यमुनानगरः हरियाणा के युमनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज के पास सरकार डैम का निर्माण कराने (dam construction protest in Yamunanagar) जा रही है. क्योंकि हर साल बरसात के मौसम में पहाड़ों से भारी बरसात के कारण यमुना तबाही मचाती है. इस तबाही से बचने और पानी की स्टोरेज के लिये इसका निर्माण किया जा रहा है. लेकिन डैम के निर्माण से नाराज कलेसर के ग्रामीणों ने विरोध (Kalesar villagers protest ) करना शुरू कर दिया है.
अभी सर्वे का काम जारी है. असल में भाजपा सरकार हथिनीकुंड बैराज (Hathnikund Barrage Yamunanagar) के पानी को स्टोर करने के लिये ये डैम बना रही है. हथिनीकुंड बैराज में जमा पानी न सिर्फ दिल्ली बल्कि कई राज्यों की प्यास बुझाता है. इस बैराज से पानी डायवर्ट तो किया जाता है मगर स्टोरेज नहीं होती है. इसलिये हरियाणा की मनोहर सरकार ने डैम बनाने का प्लान बनाया है.
इसमें पानी की स्टोरेज होगी. साथ ही जितनी जरुरत होगी उतना पानी सप्लाई किया जाएगा. हरियाणा सरकार हथिनीकुंड बैराज से करीब 5 किलोमीटर ऊपर डैम बनाने जा रही है. इस्कॉन दिल्ली के लीगल डायरेक्टर रमनरूप दास का कहना है कि सरकार को हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में डैम को बनाना चाहिये. उन्होंने कहा कि डैम के बनने से न सिर्फ पर्यावरण बल्कि हजारों पशु पक्षियों के रहने पर भी संकट आएगा.
उन्होंने कहा की वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल (chief minister Manohar lal Haryana) से अपील करते हैं कि वो इस डैम को हिमाचल प्रदेश में बनाये. बता दें कि इस्कॉन भी यहां पर मंदिर बना रही है. डैम के प्लान की बात सुनते ही कलेसर गांव के लोगों की मुसीबत बढ़ गई है. डैम बनने से ना सिर्फ उनके आशियाने उजड़ेंगे बल्कि उनकी जमीनों का अधिग्रहण भी होगा जो उन्हे मंजूर नहीं. डैम के निर्माण के लिए हरियाणा के अलावा हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की जमीन की जरुरत होगी.
डैम के निर्माण को लेकर सरकार के आदेश आते ही सिंचाई विभाग ने भी कमर कस ली है. हरियाणा की तरफ से डैम के निर्माण को लेकर सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है. लेकिन हिमाचल प्रदेश से सर्वे के लिए अभी हरी झंडी नहीं मिली है. सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल ने बताया कि डैम का निर्माण 11,170 वर्ग किलोमीटर में होगा. सरकार का दावा है कि डैम बनने से ना सिर्फ बिजली पैदा होगी बल्कि दक्षिण हरियाणा को भी पानी मिलेगा.
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