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शादी समारोह में सरकारी वाहन से शगुन देने पहुंची सीडीपीओ मेडम, नियमों की उड़ाई गई धज्जियां

सरकारी अधिकारी सरकारी गाड़ियों का निजी प्रयोग कर इन योजनाओं को पलीता लगा रहीं हैं. इस बारे में जब आला अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में जांच की बात कही.

सीडीपीओ मेडम.
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Published : Feb 3, 2019, 12:05 AM IST

यमुनानगर: एक और प्रदेश सरकार जहां प्रदेश के खजाने की पाई-पाई की बचत के लिए कोशिश कर रही है. वहीं सरकारी अधिकारी सरकारी गाड़ियों का निजी प्रयोग कर इन योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं. इस बारे में जब आला अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में जांच की बात कही.


पैसा बचाने की कवायद में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर काफिले के साथ देश की राजधानी में पहुंचने के लिए ट्रेन और बस का प्रयोग कर रहे हैं. वहीं प्रदेश की अफसरशाही अपने राज्य से अंदाज बदलने को तैयार नहीं है.


यमुनानगर में महिला एवं बाल विकास साढ़ौरा की सीडीपीओ अपने निजी कामों के लिए सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर रही है. बाजार का काम हो या विवाह समारोह सीडीपीओ महोदय अपनी शान बघारने के लिए सरकारी पैसों की बर्बादी करते हुए विभाग की यह गाड़ी प्रयोग कर रही है.


सीडीपी महोदया की गाड़ी के ड्राइवर चपरासी के पद पर उनके ऑफिस में तैनात है. उसके पास ड्राइवर का कोई भी आई कार्ड उपलब्ध नहीं था. इसके बावजूद भी वह पिछले कई महीनों से गाड़ी चला रहा है.
सीडीपीओ सीमा प्रसाद से जब मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा कि मैं तो अपनी खुद की गाड़ी से ही आती जाती हूं. बस आज ही सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल किया है. चपरासी से सरकारी गाड़ी चलाने के ऊपर जब उससे पूछा गया तो उसके पास कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

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इस मामले में जिला अतिरिक्त उपायुक्त से बातचीत की गई तो उन्होंने इस मामले में तुरंत जांच करवाने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर जांच में कुछ गलत पाया गया तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.

यमुनानगर: एक और प्रदेश सरकार जहां प्रदेश के खजाने की पाई-पाई की बचत के लिए कोशिश कर रही है. वहीं सरकारी अधिकारी सरकारी गाड़ियों का निजी प्रयोग कर इन योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं. इस बारे में जब आला अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में जांच की बात कही.


पैसा बचाने की कवायद में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर काफिले के साथ देश की राजधानी में पहुंचने के लिए ट्रेन और बस का प्रयोग कर रहे हैं. वहीं प्रदेश की अफसरशाही अपने राज्य से अंदाज बदलने को तैयार नहीं है.


यमुनानगर में महिला एवं बाल विकास साढ़ौरा की सीडीपीओ अपने निजी कामों के लिए सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर रही है. बाजार का काम हो या विवाह समारोह सीडीपीओ महोदय अपनी शान बघारने के लिए सरकारी पैसों की बर्बादी करते हुए विभाग की यह गाड़ी प्रयोग कर रही है.


सीडीपी महोदया की गाड़ी के ड्राइवर चपरासी के पद पर उनके ऑफिस में तैनात है. उसके पास ड्राइवर का कोई भी आई कार्ड उपलब्ध नहीं था. इसके बावजूद भी वह पिछले कई महीनों से गाड़ी चला रहा है.
सीडीपीओ सीमा प्रसाद से जब मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा कि मैं तो अपनी खुद की गाड़ी से ही आती जाती हूं. बस आज ही सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल किया है. चपरासी से सरकारी गाड़ी चलाने के ऊपर जब उससे पूछा गया तो उसके पास कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

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इस मामले में जिला अतिरिक्त उपायुक्त से बातचीत की गई तो उन्होंने इस मामले में तुरंत जांच करवाने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर जांच में कुछ गलत पाया गया तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.

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SLUG.  CDPO@MISSUSE
REPORTER    RAJNI SONI
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एंकर।   एक और प्रदेश सरकार जहां प्रदेश के खजाने की पाई पाई की बचत के लिए प्रयास कर रही है अफसरों की बैठक पर होने वाले हजारों लाखों रुपए के सालाना खर्च को कम करने के लिए वीडियो कांफ्रेस कर  किफायती कदम उठाए जा रहे हैं वहीं सरकारी अधिकारी  सरकारी गाड़ियों का निजी प्रयोग कर इन योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं।वही  जब आला अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में जांच की बात कही।


वीओ   पैसा बचाने की कवायद में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर काफिले के साथ  देश की राजधानी में पहुंचने के लिए  ट्रेन और बस का प्रयोग कर रहे हैं  और प्रदेश की सरकार डिजिटल इंडिया जैसे कदमों पर चलते हुए जहां समय और पैसे की बर्बादी को रोकने के लिए वीडियो कांफ्रेस और अन्य कदम उठा रही है वहीं लगता है प्रदेश की अफसरशाही अपने राज्य से अंदाज बदलने को तैयार नहीं है। यमुनानगर में महिला एवं बाल विकास साडोरा की सीडीपीओ अपने निजी कामो के लिए सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर रही है। बाजार का काम हो या विवाह समारोह सीडीपीओ महोदय  अपनी शान बिखरने के लिए सरकारी पैसों की बर्बादी करते हुए विभाग की यह गाड़ी प्रयोग कर रही हैं।
इस मामले में अधिकारियों द्वारा जनता के पैसे की की जा रही फिजूलखर्ची पर आंखें मूंदे हुए हैं। और तो और जो ड्राइवर गाड़ी चला रहा था वह चपरासी के पद पर इस उसके ऑफिस में तैनात है उसके पास ड्राइवर का कोई भी आई कार्ड उपलब्ध नहीं था इसके बावजूद भी पिछले कई महीनों से वह गाड़ी चला रहा है।


वीओ     सीडीपीओ सीमा प्रसाद से जब मीडिया ने बात की  तो उसने कहा कि मैं तो अपनी खुद की गाड़ी से ही आती जाती हूं बस आज ही सरकारी गाड़ी  का इस्तेमाल किया है चपरासी से सरकारी गाड़ी चलाने के ऊपर जब उससे पूछा गया तो उसके पास कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आप खुद ही सुनिए कि वह किस प्रकार से सवालों के घेरे में फंसती चली गई। 

बाइट   सीमा प्रसाद (सीडीपीओ साडोरा)

बाइट    इस मामले में जिला अतिरिक्त उपायुक्त को से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी उनके संज्ञान में यह मामला आया है इस मामले में तुरंत जांच करवाई जाएगी और अगर जांच में गलत पाया जाता है तो उसके उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी ।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई होती है ।कार्रवाई होती भी है या फिर बहुत से मामलों की तरह इस मामले को भी ऐसे ही छोड़ दिया जाएगा।

बाइट   केके भादू (जिला अतिरिक्त उपायुक्त)


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