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10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, यमुनानगर में चलाया जाएगा विशेष अभियान

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Published : Feb 4, 2020, 5:21 PM IST

डॉ. परमार ने सभी आशा और आंगनवाड़ी वर्करों को इस अभियान को लेकर दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य है कि 1 से 19 साल के बच्चों को पेट मे कीड़े मारने की दवा दी जाती है.

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10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

यमुनानगर: स्वास्थ्य विभाग की ओर से 10 फरवरी को चलाए जाने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान को लेकर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रादौर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विजय परमार ने आशा और आंगनवाड़ी वर्करों की बैठक ली.

इस मौके पर डॉ. परमार ने सभी आशा और आंगनवाड़ी वर्करों को इस अभियान को लेकर दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य है कि 1 से 19 साल के बच्चों को पेट मे कीड़े मारने की दवा दी जाती है.

10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

बैठक में आशा और आंगनवाड़ी वर्करों को बताया गया है कि उन्हें किस प्रकार से ये दवा बच्चों को स्कूल या घरों में देनी है. वहीं उन्होंने कहा कि ये अभियान 10 फरवरी को चलेगा, जिसमें ईंट भठ्ठो पर रहने वाले बच्चों सहित सभी गरीब बच्चों को कवर किया जाएगा. वहीं जो बच्चे रह जाएंगे 17 फरवरी को कवर किया जाएगा.

ये भी पढ़िए: राज्यसभा में सैलजा ने उठाया प्रदूषित पानी का मुद्दा, बोलीं- केंद्र ने नहीं जारी की पर्याप्त राशि

डॉ. परमार ने बताया कि पेट मे कीड़े होने की वजह से बच्चों की ग्रोथ रुक जाती है. उन्होंने कहा कि पेट में कीड़े होने की वजह से बच्चे में खून की भी कमी हो जाती है, वही इसका असर बच्चे पर मानसिक रूप से भी पड़ता है. साथ ही उन्होंने सभी अभिभावकों से भी यही अपील करते हुए कहा कि वो 10 फरवरी को अपने बच्चों को कीड़े मारने की दवा अवश्य खिलाए.

यमुनानगर: स्वास्थ्य विभाग की ओर से 10 फरवरी को चलाए जाने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान को लेकर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रादौर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विजय परमार ने आशा और आंगनवाड़ी वर्करों की बैठक ली.

इस मौके पर डॉ. परमार ने सभी आशा और आंगनवाड़ी वर्करों को इस अभियान को लेकर दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य है कि 1 से 19 साल के बच्चों को पेट मे कीड़े मारने की दवा दी जाती है.

10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

बैठक में आशा और आंगनवाड़ी वर्करों को बताया गया है कि उन्हें किस प्रकार से ये दवा बच्चों को स्कूल या घरों में देनी है. वहीं उन्होंने कहा कि ये अभियान 10 फरवरी को चलेगा, जिसमें ईंट भठ्ठो पर रहने वाले बच्चों सहित सभी गरीब बच्चों को कवर किया जाएगा. वहीं जो बच्चे रह जाएंगे 17 फरवरी को कवर किया जाएगा.

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डॉ. परमार ने बताया कि पेट मे कीड़े होने की वजह से बच्चों की ग्रोथ रुक जाती है. उन्होंने कहा कि पेट में कीड़े होने की वजह से बच्चे में खून की भी कमी हो जाती है, वही इसका असर बच्चे पर मानसिक रूप से भी पड़ता है. साथ ही उन्होंने सभी अभिभावकों से भी यही अपील करते हुए कहा कि वो 10 फरवरी को अपने बच्चों को कीड़े मारने की दवा अवश्य खिलाए.

Intro:राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर एसएमओ ने ली आशा व आंगनवाड़ी वर्करों की मीटिंग, 10 फरवरी को चलेगा अभियान।



Body: स्वास्थ्य विभाग द्वारा 10 फरवरी को चलाए जाने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान को लेकर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रादौर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ विजय परमार ने आशा व आंगनवाड़ी वर्करों की बैठक ली। इस अवसर पर डॉ परमार ने बैठक में सभी आशा व आंगनवाड़ी वर्करों को इस अभियान को लेकर विशेष दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस हर वर्ष 10 फरवरी को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य है कि 1 से 19 साल के बच्चों को पेट मे कीड़े मारने की दवा दी जाती है। आज उसी को लेकर आशा व आंगनवाड़ी वर्करों को बताया गया है कि उन्हें किस प्रकार से ये दवा बच्चों को स्कूल या घरों में देनी है। वही उन्होंने कहा कि ये 10 फरवरी को चलेगा जिसमे ढाबो व ईंट भठ्ठो पर रहने वाले बच्चों के अलावा जो सबला है उन्हें भी दी जाएगी व जो बच्चे रह जाएंगे उन्हें 17 फरवरी को कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पेट मे कीड़े होने की वजह से जहाँ बच्चों की ग्रोथ रुक जाती है।Conclusion:उन्होंने कहा कि पेट में कीड़े होने की वजह से बच्चे में खून की भी कमी हो जाती है,वही इसका असर बच्चे पर मानसिक रूप से भी पड़ता है, जिससे ऐसे बच्चों के अभिभावकों को स्कूल टीचर यही शिकायत करते है कि आपके बच्चा जो समझा रहे है उसे समझ नही रह है। इस प्रकार की समस्या आम रहती है। उन्होंने सभी अभिभावकों को से भी यही अपील करते हुए कहा कि वो 10 फरवरी को अपने बच्चों को कीड़े मारने की दवा अवश्य खिलाए।

बाईट - डॉ. विजय परमार, एसएमओ
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