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बरोदा उपचुनाव: सियासी मैदान में आमने-सामने योगेश्वर-इंदुराज के गांवों की कहानी बड़ी रोचक है - योगेश्वर दत्त ताजा खबर

क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि योगेश्वर दत्त और इंदुराज नरवाल के गांवों की पहचान खेल और खिलाड़ियों से होती आई है, लेकिन अब इन गांव से राजनेता भी निकल रहे हैं.

yogeshwar dutt village bhainswal known for wrestlers and indu raj narwal village rindhana for kabaddi players
बरोदा उपचुनाव: सियासी मैदान में आमने-सामने योगेश्वर-इंदुराज के गांवों की कहानी बड़ी रोचक है
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Published : Oct 24, 2020, 8:35 AM IST

Updated : Oct 24, 2020, 1:49 PM IST

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों को जीताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. बरोदा के चुनावी अखाड़े में बीजेपी ने असल अखाड़े के चैंपियन रहे, ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त पर दांव खेला. वहीं कांग्रेस की ओर से इंदुराज नरवाल पर भरोसा जताया गया है. क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि इन दोनों प्रत्याशियों के गांवों की पहचान खेल और खिलाड़ियों से होती आई है.

योगेश्वर दत्त ने 2012 में लंदन ओलंपिक में जब पदक जीतकर तिरंगा लहराया था, तब उनका पैतृक गांव भैंसवाल कलां खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया था. इससे पहले भी भैंसवाल कलां पहलवानों के गांव के रूप में जाना जाता था. गांव में कई अच्छे पहलवान हैं जो कई स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं.

भैंसवाल कलां से निकले कई दिग्गज पहलवान

योगेश्वर दत्त अब कुश्ती को छोड़कर राजनीति में आ चुके हैं. वो बरोदा से दूसरी बार बीजेपी की टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं गांव भैंसवाल कलां के ही जगबीर सिंह मलिक गोहाना हलके से लगातार चौथी बार विधायक हैं. इसी गांव के भूपेद्र मलिक ने बरोदा से जेजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. यानी की कुल मिलाकर भैंसवाल कलां अब खेल और खिलाड़ियों से आगे बढ़कर राजनेता भी हरियाणा को दे रहा है.

yogeshwar dutt village bhainswal known for wrestlers and indu raj narwal village rindhana for kabaddi players
योगेश्वर दत्त का पैतृक गांव है भैंसवाल

'कबड्डी खिलाड़ियों की फैक्ट्री' है रिंढाना

अब बात करते हैं कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल के गांव रिंढाना की. भैंसवाल कलां की तरह ही रिंढाना गांव भी खेल और खिलाड़ियों के गांवों के रूप में जाना जाता है. इस गांव से दर्जनभर कबड्डी खिलाड़ियों ने नाम रोशन किया है. अब गांव रिंढाणा के इंदुराज नरवाल को कांग्रेस पार्टी ने मैदान में उतारा है.

yogeshwar dutt village bhainswal known for wrestlers and indu raj narwal village rindhana for kabaddi players
कबड्डी खिलाड़ियों के लिए मशहूर है रिंढाना गांव

उधर गांव कथूरा भी कबड्डी के लिए जाना जाता है. इस गांव से डॉ. कपूर सिंह नरवाल जैसे नेता निकले हैं. इसी तरह गांव मदीना भी खिलाड़ियों के लिए जाना जाता है. इस गांव की बेटी सोनम और अन्य खिलाड़ी कई पदक जीत चुके हैं. गांव बरोदा की सरिता मोर भी अंतरराष्ट्रीय पहलवान हैं.

गांव भैंसवाल कलां के पहलवान

गांव से योगेश्वर दत्त, स्व. बलराज, अमित, प्रवीन उर्फ ढीला, मोनू उर्फ टाइगर, अमित उर्फ मीता, जयदीप उर्फ भोला, संदीप उर्फ नान्हा, स्व. संदीप उर्फ मोगली, प्रदीप उर्फ गुड्डू, संदीप प्रजापत, पवन, सोनू, अमित, हनुमान सहित कई पहलवानों ने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है. गांव में चल रहे अखाड़े में कई पहलवान नियमित अभ्यास करते हैं.

गांव रिंढाना के कबड्डी खिलाड़ी

इस गांव से स्व. सुरेंद्र नरवाल, अंग्रेज, अनिल उर्फ मोटा, जोगेंद्र, प्रदीप, स्व. बारूराम, सुरजीत नरवाल, आजाद, अनिल और रामभज कबड्डी के चर्चित खिलाड़ी रहे हैं. इस गांव के कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी में देश का नाम रोशन कर चुके हैं. गांव में चार अकादमी चल रही हैं जहां रोजाना सैकड़ों युवा कबड्डी के गुर सीख रहे हैं.

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों को जीताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. बरोदा के चुनावी अखाड़े में बीजेपी ने असल अखाड़े के चैंपियन रहे, ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त पर दांव खेला. वहीं कांग्रेस की ओर से इंदुराज नरवाल पर भरोसा जताया गया है. क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि इन दोनों प्रत्याशियों के गांवों की पहचान खेल और खिलाड़ियों से होती आई है.

योगेश्वर दत्त ने 2012 में लंदन ओलंपिक में जब पदक जीतकर तिरंगा लहराया था, तब उनका पैतृक गांव भैंसवाल कलां खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया था. इससे पहले भी भैंसवाल कलां पहलवानों के गांव के रूप में जाना जाता था. गांव में कई अच्छे पहलवान हैं जो कई स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं.

भैंसवाल कलां से निकले कई दिग्गज पहलवान

योगेश्वर दत्त अब कुश्ती को छोड़कर राजनीति में आ चुके हैं. वो बरोदा से दूसरी बार बीजेपी की टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं गांव भैंसवाल कलां के ही जगबीर सिंह मलिक गोहाना हलके से लगातार चौथी बार विधायक हैं. इसी गांव के भूपेद्र मलिक ने बरोदा से जेजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. यानी की कुल मिलाकर भैंसवाल कलां अब खेल और खिलाड़ियों से आगे बढ़कर राजनेता भी हरियाणा को दे रहा है.

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योगेश्वर दत्त का पैतृक गांव है भैंसवाल

'कबड्डी खिलाड़ियों की फैक्ट्री' है रिंढाना

अब बात करते हैं कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल के गांव रिंढाना की. भैंसवाल कलां की तरह ही रिंढाना गांव भी खेल और खिलाड़ियों के गांवों के रूप में जाना जाता है. इस गांव से दर्जनभर कबड्डी खिलाड़ियों ने नाम रोशन किया है. अब गांव रिंढाणा के इंदुराज नरवाल को कांग्रेस पार्टी ने मैदान में उतारा है.

yogeshwar dutt village bhainswal known for wrestlers and indu raj narwal village rindhana for kabaddi players
कबड्डी खिलाड़ियों के लिए मशहूर है रिंढाना गांव

उधर गांव कथूरा भी कबड्डी के लिए जाना जाता है. इस गांव से डॉ. कपूर सिंह नरवाल जैसे नेता निकले हैं. इसी तरह गांव मदीना भी खिलाड़ियों के लिए जाना जाता है. इस गांव की बेटी सोनम और अन्य खिलाड़ी कई पदक जीत चुके हैं. गांव बरोदा की सरिता मोर भी अंतरराष्ट्रीय पहलवान हैं.

गांव भैंसवाल कलां के पहलवान

गांव से योगेश्वर दत्त, स्व. बलराज, अमित, प्रवीन उर्फ ढीला, मोनू उर्फ टाइगर, अमित उर्फ मीता, जयदीप उर्फ भोला, संदीप उर्फ नान्हा, स्व. संदीप उर्फ मोगली, प्रदीप उर्फ गुड्डू, संदीप प्रजापत, पवन, सोनू, अमित, हनुमान सहित कई पहलवानों ने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है. गांव में चल रहे अखाड़े में कई पहलवान नियमित अभ्यास करते हैं.

गांव रिंढाना के कबड्डी खिलाड़ी

इस गांव से स्व. सुरेंद्र नरवाल, अंग्रेज, अनिल उर्फ मोटा, जोगेंद्र, प्रदीप, स्व. बारूराम, सुरजीत नरवाल, आजाद, अनिल और रामभज कबड्डी के चर्चित खिलाड़ी रहे हैं. इस गांव के कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी में देश का नाम रोशन कर चुके हैं. गांव में चार अकादमी चल रही हैं जहां रोजाना सैकड़ों युवा कबड्डी के गुर सीख रहे हैं.

Last Updated : Oct 24, 2020, 1:49 PM IST
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