यमुनानगर: पहाड़ी इलाकों में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी वर्षा के चलते यमुना नदी उफान पर आ (Raise water level of Yamuna river in Yamunanagar) गई है. यमुना में सोमवार सुबह 6 बजे 2 लाख 95 हजार 9 सौ 12 क्यूसेक पानी हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया है. जिसके चलते हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है. संभावना जताई जा रही है कि यमुना नदी में पानी छोड़े जाने से हरियाणा के यमुना से लगते कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालात (Water level increased in Yamuna river ) हो सकते हैं. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली को भी इसकी सूचना भेज दी है. कई सालों बाद ऐसा हुआ है, जब सितंबर महीने में यमुना उफान पर आई है और हथिनी कुंड बैराज से इतना पानी छोड़ा गया है.
कितना दर्ज किया गया यमुना का जलस्तर:
- पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद उफान पर यमुना नदी
- रात 1 बजे यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज पर दर्ज किया गया 2,39,635 क्यूसेक पानी
- रात 2 बजे दर्ज हुआ 2,53,326 और 3 बजे 2,67,273 और 4 बजे 2,81,470 क्यूसेक पानी
- 5 बजे हथिनी कुंड बैराज पर पहुंचा 2,95,912 क्यूसेक पानी
- 7 बजे पानी घटकर हुआ 2,57,947 क्यूसेक पानी
यमुना नदी के उफान पर आने के बाद यमुना के साथ लगते कई इलाकों के लोगों को अपनी सुरक्षा का खतरा भी सताने लगा है. क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि पानी जैसे-जैसे निचले इलाकों में आएगा यमुना के साथ लगते कई गांव इससे प्रभावित हो सकते (Raise water level of Yamuna river) हैं. हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को यमुना से दूर रहने और निचले इलाकों को खाली किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं.
वहीं, पानी तेजी से निचले इलाकों में बढ़ रहा है इसलिए लोगों ने भी निचले इलाकों को छोड़कर ऊपरी इलाकों में शरण लेना शुरू कर दिया है. सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में हो रही वर्षा के बाद हरियाणा में यमुना का जलस्तर हथिनी कुंड बैराज पर 2 लाख 95 हजार 912 क्यूसेक हो गया, जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि रात 11 बजे यमुना का जलस्तर 94 हजार 601 क्यूसेक हो गया था, जिसके बाद छोटी नहरों को बंद करके हथिनी कुंड बैराज के गेट खोल दिए गए थे. उसके बाद पानी लगातार बढ़ता जा रहा है और सोमवार सुबह 6 बजे 2 लाख 95 हजार 912 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
कब खोला जाता है बैराज का गेट: बैराज का गेट 70 हजार से अधिक पानी होने के बाद खोला जाता है, जिसे मिनी फ्लड कहा जाता है. उसके बाद हरियाणा की कई नहरों का पानी बंद कर दिया जाता है और सारा पानी यमुना नदी में छोड़ दिया जाता है. अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है. उन्होंने कहा कि निचले इलाकों में सूचना भेजी जा रही है. प्रशासन पूरी नजर बनाए हुए है. उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भी बाढ़ का खतरा पैदा कर सकता है. इसके लिए यमुनानगर जिला प्रशासन ने अन्य जिले के अधिकारियों को सूचित कर दिया है.
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