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यमुनानगर: धोखाधड़ी का शिकार हुई रशियन महिला का मददगार बना 9वीं कक्षा का छात्र

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Published : Jul 28, 2019, 5:12 PM IST

धोखाधड़ी का शिकार हुई रशियन महिला के लिए यमुनानगर का 9वीं कक्षा का छात्र मददगार साबित हुआ. महिला के साथ हुई वारदात के बाद महिला को अपने घर ले गया. उसको दिमागी तौर पर सहज किया. बाद में महिला ने पुलिस को सूचना दी. फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है.

रशियन महिला के साथ 9वीं का छात्र

यमुनानगर: एक तरफ जहां पंचकूला की रतेड़ी का दीपक रशियन महिला से धोखाधड़ी कर उसे यमुनानगर के सावनपुरी इलाके में छोड़ कर फरार हो गया वहीं 9वीं के छात्र उसके लिए मददगार बन गया. जब दीपक महिला को सड़क पर छोड़कर भाग रहा था तब ईशान ने दीपक का पीछा करने की कोशिश की लेकिन वो हाथ नहीं आया. बाद में ईशान उस रूसी महिला को अपने घर ले आया. ईशान ने अपने घरवालों को बुलाया और उसे समझा कर उसे पानी पिलाया.

मददगार छात्र ईशान

गूगल ट्रांसलेटर से समझी भाषा
ईशान उस महिला की भाषा समझ नहीं पा रहा था साथ ही उस महिला को भी ज्यादा अंग्रेजी नहीं आती थी, फिर ईशान ने थोड़ा दिमाग चलाया और गूगल ट्रांसलेटर की मदद से महिला की बात समझने की कोशिश की. इस काम में ईशान के परिवार ने उसका हौसला बढ़ाया. थोड़ी देर में महिला सहज महसूस करने लगी. ईशान के परिवार के साथ महिला घुल मिल गई. जब उसका मन हल्का हुआ तो उसने पूरे परिवार का आभार व्यक्त किया और परिवार के लोगों के साथ फोटो खिंचवाई.

शादी का झांसा देकर रशियन महिला को धोखा
आरोपी दीपक ने करीब डेढ़ साल पहले इस रशियन महिला से बातचीत करनी शुरू की थी, बाद में शादी का झांसा दिया. आरोपी दीपक ने खुद को एक प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी का सीईओ बताया था. आरोपी दीपक ने महिला को एक अच्छी बिल्डिंग के आगे खड़े होकर अपनी तस्वीरें भेजी और महिला को यकीन दिलाया कि वो कंपनी का मालिक है. इस दौरान दीपक ने महिला से कहा कि वो अविवाहित है और जब महिला भारत आई तो उसे पता लगा कि उसके साथ धोखा हुआ है.

महिला से ठगे 10 लाख रुपये
दीपक ने महिला से 14606 यूएस डॉलर भी लिए जिसकी कीमत भारतीय करेंसी के अनुसार 10 लाख के करीब है. इसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दी और रशियन एंबेसी में शिकायत आई. जिसमें एफआईआर दर्ज की गई. फिलहाल पुलिस ने आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया है.

यमुनानगर: एक तरफ जहां पंचकूला की रतेड़ी का दीपक रशियन महिला से धोखाधड़ी कर उसे यमुनानगर के सावनपुरी इलाके में छोड़ कर फरार हो गया वहीं 9वीं के छात्र उसके लिए मददगार बन गया. जब दीपक महिला को सड़क पर छोड़कर भाग रहा था तब ईशान ने दीपक का पीछा करने की कोशिश की लेकिन वो हाथ नहीं आया. बाद में ईशान उस रूसी महिला को अपने घर ले आया. ईशान ने अपने घरवालों को बुलाया और उसे समझा कर उसे पानी पिलाया.

मददगार छात्र ईशान

गूगल ट्रांसलेटर से समझी भाषा
ईशान उस महिला की भाषा समझ नहीं पा रहा था साथ ही उस महिला को भी ज्यादा अंग्रेजी नहीं आती थी, फिर ईशान ने थोड़ा दिमाग चलाया और गूगल ट्रांसलेटर की मदद से महिला की बात समझने की कोशिश की. इस काम में ईशान के परिवार ने उसका हौसला बढ़ाया. थोड़ी देर में महिला सहज महसूस करने लगी. ईशान के परिवार के साथ महिला घुल मिल गई. जब उसका मन हल्का हुआ तो उसने पूरे परिवार का आभार व्यक्त किया और परिवार के लोगों के साथ फोटो खिंचवाई.

शादी का झांसा देकर रशियन महिला को धोखा
आरोपी दीपक ने करीब डेढ़ साल पहले इस रशियन महिला से बातचीत करनी शुरू की थी, बाद में शादी का झांसा दिया. आरोपी दीपक ने खुद को एक प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी का सीईओ बताया था. आरोपी दीपक ने महिला को एक अच्छी बिल्डिंग के आगे खड़े होकर अपनी तस्वीरें भेजी और महिला को यकीन दिलाया कि वो कंपनी का मालिक है. इस दौरान दीपक ने महिला से कहा कि वो अविवाहित है और जब महिला भारत आई तो उसे पता लगा कि उसके साथ धोखा हुआ है.

महिला से ठगे 10 लाख रुपये
दीपक ने महिला से 14606 यूएस डॉलर भी लिए जिसकी कीमत भारतीय करेंसी के अनुसार 10 लाख के करीब है. इसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दी और रशियन एंबेसी में शिकायत आई. जिसमें एफआईआर दर्ज की गई. फिलहाल पुलिस ने आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया है.

Intro:एंकर एक तरफ जहां पंचकूला के रतेडी का दीपक रशियन महिला से धोखाधड़ी कर उसे बीच सड़क यमुनानगर के सावनपूरी इलाके में छोड़ फरार हो गया था।तब सेक्रेट हार्ट कान्वेंट स्कूल का छात्र उसके लिए मददगार बन कर सामने आया।9 वी के छात्र ईशान ने पहले तो रूसी महिला को छोड़ भाग रहे बाइक सवारों का पीछा किया लेकिन वो बाइक पर तेज़ रफ़्तार से वहां से भाग निकले ।जिसके बाद ईशान उस रूसी महिला के बैग और उसे लेकर अपने घर आया ।ईशान ने अपने घरवालो को बुलाया और उसे समझा कर उसे पानी पिलाया और फिर गूगल ट्रांसलेट के ज़रिए उसकी बात समझने का प्रयास किया।वही ईशान के इस सराहनीय कदम से परिवार वालो ने भी उसका होंसला बढ़ाया है।Body:वीओ रशियन महिला का के लिए मददगार बन के आया 9 वीं का छात्र ईशान।ईशान ने बताया कि किस प्रकार उसने उस रशियन महिला की मदद की।मैं स्कूल से आ रहा था घर के रास्ते एक रूसी लेडी खड़ी थी। सामने से दो वाले बाइक वाले उनके साथ आ रहे थे वो दूसरी डायरेक्शन में भागे मैंने 200 मीटर तक उनका पीछा किया पर वह बाइक पर थे बहुत तेज फिर मैं वापस उस लेडी के पास आया वो बहुत परेशान लग रही थी फिर मैंने उससे कम्युनिकेट करने की कोशिश की। लेकिन उसे इंग्लिश नहीं आती और न ही कोई और भाषा समझ आ रही थी ।इतना पता लगा उनका सामान चोरी करके वो युवक भाग गया।मैंने उनका बैग अटैची और अपना स्कूल बैग लेकर मैं घर आ गया ।उनसे बात करने का प्रयास किया। फिर मैंने अपने घर वालों को बुलाया गूगल ट्रांसलेट के जरिए उसे भाषा समझने की थोड़ी कोशिश की तब बात पता चली की कोई दीपक उनको चंडीगढ़ से यहां लेकर आया था और यहाँ छोड़ कर चला गया।ये बहुत ही गलत बात है इससे हमारे देश का उन लोगो पर बहुत गलत इम्प्रेशन पड़ेगा।जब वो अपने देश वापिस जाएंगे तो ये इमेज लेकर जाएंगे कि यहाँ के लोग कैसे है ।जो भी धोखाधड़ी की बहुत गलत किया उन्होंने।वही ईशान ने कहा कि वो महिला जितनी भी देर तक हमारे घर रही उसने अच्छा महसूस किया वो भावुक हो रही थी बार।जब उसका मन हल्का हुआ तो उसने पूरे परिवार का आभार व्यक्त किया और हमारे साथ तस्वीरे भी खिंचवाई।


बाइट ईशान नौंवी का छात्र।


वीओ वहीं ईशान के पिता संजीव शर्मा का कहना है कि हम लोग तब घर पर नहीं थे जब ईशान उस रशियन महिला की मदद कर उसे घर पर लाया। उसने हमें बताया तभी कुछ ही देर बाद हम लोग भी घर पर आ गए। तब हमने भी गूगल ट्रांसलेट के जरिए उनसे रशियन भाषा में उनकी बात समझने की कोशिश की ।वो महिला बहुत ज्यादा परेशान थी कुछ देर बाद फिर पुलिस को हमने सूचना दी जिसके बाद महिला थाने की पुलिस व अन्य पुलिस की टीम यहां पर आ गई ।और उससे फिर बातचीत करने का प्रयास किया महिला थाना की टीम उसको हमारे घर से लेकर चली गई थी ।इसी बीच हम लोग परिवार के साथ जीएम कॉन्टिन मेरी पत्नी का जन्मदिन मनाने गए थे कि अचानक जब होटल से बाहर निकले तो वहीं महिला पुलिस की गाड़ी में कहीं आगे जा रही थी हम भी उस गाड़ी के पीछे पीछे अपनी गाड़ी लगा ली वह गाड़ी ग्रे पहुंची और जब पुलिस अधिकारियों से हमने बात की और फिर उस रशियन महिला ने ईशान को देखा और हम सब को देखा तो वह फिर से भावुक हो गई वह ईशान का धन्यवाद करना चाह रही थी कि जिस प्रकार से ईशान ने उसकी मदद की मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि हर मां बाप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें जरूरी नहीं कि वह बड़े स्तर पर अपना नाम रोशन कर सकें बच्चों के अंदर अगर संस्कार हो तो वैसे किसी प्रकार की भी किसी की भी मदद कर सकते हैं जैसा कि मेरे बेटे ईशान ने किया मुझे इस के इस सराहनीय कदम पर बहुत गर्व है मैं सभी से यही अपील करूंगा कि अगर कोई इस प्रकार से आपको मिलता है ।


बाइट संजीव शर्मा ईशान के पिता

Conclusion:
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