया जाता है तो उस पर 2 एकड़ तक 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक 5 हजार रुपये और 5 एकड़ से ज्यादा पर 15 हजार रुपये प्रति घटना जुर्माना या फिर उसके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने के बाद भी वो फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र देने के बाद भी पराली में आग लगा रहे हैं, जो ठीक नहीं है. ऐसा कर वो पर्यावरण को दूषित करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हरसैक द्वारा जिले में अब तक कुल 139 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं. जिस पर कार्रवाई की गई तो पाया कि 72 स्थानों पर पराली जलाने की घटना पाई गई हैं. 60 स्थानों पर फसल अवशेष जले नहीं पाए गए और 7 घटनाओं की जांच चल रही है.
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जिन किसानों के खेतों में आग की घटना पाई गई उन पर कार्रवाई करते हुए 13 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 59 किसानों पर कार्रवाई करते हुए 1 लाख 47 हजार 500 रुपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है. इसी तरह 22 ग्राम पंचायत के सरपंचों को जिनके गांवों में आगजनी की घटना पाई गई हैं, उनको भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है.