यमुनानगर: लॉक डाउन के चलते कई प्रवासी मजदूर अलग-अलग जिलों में फंसे हुए हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश के रहने वाले काफ़ी प्रवासी मजदूर जा चुके हैं, लेकिन कुछ अन्य राज्य के लोग अभी भी फंसे हुए हैं. यमुनानगर की बात की जाए तो जिले में अलग-अलग राज्यों से डेढ़ सौ के करीब प्रवासी मजदूर अभी भी रह रहे हैं. यमुनानगर में सबसे ज्यादा प्रवासी राधा स्वामी सत्संग भवन में रुके हुए थे लगभग 25 लोग यहां रुके हुए थे. यहां के माहौल की वजह से मजदूरों की जिंदगी में नाटकीय रूप से परिवर्तन हुआ है.
यहां पर प्रवासी मजदूरों को खाने, रहने और डॉक्टरी सहायता के साथ-साथ आम जिंदगी को अच्छी तरह जीने के गुण भी सिखाए जाते हैं. सुबह इनको योगा करवाया जाता है और अगर किसी की खेलों में रुचि है तो वह यहां क्रिकेट, फुटबॉल भी खेलते हैं. इन सब में एक बात जो सबसे अच्छी है इन लोगों में से जो जो लोग नशा करते थे, वह अब नशा छोड़ चुके हैं.
राधा स्वामी सत्संग में नशा छोड़ने को लेकर समय-समय पर प्रेरित किया जाता है. उनको प्रवचन भी सुनाए जाते हैं और साथ ही साथ सीडी के जरिए फिल्म दिखा कर उनको नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है. जिससे यह लोग भी काफी खुश नजर आ रहे हैं कि कई सालों से जो यह नशा करते आ रहे थे अब उनकी नशे की लत छूट चुकी है और अब जिंदगी में नशा ना करने का प्रण भी ले चुके हैं
क्या कहना है प्रवासी मजदूरों का?
बिहार के रहने वाले मुन्ना यादव ने बताया कि वह सबसे पहले बिलासपुर के सत्संग घर में रुके हुए थे. और अभी सत्संग भवन में रुके हुए हैं. उसने बताया कि यहां पर सेवादार अच्छे से इनका ख्याल रख रहे हैं. खाने-पीने के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी इनको दी जा रही हैं, लेकिन इसके साथ-साथ उनका नशा भी छूट गया. वो पिछले 15 सालों से शराब, तंबाकू, बीड़ी आदि के नशे का सेवन करते थे, लेकिन यहां आकर वह नशा छूट गया. नशे की लत छूटने की खबर मिलने पर परिवार वाले भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. इसके लिए वह राधा स्वामी सत्संग के सेवादारों का धन्यवाद करते हैं.
बिहार के ही रहने वाले मोहम्मद सदा आलम ने बताया कि यहां पर उनको किसी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं आ रही है. पिछले काफी समय से जो नशा व्यक्त कर रहे थे. वह नशे की आदत अब छूट चुकी है जिससे पैसे की बचत तो हो ही रही है, लेकिन नशे के कारण जो परेशानी रहती थी अब वह भी दूर हो चुकी है. इसके साथ-साथ ही घर की याद भी उनको सता रही है.
सीडी से फिल्म दिखा कर छुड़वाया नशा: सेवादार
वहीं राधा स्वामी सत्संग भवन के सेवादार कि गौरव ने बताया कि लॉक डाउन के कारण यहां पर तीन हजार के लगभग प्रवासी मजदूर रुके थे, लेकिन अब यूपी के लोगों के जाने के बाद जिले में अलग-अलग राज्य से डेढ़ सौ के करीब ही प्रवासी मजदूर बचे हैं. उन्होंने बताया कि सीडी के जरिए इन लोगों को नशा मुक्ति के प्रोग्राम दिखाए जाते हैं. जिस से प्रेरणा लेकर ही इन लोगों ने नशा छोड़ दिया है.
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