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विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रांज जीतने के बाद लौटे पहलवान बजरंग पुनिया, घर में खुशी का माहौल

चोट के बावजूद सोनीपत के बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने इतिहास रच दिया है. सीनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बजरंग ने देश की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाला है. बजरंग पूनिया की घर वापसी पर उनका जोरदार स्वागत किया गया है.

Wrestler Bajrang Punia
पहलवान बजरंग पूनिया ने की घर वापसी
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Published : Sep 20, 2022, 10:30 PM IST

सोनीपत: देश के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया (Wrestler Bajrang Punia) ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आखिरकार वह देश के नंबर वन पहलवान है. साइबेरिया में आयोजित हुई वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बजरंग पूनिया ने 65 किलोग्राम भार उठाकर देश की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाला है. मंगलवार को बजरंग पूनिया ने घर वापसी की है. घर वापसी पर खेल प्रेमियों ने उनका जोरदार स्वागत किया, इस मौके पर उन्होंने कहा कि देशवासियों के साथ ही उनके कोच और परिवार की दुआएं काम आई है. चोट लगने के बावजूद कुश्ती में उन्होंने ब्रॉन्ज जीता (Wrestler Bajrang Punia won bronze medal) है.

पहले ओलंपिक में चोट के चलते तो अब सीनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप (Senior World Wrestling Championship) में देश के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को चोट लग गई, जिसके चलते वह अपने मेडल का रंग नहीं बदल पाए. साइबेरिया में आयोजित हुई सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप कुश्ती में बजरंग पूनिया के सिर पर गहरी चोट लग गई थी, जिसके चलते डॉक्टरों ने उन्हें खेलने से भी मना कर दिया था. लेकिन उनके देश के लिए मेडल लाने का जज्बा इतना है कि वह आखिर तक लड़े और देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर घर लौटे घर.

घर लौटने पर खेल प्रेमियों और परिवार ने उनका जोरदार स्वागत किया. पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि मैं अपने देश के लिए मेडल जीतकर घर लौट रहा हूं. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि देश के लिए गोल्ड मेडल लाने के लिए गए थे लेकिन दुर्भाग्य से वह देश के लिए गोल्ड मेडल नहीं जीत पाए. लेकिन आने वाले टूर्नामेंट में देश के लिए गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मेहनत करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे पहले ही कुश्ती में चोट लग गई थी, जिसके चलते डॉक्टरों ने मुझे खेलने के लिए मना भी कर दिया था.

चोट बहुत गहरी थी. थोड़ा बहुत धक्का भी लगा जिसके चलते मैं अगली कुश्ती हार गया. उन्होंने कहा कि साथ में मेरी पत्नी संगीता थी, कोच थे तो उन्होंने मुझे हौसला दिया कि हमारे पास एक रात है. डॉक्टरों ने मुझे कहा था कि सिर में टांके लगाने पड़ेंगे लेकिन मैंने टांके नहीं लगवाए क्योंकि अगर मैं टाके लगवा लेता तो आगे नहीं खेल पाता. उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया और नतीजा सबके सामने है. उन्होंने कहा कि यह तो घाव है जल्दी भर जाएगा. मैं आने वाले ओलंपिक के लिए दोबारा से वापसी करूंगा.

यह भी पढ़ें-हरियाणा के छोरे बजरंग पूनिया ने सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में जीता ब्रॉन्ज, स्वागत को तैयार परिवार

सोनीपत: देश के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया (Wrestler Bajrang Punia) ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आखिरकार वह देश के नंबर वन पहलवान है. साइबेरिया में आयोजित हुई वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बजरंग पूनिया ने 65 किलोग्राम भार उठाकर देश की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाला है. मंगलवार को बजरंग पूनिया ने घर वापसी की है. घर वापसी पर खेल प्रेमियों ने उनका जोरदार स्वागत किया, इस मौके पर उन्होंने कहा कि देशवासियों के साथ ही उनके कोच और परिवार की दुआएं काम आई है. चोट लगने के बावजूद कुश्ती में उन्होंने ब्रॉन्ज जीता (Wrestler Bajrang Punia won bronze medal) है.

पहले ओलंपिक में चोट के चलते तो अब सीनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप (Senior World Wrestling Championship) में देश के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को चोट लग गई, जिसके चलते वह अपने मेडल का रंग नहीं बदल पाए. साइबेरिया में आयोजित हुई सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप कुश्ती में बजरंग पूनिया के सिर पर गहरी चोट लग गई थी, जिसके चलते डॉक्टरों ने उन्हें खेलने से भी मना कर दिया था. लेकिन उनके देश के लिए मेडल लाने का जज्बा इतना है कि वह आखिर तक लड़े और देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर घर लौटे घर.

घर लौटने पर खेल प्रेमियों और परिवार ने उनका जोरदार स्वागत किया. पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि मैं अपने देश के लिए मेडल जीतकर घर लौट रहा हूं. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि देश के लिए गोल्ड मेडल लाने के लिए गए थे लेकिन दुर्भाग्य से वह देश के लिए गोल्ड मेडल नहीं जीत पाए. लेकिन आने वाले टूर्नामेंट में देश के लिए गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मेहनत करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे पहले ही कुश्ती में चोट लग गई थी, जिसके चलते डॉक्टरों ने मुझे खेलने के लिए मना भी कर दिया था.

चोट बहुत गहरी थी. थोड़ा बहुत धक्का भी लगा जिसके चलते मैं अगली कुश्ती हार गया. उन्होंने कहा कि साथ में मेरी पत्नी संगीता थी, कोच थे तो उन्होंने मुझे हौसला दिया कि हमारे पास एक रात है. डॉक्टरों ने मुझे कहा था कि सिर में टांके लगाने पड़ेंगे लेकिन मैंने टांके नहीं लगवाए क्योंकि अगर मैं टाके लगवा लेता तो आगे नहीं खेल पाता. उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया और नतीजा सबके सामने है. उन्होंने कहा कि यह तो घाव है जल्दी भर जाएगा. मैं आने वाले ओलंपिक के लिए दोबारा से वापसी करूंगा.

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