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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए रादौर के किसान और आढ़ती - रादौर किसान आढ़ती प्रदर्शन

रादौर में कृषि अध्यादेश को लेकर किसानों और व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बिल के विरोध में आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

adhati and farmers protest against agriculture Ordinance in radaur
adhati and farmers protest against agriculture Ordinance in radaur
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Published : Sep 20, 2020, 4:27 PM IST

यमुनानगर: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि अध्यादेश अब कानून का रूप लेने वाले हैं. सरकार ने पहले लोकसभा और अब आज इसे राज्यसभा से पास करवा लिया है. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये अध्यादेश कानून की शक्ल में आ जाएगा. इसके बाद अब किसानों और आढ़तियों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है.

रादौर में तीन कृषि संबंधी अध्यादेशों को वापस लेने के लिए किसानों और आढ़तियों का आंदोलन तीसरे दिन तेज हो गया है. किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नरेबाजी की और कहा कि जब तक अध्यादेश वापस नहीं होंगे तब तक हड़ताल जारी रहेगी. बता दें कि इस अध्यादेश के विरोध में किसानों ने पूरे हरियाणा के हाईवे को जाम करने का ऐलान किया था.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए रादौर के किसान और आढ़ती, देखें वीडियो

आज किसानों ने इन अध्यादेशों के विरोध में प्रदेशभर में हाईवे जाम कर अपना रोष जाहिर किया. रादौर में इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मंडी के प्रधान संजय गुप्ता ने कहा कि इन तीनों अध्यादेशों के लागू होने के बाद किसान व आढ़ती बिल्कुल बर्बाद हो जाएंगे. मंडी फीस व फार्मर प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स अध्यादेश में मंडी के बाहर फसल बेचने पर मार्केट फीस व अन्य किसी भी नाम से कोई फण्ड या टैक्स आदि लगाने पर पाबंदी है. जबकि मंडी के अंदर ये जारी रहेंगे. ये बिल्कुल अनुचित हैं.

ये भी पढ़ें- राज्यसभा में पास हुआ कृषि बिल, किरण चौधरी बोलीं- देश के इतिहास का काला दिन

बीजेपी सरकार एक देश दो विधान का विरोध करती थी, मंडी व्यवस्था के लिए भी दो विधान गलत हैं. क्योंकि टैक्स, फीस, फण्ड आदि माल की कीमत में बढ़ोतरी करते हैं, ऐसे में मंडी का व्यापारी बाहर के व्यापारी से कैसे प्रतिस्पर्धा करेगा. इसलिए मंडी के अंदर और बाहर एक जैसे टैक्स, फीस, फण्ड आदि का प्रावधान होना जरूरी है.

गौरतलब है कि संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी.

यमुनानगर: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि अध्यादेश अब कानून का रूप लेने वाले हैं. सरकार ने पहले लोकसभा और अब आज इसे राज्यसभा से पास करवा लिया है. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये अध्यादेश कानून की शक्ल में आ जाएगा. इसके बाद अब किसानों और आढ़तियों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है.

रादौर में तीन कृषि संबंधी अध्यादेशों को वापस लेने के लिए किसानों और आढ़तियों का आंदोलन तीसरे दिन तेज हो गया है. किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नरेबाजी की और कहा कि जब तक अध्यादेश वापस नहीं होंगे तब तक हड़ताल जारी रहेगी. बता दें कि इस अध्यादेश के विरोध में किसानों ने पूरे हरियाणा के हाईवे को जाम करने का ऐलान किया था.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए रादौर के किसान और आढ़ती, देखें वीडियो

आज किसानों ने इन अध्यादेशों के विरोध में प्रदेशभर में हाईवे जाम कर अपना रोष जाहिर किया. रादौर में इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मंडी के प्रधान संजय गुप्ता ने कहा कि इन तीनों अध्यादेशों के लागू होने के बाद किसान व आढ़ती बिल्कुल बर्बाद हो जाएंगे. मंडी फीस व फार्मर प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स अध्यादेश में मंडी के बाहर फसल बेचने पर मार्केट फीस व अन्य किसी भी नाम से कोई फण्ड या टैक्स आदि लगाने पर पाबंदी है. जबकि मंडी के अंदर ये जारी रहेंगे. ये बिल्कुल अनुचित हैं.

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बीजेपी सरकार एक देश दो विधान का विरोध करती थी, मंडी व्यवस्था के लिए भी दो विधान गलत हैं. क्योंकि टैक्स, फीस, फण्ड आदि माल की कीमत में बढ़ोतरी करते हैं, ऐसे में मंडी का व्यापारी बाहर के व्यापारी से कैसे प्रतिस्पर्धा करेगा. इसलिए मंडी के अंदर और बाहर एक जैसे टैक्स, फीस, फण्ड आदि का प्रावधान होना जरूरी है.

गौरतलब है कि संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी.

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