सोनीपत: कारोना से बचाव के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर होम बनाए गए हैं लेकिन प्रशासन और पुलिस को चकमा देकर प्रवासी मजदूर पलायन कर रहें हैं. ताजा मामला हलदाना बार्डर के पास का है. जहां एक स्कूल में आधा दर्जन से ज्यादा प्रवासी मजदूर के लिए रहने के लिए शेल्टर होम व्यवस्था की गई थी. लेकिन आधी रात को मौका देखकर प्रवासी मजदूर खेतों के रास्ते होते हुए. यूपी की ओर जा रहें हैं.
प्रवासी मजदूरों का कहना कि ठेकेदारों ने उन्हें काम की मजदूरी तक नही दी है. संकट की इस घड़ी में वो अपने गांव अपने परिवार के साथ बिचाना चाहतें हैं. इन लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन की ओर से उन्हे खाने और रहने का सुविधाएं दी जा रहीं हैं. लेकिन गांव में उनके बच्चों का बूरी हाल है. वो इस महामारी के दौरान अपने बच्चों के साथ रहना चाहतें हैं. ताकि उनके साथ उनके बच्चों को भी भोजन मिल सके.
बताया जा रहा है कि प्रवासी मजदूर पुलिस की नजरों से बचने के लिए खेतों और रेलवे ट्रेक का सहारा ले रहें हैं. झांसी जा रहे मजदूर हर्ष, ललिता, पारवती, अजय का कहना कि प्रशासन उन्हें तो यहां खाने और रहने की सुविधा दे रहा है. लेकिन झांसी में रह रहे उनके बच्चों को कोई देखने वाला नहीं है. संकट के इस दौर को वो अपने बच्चों के साथा मिलकर बिताना चाहतें हैं. मजदूर आंखों में आंसु और सिर पर भारी वजन लेकर अपनी मंजील की तरफ धीरे – धीरे आगे बढ़ रहें हैं.
ये भी पढ़िए: लॉकडाउनः चंडीगढ़ में गरीबों और मजदूरों को नहीं मिल पा रही सरकारी मदद
देश और दुनिया में फैली महामारी को रोकने के लिए सभी अपने – अपने स्तर पर काम कर रहें हैं. सरकार की ओर से 21 दिनों के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. और इस दौरान लोगों से घर से बाहर न निकलने की अपील की जा रही है. लेकिन प्रवासी मजदूर हैं कि मानने को तैयार नही हैं. लॉकडाउन के दौरान भी ये लोग पैदल ही यूपी, बिहार की तरफ कूच कर रहें हैं.