ETV Bharat / state

CWG 2022: भारत लौटने पर सीधा अखाड़े में पहुंचे नवीन मलिक, कोच का लिया आशीर्वाद, शुरू की प्रैक्टिस - नवीन मलिक का परिवार

19 साल के नवीन मलिक मंगलवार को अपने वतन वापस लौट आए हैं. नवीन सोनीपत पहुंचते ही सबसे पहले अपने घर जाने के बजाय अखाड़े पहुंचे. यहां उन्होंने अपने कोच का आशीर्वाद (Naveen Malik Welcomed In Sonipat) लिया. बता दें, नवीन मलिक ने 74 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर अपना दम (Naveen Malik Got Gold Medal In CWG 2022) दिखाया. नवीन ने फाइल मुकाबले में पाकिस्तान के पहलवान ताहिर को 9-0 से पटखनी दी. पढ़ें पूरी खबर...

Wrestler Naveen Malik Welcomed In Sonipat
भारत लौटने पर सीधा अखाड़े पहुंचे नवीन मलिक
author img

By

Published : Aug 10, 2022, 12:51 PM IST

Updated : Aug 10, 2022, 1:23 PM IST

सोनीपत: राष्ट्रमंडल खेलों में इस साल लगतार हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा देखने को मिला. हरियाणा की बदौलत ही अबकी बार भारत पदक तालिका में चौथे स्थान पर है. हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव पुगथला के रहने वाले नवीन मलिक ने भी कुश्ती के 74 किलोग्राम वेट कैटेगरी में पाकिस्तान के पहलवान को हराते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया (Naveen Malik Got Gold Medal In CWG 2022) है. वहीं मंगलवार को वे अपने वतन लौट आए हैं. सोनीपत पहुंचते ही उनका जोरदार स्वागत किया (Naveen Malik Welcomed In Sonipat) गया.

सबसे पहले कोच का लिया आशीर्वाद: सोनीपत के एक छोटे से गांव पुगथला के एक किसान परिवार में जन्में नवीन मलिक ने वह कर दिखाया जिसको लेकर बड़े बड़े पहलवान सपने संजोते (commonwealth games 2022 ) है. अबकी बार इंग्लैंड में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में नवीन ने पहली बार हिस्सा लिया. पहली बार में ही कुश्ती के 74 किलोग्राम वेट में उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया. मंगलवार को नवीन अपने वतन वापस लौटते ही सबसे पहले अपने अखाड़े में पहुंचे. यहां उन्होंने कोच का आशीर्वाद लिया. यही नहीं उन्होंने आगामी प्रतियोगिताओं के लिए प्रैक्टिस भी शुरू कर दी.

भारत लौटने पर सीधा अखाड़े पहुंचे नवीन मलिक.

पिता करते हैं रोजाना 60 किमी का सफर: पहलवान नवीन मलिक ने कहा कि मेरे बेहतर प्रदर्शन के लिए मेरे माता- पिता और मेरे कोच की कड़ी मेहनत है. उन्होंने कहा कि मेरे पिता एक किसान (Naveen Malik Family) है. वह मेरे लिए 60 किलोमीटर का सफर तय करके हर रोज दूध और घी लेकर आते थे. उन्हीं की मेहनत है कि आज मैं देश के लिए गोल्ड मेडल जीत पाया हूं. वहीं नवीन मलिक ने कहा कि अब आगामी वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक में पदक जीतना उनका सपना है जिसके लिए वह कड़ी मेहनत करेगा.

रोजाना करते हैं 6 घंटे प्रैक्टिस: नवीन मलिक के कोच कुलदीप सिंह ने बताया कि नवीन मलिक की इस उपलब्धि का श्रेय नवीन की कड़ी मेहनत को जाता है. वह हर रोज लगभग 5 से 6 घंटे पसीना बहाता है. आज उसकी कड़ी मेहनत के चलते ही उसने राष्ट्रमंडल खेलों में इतनी छोटी उम्र में गोल्ड मेडल जीता (CWG medal tally) है. उन्होंने कहा कि नवीन को एक अच्छा पहलवान बनाने के लिए उनके परिवार का भी बड़ा संघर्ष रहा है.

ये भी पढ़ें: मां ने भैंस पालकर और पिता की पेंशन से विनेश को बनाया 'सोने की चिड़िया', अब ओलंपिक में गोल्ड की आस

ये भी पढ़ें: पदकवीरों पर धन वर्षा! जानिए कॉमनवेल्थ में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को कितना इनाम देती है हरियाणा सरकार

ये भी पढ़ें: Haryana Gold Medals in CWG: बर्मिंघम में हरियाणा के होनहारों का दम, भारत के 22 में से 9 गोल्ड जीते

सोनीपत: राष्ट्रमंडल खेलों में इस साल लगतार हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा देखने को मिला. हरियाणा की बदौलत ही अबकी बार भारत पदक तालिका में चौथे स्थान पर है. हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव पुगथला के रहने वाले नवीन मलिक ने भी कुश्ती के 74 किलोग्राम वेट कैटेगरी में पाकिस्तान के पहलवान को हराते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया (Naveen Malik Got Gold Medal In CWG 2022) है. वहीं मंगलवार को वे अपने वतन लौट आए हैं. सोनीपत पहुंचते ही उनका जोरदार स्वागत किया (Naveen Malik Welcomed In Sonipat) गया.

सबसे पहले कोच का लिया आशीर्वाद: सोनीपत के एक छोटे से गांव पुगथला के एक किसान परिवार में जन्में नवीन मलिक ने वह कर दिखाया जिसको लेकर बड़े बड़े पहलवान सपने संजोते (commonwealth games 2022 ) है. अबकी बार इंग्लैंड में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में नवीन ने पहली बार हिस्सा लिया. पहली बार में ही कुश्ती के 74 किलोग्राम वेट में उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया. मंगलवार को नवीन अपने वतन वापस लौटते ही सबसे पहले अपने अखाड़े में पहुंचे. यहां उन्होंने कोच का आशीर्वाद लिया. यही नहीं उन्होंने आगामी प्रतियोगिताओं के लिए प्रैक्टिस भी शुरू कर दी.

भारत लौटने पर सीधा अखाड़े पहुंचे नवीन मलिक.

पिता करते हैं रोजाना 60 किमी का सफर: पहलवान नवीन मलिक ने कहा कि मेरे बेहतर प्रदर्शन के लिए मेरे माता- पिता और मेरे कोच की कड़ी मेहनत है. उन्होंने कहा कि मेरे पिता एक किसान (Naveen Malik Family) है. वह मेरे लिए 60 किलोमीटर का सफर तय करके हर रोज दूध और घी लेकर आते थे. उन्हीं की मेहनत है कि आज मैं देश के लिए गोल्ड मेडल जीत पाया हूं. वहीं नवीन मलिक ने कहा कि अब आगामी वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक में पदक जीतना उनका सपना है जिसके लिए वह कड़ी मेहनत करेगा.

रोजाना करते हैं 6 घंटे प्रैक्टिस: नवीन मलिक के कोच कुलदीप सिंह ने बताया कि नवीन मलिक की इस उपलब्धि का श्रेय नवीन की कड़ी मेहनत को जाता है. वह हर रोज लगभग 5 से 6 घंटे पसीना बहाता है. आज उसकी कड़ी मेहनत के चलते ही उसने राष्ट्रमंडल खेलों में इतनी छोटी उम्र में गोल्ड मेडल जीता (CWG medal tally) है. उन्होंने कहा कि नवीन को एक अच्छा पहलवान बनाने के लिए उनके परिवार का भी बड़ा संघर्ष रहा है.

ये भी पढ़ें: मां ने भैंस पालकर और पिता की पेंशन से विनेश को बनाया 'सोने की चिड़िया', अब ओलंपिक में गोल्ड की आस

ये भी पढ़ें: पदकवीरों पर धन वर्षा! जानिए कॉमनवेल्थ में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को कितना इनाम देती है हरियाणा सरकार

ये भी पढ़ें: Haryana Gold Medals in CWG: बर्मिंघम में हरियाणा के होनहारों का दम, भारत के 22 में से 9 गोल्ड जीते

Last Updated : Aug 10, 2022, 1:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.