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कैथल में पराली जलाने पर 15 किसानों पर FIR - कैथल 15 किसान एफआईआर

पराली जलाने वाले किसानों पर कैथल प्रशासन सख्त हो गया है. पराली जलाने पर जिले के 15 किसानों पर केस दर्ज किया गया है. साथ ही 59 किसानों पर कार्रवाई करते हुए 1 लाख 47 हजार 500 रुपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है.

FIR on 15 farmers for burning stubble in Kaithal
कैथल में पराली जलाने पर 15 किसानों पर FIR
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Published : Oct 17, 2020, 12:53 PM IST

कैथल: हरियाणा सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाने पर भी प्रदेश कई किसान ऐसे हैं जो अब भी पराली जला रहे हैं. ऐसे किसानों पर जिला प्रशासन ना सिर्फ नजर बनाए हुए है, बल्कि उनके खिलाफ केस भी दर्ज किए जा रहे हैं. ऐसे ही 13 किसानों के खिलाफ पराली जालने पर केस दर्ज किया गया है.

कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने कहा कि हरसैक द्वारा भेजी जा रही एएफएल यानि एक्टिव फायर लोकेशन पर प्रतिदिन ग्राम स्तर पर गठित निगरानी टीम जांच कर रही है. अगर कोई किसान धान अवशेष जलाते हुए पाया जाता है तो उस पर 2 एकड़ तक 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक 5 हजार रुपये और 5 एकड़ से ज्यादा पर 15 हजार रुपये प्रति घटना जुर्माना या फिर उसके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

कैथल में पराली जलाने पर 15 किसानों पर FIR

उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने के बाद भी वो फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र देने के बाद भी पराली में आग लगा रहे हैं, जो ठीक नहीं है. ऐसा कर वो पर्यावरण को दूषित करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हरसैक द्वारा जिले में अब तक कुल 139 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं. जिस पर कार्रवाई की गई तो पाया कि 72 स्थानों पर पराली जलाने की घटना पाई गई हैं. 60 स्थानों पर फसल अवशेष जले नहीं पाए गए और 7 घटनाओं की जांच चल रही है.

ये भी पढ़िए: जगाधरी की शांती कॉलोनी में बन रही थी नकली शराब, पुलिस और एक्साइज विभाग ने मारी रेड

जिन किसानों के खेतों में आग की घटना पाई गई उन पर कार्रवाई करते हुए 13 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 59 किसानों पर कार्रवाई करते हुए 1 लाख 47 हजार 500 रुपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है. इसी तरह 22 ग्राम पंचायत के सरपंचों को जिनके गांवों में आगजनी की घटना पाई गई हैं, उनको भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है.

कैथल: हरियाणा सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाने पर भी प्रदेश कई किसान ऐसे हैं जो अब भी पराली जला रहे हैं. ऐसे किसानों पर जिला प्रशासन ना सिर्फ नजर बनाए हुए है, बल्कि उनके खिलाफ केस भी दर्ज किए जा रहे हैं. ऐसे ही 13 किसानों के खिलाफ पराली जालने पर केस दर्ज किया गया है.

कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने कहा कि हरसैक द्वारा भेजी जा रही एएफएल यानि एक्टिव फायर लोकेशन पर प्रतिदिन ग्राम स्तर पर गठित निगरानी टीम जांच कर रही है. अगर कोई किसान धान अवशेष जलाते हुए पाया जाता है तो उस पर 2 एकड़ तक 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक 5 हजार रुपये और 5 एकड़ से ज्यादा पर 15 हजार रुपये प्रति घटना जुर्माना या फिर उसके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

कैथल में पराली जलाने पर 15 किसानों पर FIR

उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने के बाद भी वो फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र देने के बाद भी पराली में आग लगा रहे हैं, जो ठीक नहीं है. ऐसा कर वो पर्यावरण को दूषित करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हरसैक द्वारा जिले में अब तक कुल 139 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं. जिस पर कार्रवाई की गई तो पाया कि 72 स्थानों पर पराली जलाने की घटना पाई गई हैं. 60 स्थानों पर फसल अवशेष जले नहीं पाए गए और 7 घटनाओं की जांच चल रही है.

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जिन किसानों के खेतों में आग की घटना पाई गई उन पर कार्रवाई करते हुए 13 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 59 किसानों पर कार्रवाई करते हुए 1 लाख 47 हजार 500 रुपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है. इसी तरह 22 ग्राम पंचायत के सरपंचों को जिनके गांवों में आगजनी की घटना पाई गई हैं, उनको भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है.

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