यमुनानगर: अंतरराज्यीय ऐतिहासिक मेला कपाल मोचन में आने वाले श्रद्धालुओं के हाथ इस बार निराशा लगने वाली है. हर साल इस मेले में 8 से 10 लाख लोग पहुंचते हैं. कोरोना के चलते इस बार किसी को भी मेले में आने की अनुमति नहीं है. हालांकि अभी से ही इक्का-दुक्का लोग कपाल मोचन में पहुंच रहे हैं.
बता दें कि कोरोना का असर इस बार ऐतिहासिक मेला कपाल मोचन पर भी पड़ रहा है. इसमें हर साल लाखों लोग पहुंचकर कपाल मोचन के तीन सरोवर में स्नान करते हैं. इस बार ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है. कोरोना के चलते प्रशासन ने इस बार मेला न लगाने की बात कही है और ऐसे में प्रशासन 27 नवंबर से पहले ही कपाल मोचन के बाहर बैरिकेट्स लगा दिए जाएंगे.
कपाल मोचन में कोई भी ना आए इसके लिए पुख्ता बंदोबस्त प्रशासन कर रहा है. कपाल मोचन के तीनों सरोवर में अभी से पानी को सुखा दिया गया है ताकि कोई व्यक्ति इन सरोवर में स्नान ना कर सकें. इस बार सरोवर को साफ तक नहीं किया गया लेकिन कार्तिक मास के चलते लोग मेला लगने से पहले ही यहां पहुंचना शुरू हो गए हैं.
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कार्तिक मास के शुरू होते ही लोगों का यहां आना शुरू हो गया है. हालांकि 27 नवंबर के आसपास कपाल मोचन की सीमाओं को सील करने की बात कही जा रही है. लोगों की श्रद्धा ऐसी है कि अभी से यहां पहुंच कर सरोवर में स्नान करना शुरू कर दिया है. जिस सरोवर में श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं वहां पानी भी ना के बराबर है.