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बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहा है योगेश्वर दत्त का गांव, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

बरोदा उपचुनाव में सभी राजनीतिक दल बरोदा विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहराने की चाहत लिए एक्टिव मोड में आ गए हैं. वहीं बरोदा की जनता भी राजनीतिक पार्टियों के काम काज को परख रही है, ताकि अपने सही प्रतिनिधी का चुनाव कर सके. इसी चुनावी माहौल में ईटीवी की टीम भी बरोदा में 'बोल बरोदा बोल' कार्यक्रम के तहत लोगों की नब्ज टटोलने पहुंच चुकी है.

yogeshwar dutt's village is struggling with electricity and water problem
बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहा है योगेश्वर दत्त का गांव, देखें ग्राउंड रिपोर्ट
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Published : Oct 18, 2020, 7:03 AM IST

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव को लेकर पार्टी उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के बाद से प्रदेश में सियासी पारा गर्माता जा रहा है. सभी पार्टियों के नेता लगातार एक के बाद एक बैठकें और रैलियां कर रहे हैं. दिल्ली हो या चंडीगढ़. हरियाणा की इस सीट पर सभी की नजरें टिकी हैं. ये सीट जीतना कांग्रेस के लिए इज्जत, भाजपा-जजपा के लिए साख तो वहीं इनेलो के लिए दोबारा से राजनीति में पकड़ बनाने के लिए उम्मीद की किरण है. इसलिए सभी पार्टियां चुनाव जीतने के लिए पूरा दम लगा रही हैं. लेकिन ये भी देखना जरूरी है कि अब तक के प्रतिनिधियों ने बरोदा की जनता के लिए किया क्या है? ईटीवी भारत की टीम राजनीतिक दलों के दावों और ग्राउंड जीरो की सच्चाई को जानने के लिए पहुंच चुकी है बरोदा के गांव भैंसवाल में.

गांव भैंसवाल में हवा-हवाई विकास के दावे

इस गांव के लोगों के कहना है कि उनके गांव में बिजली-पानी की समस्या है, लेकिन ये समस्या किसके गांव में है? ये भी अहम सवाल है. क्योंकि ये गांव बीजेपी-जेजेपी गठबंधन उम्मीदवार योगेश्वर दत्त का गांव भैंसवाल है. जो 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीट पर चुनाव हार गए थे, लेकिन उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी की ओर से फिर से उन पर विश्वास जताया गया है और इस गांव में सरकार ने कितना काम कराया है? ये आपके सामने है.

बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहा है योगेश्वर दत्त का गांव, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

गांव का मुहाना हो या गांव की नहर. हर तरफ गंदगी के अंबार लगे हैं. गांव की गलियां उखड़ चुकी हैं. जो सरकार स्वच्छता के कसीदे पढ़ती है. उसके दिग्गज नेता योगेश्वर दत्त के गांव में चारों ओर गंदगी पसरी हुई है. विकास के नाम पर सीवर लाइन डालने के लिए गलियां खोद गई हैं, लेकिन काम धीमा होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है.

गांव को नहीं मिल रहा पानी

बरोदा विधानसभा का अधिकतर क्षेत्र कृषि आधारित है. ऐसे में खेतों के लिए नहर तो खोद दी गई हैं, लेकिन इनकी स्थिति भी आपके सामने है. नहरों में गंदगी अटी पड़ी है. लोगों को ना तो पीने का पानी मिल रहा है और ना ही खेती के लिए. जिसकी वजह से किसानों को खेती में भी नुकसान उठाना पड़ता है.

ये भी पढे़ं:-Exclusive: हरियाणा के इस गांव में बेटियों के नाम से जाने जाते हैं हर घर

तस्वीरों ने खोली गांव भैंसवाल की पोल

लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी योगेश्वर दत्त ने अपने गांव में काम कराया है. फिर भी रोजमर्रा की चीजों को लेकर लोग काफी परेशान दिख रहे हैं. ऐसे में प्रदेश में सबका साथ-सबका विकास करने का दावा करने वाली पार्टी की बरोदा हलके में अनदेखी भी नजर आती है. कितना विकास हुआ है ये तस्वीरें अपने आप में सब बयां कर रही हैं क्योंकि तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती.

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव को लेकर पार्टी उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के बाद से प्रदेश में सियासी पारा गर्माता जा रहा है. सभी पार्टियों के नेता लगातार एक के बाद एक बैठकें और रैलियां कर रहे हैं. दिल्ली हो या चंडीगढ़. हरियाणा की इस सीट पर सभी की नजरें टिकी हैं. ये सीट जीतना कांग्रेस के लिए इज्जत, भाजपा-जजपा के लिए साख तो वहीं इनेलो के लिए दोबारा से राजनीति में पकड़ बनाने के लिए उम्मीद की किरण है. इसलिए सभी पार्टियां चुनाव जीतने के लिए पूरा दम लगा रही हैं. लेकिन ये भी देखना जरूरी है कि अब तक के प्रतिनिधियों ने बरोदा की जनता के लिए किया क्या है? ईटीवी भारत की टीम राजनीतिक दलों के दावों और ग्राउंड जीरो की सच्चाई को जानने के लिए पहुंच चुकी है बरोदा के गांव भैंसवाल में.

गांव भैंसवाल में हवा-हवाई विकास के दावे

इस गांव के लोगों के कहना है कि उनके गांव में बिजली-पानी की समस्या है, लेकिन ये समस्या किसके गांव में है? ये भी अहम सवाल है. क्योंकि ये गांव बीजेपी-जेजेपी गठबंधन उम्मीदवार योगेश्वर दत्त का गांव भैंसवाल है. जो 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीट पर चुनाव हार गए थे, लेकिन उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी की ओर से फिर से उन पर विश्वास जताया गया है और इस गांव में सरकार ने कितना काम कराया है? ये आपके सामने है.

बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहा है योगेश्वर दत्त का गांव, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

गांव का मुहाना हो या गांव की नहर. हर तरफ गंदगी के अंबार लगे हैं. गांव की गलियां उखड़ चुकी हैं. जो सरकार स्वच्छता के कसीदे पढ़ती है. उसके दिग्गज नेता योगेश्वर दत्त के गांव में चारों ओर गंदगी पसरी हुई है. विकास के नाम पर सीवर लाइन डालने के लिए गलियां खोद गई हैं, लेकिन काम धीमा होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है.

गांव को नहीं मिल रहा पानी

बरोदा विधानसभा का अधिकतर क्षेत्र कृषि आधारित है. ऐसे में खेतों के लिए नहर तो खोद दी गई हैं, लेकिन इनकी स्थिति भी आपके सामने है. नहरों में गंदगी अटी पड़ी है. लोगों को ना तो पीने का पानी मिल रहा है और ना ही खेती के लिए. जिसकी वजह से किसानों को खेती में भी नुकसान उठाना पड़ता है.

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तस्वीरों ने खोली गांव भैंसवाल की पोल

लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी योगेश्वर दत्त ने अपने गांव में काम कराया है. फिर भी रोजमर्रा की चीजों को लेकर लोग काफी परेशान दिख रहे हैं. ऐसे में प्रदेश में सबका साथ-सबका विकास करने का दावा करने वाली पार्टी की बरोदा हलके में अनदेखी भी नजर आती है. कितना विकास हुआ है ये तस्वीरें अपने आप में सब बयां कर रही हैं क्योंकि तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती.

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