यमुनानगर: पूरे देश में छठ का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया. इस त्योहार के मौके पर महिलाओं ने सूर्य देव और छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा और संतान प्राप्ति और बच्चों की लंबी उम्र की कामना भी की.
इस दिन घाट पर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है. वहीं सप्तमी की सुबह उठते सूरज को अर्घ्य देने की भी परंपरा है. यमुनानगर के पश्चिमी यमुना नहर के घाट पर छठ पर्व काफी धूमधाम से मनाया गया. इस बार का छठ पिछले साल से अलग था. हर साल यहां पर मेला भी लगाया जाता है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने गाइडलाइंस जारी की थी और मेला लगाने पर मनाही की गई थी.
हालांकि, प्रशासन ने श्रद्धालुओं को पूजा करने के लिए यमुना नहर घाट पर साफ-सफाई की व्यवस्था करवाई थी. वही यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि हालांकि इस बार छठ महापर्व मेला ना लगने की वजह से थोड़ा फीका रहा लेकिन उन्होंने पूरे मन से ये व्रत किया और अच्छे से छठ महापर्व बनाया है. लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए इस त्योहार को मनाया है.
ये भी पढ़ें- MBBS फीस बढ़ने पर बोले बृजेन्द्र सिंह, 'सरकार ने सोच समझकर लिया फैसला'