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बीमारी और बदबू के बीच बैठा 'भविष्य', कुंडली के सरकारी स्कूल के हालात बद से बदतर - कुंडली गांव प्राइमरी स्कूल

सोनीपत के कुंडली गांव का प्राइमरी स्कूल यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए आफत बन गया है. स्कूल परिसर में जगह-जगह सीवर का गंदा पानी भर गया है, जिसकी वजह से बच्चों की ना केवल पढ़ाई बाधित हो रही है बल्कि उनका स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है.

कुंडली के सरकारी स्कूल के हालात बद से बदतर
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Published : Nov 10, 2019, 2:56 PM IST

सोनीपतः प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर बड़े-बड़े दावे करती नहीं थकती. मंत्री नेता से लेकर विधायक तक चुनाव में विकास के मुद्दे को लेकर जनता के बीच वोट की अपील करते हैं लेकिन क्या सच में क्षेत्र का विकास होता है. सोनीपत का कुंडली स्कूल सरकार के इन तमाम दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है. जहां ना तो शिक्षा है, ना ही स्वच्छता है और ना ही स्वास्थ्य की किसी को परवाह है.

पनप रहे हैं खतरनाक किटाणु
सोनीपत के कुंडली गांव का प्राइमरी स्कूल यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए आफत बन गया है. स्कूल परिसर में जगह-जगह सीवर का गंदा पानी भर गया है, जिसकी वजह से बच्चों की ना केवल पढ़ाई बाधित हो रही है बल्कि उनका स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है.

कुंडली के सरकारी स्कूल के हालात बद से बदतर

सीवर के गंदे पानी के चलते स्कूल की किचन भी बंद हो चुकी है. वहीं स्कूल के पार्क में भी पानी खड़ा हो गया है, जिसमें मच्छर और दूसरे जीव जंतु बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं.

kundali village sonipat
स्कूल में भरा गंदा पानी

स्कूल किचन भी पड़ा बंद
स्कूल की इमारत में पिछले कई महीनों से सीवर का गंदा पानी भरा हुआ है. हाईवे से सीवर का पानी स्कूल में घुस जाने से ये समस्या बनी हुई है और अभी तक पानी की निकासी नहीं होने के चलते समस्या और विकराल हो गई है. सीवर के गंदे पानी के चलते स्कूल के किचन तक को बंद करना पड़ा.

kundali village sonipat
किचन पर भी लगा ताला

कई बार दे चुके हैं शिकायत- अभिभावक
वहीं स्कूल के अध्यापकों से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि वो स्वास्थ्य विभाग से लेकर शिक्षा विभाग तक हर तरफ बच्चों की समस्या को रख चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में सीवर का गंदा पानी हाईवे से कई महीने पहले जमा हुआ था. सफाई कराने के लिए सभी विभागों को पत्र भी लिखा जा चुका है, लेकिन किसी ने स्कूल के सुध नहीं ली. अब हालात ये हो चुके हैं कि गंदे पानी की वजह से बच्चे परेशान हैं.

kundali village sonipat
गंदगी में पनपते मच्छर

3-4 दिनों में मिलेगा निपटारा- शिक्षा अधिकारी
बच्चों की इस स्मस्या को लेकर जब हमने स्कूल शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र मोर से बात की तो उन्होंने भी इस बात को कबूला. उन्होंने कहा कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया तो ये बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि स्कूल में जमा गंदे पानी में चारों तरफ मच्छर, कीड़े मकौड़े पनप रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए विभाग द्वारा डीसी को पत्र भी लिखा गया है. शिक्षा विभाग अधिकारी ने आश्वासन दिया कि 3 से 4 दिनों में इस स्मस्या का हल कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों ने शिक्षकों के खिलाफ खोला मोर्चा, जानें वजह

सोनीपतः प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर बड़े-बड़े दावे करती नहीं थकती. मंत्री नेता से लेकर विधायक तक चुनाव में विकास के मुद्दे को लेकर जनता के बीच वोट की अपील करते हैं लेकिन क्या सच में क्षेत्र का विकास होता है. सोनीपत का कुंडली स्कूल सरकार के इन तमाम दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है. जहां ना तो शिक्षा है, ना ही स्वच्छता है और ना ही स्वास्थ्य की किसी को परवाह है.

पनप रहे हैं खतरनाक किटाणु
सोनीपत के कुंडली गांव का प्राइमरी स्कूल यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए आफत बन गया है. स्कूल परिसर में जगह-जगह सीवर का गंदा पानी भर गया है, जिसकी वजह से बच्चों की ना केवल पढ़ाई बाधित हो रही है बल्कि उनका स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है.

कुंडली के सरकारी स्कूल के हालात बद से बदतर

सीवर के गंदे पानी के चलते स्कूल की किचन भी बंद हो चुकी है. वहीं स्कूल के पार्क में भी पानी खड़ा हो गया है, जिसमें मच्छर और दूसरे जीव जंतु बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं.

kundali village sonipat
स्कूल में भरा गंदा पानी

स्कूल किचन भी पड़ा बंद
स्कूल की इमारत में पिछले कई महीनों से सीवर का गंदा पानी भरा हुआ है. हाईवे से सीवर का पानी स्कूल में घुस जाने से ये समस्या बनी हुई है और अभी तक पानी की निकासी नहीं होने के चलते समस्या और विकराल हो गई है. सीवर के गंदे पानी के चलते स्कूल के किचन तक को बंद करना पड़ा.

kundali village sonipat
किचन पर भी लगा ताला

कई बार दे चुके हैं शिकायत- अभिभावक
वहीं स्कूल के अध्यापकों से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि वो स्वास्थ्य विभाग से लेकर शिक्षा विभाग तक हर तरफ बच्चों की समस्या को रख चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में सीवर का गंदा पानी हाईवे से कई महीने पहले जमा हुआ था. सफाई कराने के लिए सभी विभागों को पत्र भी लिखा जा चुका है, लेकिन किसी ने स्कूल के सुध नहीं ली. अब हालात ये हो चुके हैं कि गंदे पानी की वजह से बच्चे परेशान हैं.

kundali village sonipat
गंदगी में पनपते मच्छर

3-4 दिनों में मिलेगा निपटारा- शिक्षा अधिकारी
बच्चों की इस स्मस्या को लेकर जब हमने स्कूल शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र मोर से बात की तो उन्होंने भी इस बात को कबूला. उन्होंने कहा कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया तो ये बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि स्कूल में जमा गंदे पानी में चारों तरफ मच्छर, कीड़े मकौड़े पनप रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए विभाग द्वारा डीसी को पत्र भी लिखा गया है. शिक्षा विभाग अधिकारी ने आश्वासन दिया कि 3 से 4 दिनों में इस स्मस्या का हल कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों ने शिक्षकों के खिलाफ खोला मोर्चा, जानें वजह

Intro:आफत बना कुंडली का सरकारी स्कूल...
स्कूल के अंदर जमा हुआ सीवर का गंदा पानी...
जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हुए नौनिहाल...
बीमारी और बदबू से बीमार पड़ने लगे बच्चे...
प्रशासन नहीं ले रहा स्कूल कोई सुध...

एंकर -
प्रदेश सरकार एक तरफ जहां प्रदेश में स्वच्छता अभियान चला रही हैं वहीं सरकार के सरकारी स्कूल स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहे हैं... सोनीपत के कुंडली का प्राइमरी स्कूल जहां स्वस्थ अभियान के दावों की पोल खोल रहा है वहीं अब यह स्कूल विद्यार्थियों के लिए आफत बन गया है... स्कूल परिसर में जगह-जगह सीवर का गंदा पानी भर गया है, जिसकी वजह से बच्चों की ना केवल पढ़ाई बाधित हो रही है बल्कि उनका स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है... सीवर के गंदे पानी के चलते स्कूल की किचन भी बंद हो चुकी है, वहीं स्कूल के पार्क में भी पानी खड़ा हो गया है, जिससे मच्छर और दूसरे जीव जंतु बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं... कई बार प्रशासन को शिकायत के बावजूद भी स्कूल की सुध लेने वाला कोई नहीं है और नौनिहाल परेशान है...Body:वीओ -
सोनीपत की कुंडली का प्राइमरी स्कूल विद्यार्थियों के लिए आफत बन गया है... स्कूल की इमारत में पिछले कई महीनों से सीवर का गंदा पानी खड़ा है... अब यह पानी इतना खतरनाक हो चुका है कि इस में से बदबू के साथ-साथ जहरीले जीव जंतु और मच्छर भी पनप रही हैं, जो न केवल नन्हे नन्हे बच्चों के पढ़ाई को बाधित कर रही हैं बल्कि अब बच्चों के स्वास्थ्य भी खराब होने लगा है... पिछले कई महीनों से हाईवे से सीवर का पानी स्कूल में घुस जाने से यह समस्या बनी हुई है और अभी तक पानी की निकासी नहीं होने के चलते समस्या और विकराल हो गई है... सीवर के गंदे पानी के चलते स्कूल के किचन तक को बंद करना पड़ा है... वहीं स्कूल के पार्क कमरों के आगे और हर तरफ सीवर के गंदे पानी से बच्चों को होकर गुजरना पड़ रहा है, जिससे बच्चों को गंभीर बीमारियां होने का खतरा मंडराने लगा है विद्यार्थियों की बात करें तो विद्यार्थियों का कहना है कि स्कूल में हर तरफ बदबू का आलम है, जिससे उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता और रोज कोई ना कोई बच्चा बीमारी की चपेट में आ रहा है...
बाईट - स्कूल की छात्रा
वीओ -
वही स्कूल के अध्यापकों से जब हमने बात की तो अध्यापकों ने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग से लेकर शिक्षा विभाग तक हर तरफ बच्चों की समस्या को रख चुकी हैं। अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में सीवर का गंदा पानी हाईवे से कई महीने पहले जमा हुआ था... सफाई कराने के लिए सभी विभागों को लिखा जा चुका है, लेकिन किसी ने स्कूल के सुध नहीं ली। अब हालात यह हो चुकी हैं कि गंदे पानी की वजह से स्कूल में जगह-जगह पानी खड़ा है और बच्चे परेशान हैं... स्कूल के किचन को भी बंद करना पड़ा है... वहीं अध्यापकों ने अपने निजी खर्च से स्कूल में जिस पार्क का निर्माण करवाया था वह भी खराब हो गया है... वही जो पौधा रोपण किए गए थे वह पौधे भी सीवर के गंदे पानी ने खराब कर दिए हैं, बावजूद इसके प्रशासन स्कूल की सुध नहीं ले रहा...
बाईट - सुरेंद्र मोर, खंड शिक्षा अधिकारी
वीओ -
बहरहाल अधिकारी भले ही कागजों में स्वच्छता के दावों का दम भर रही हूं लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिलकुल उलट है सरकारी स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं... बावजूद इनके इन बच्चों की भी सुध नहीं लेने वाला कोई नहीं है... अधिकारियों की इस लापरवाही की वजह से जहां सरकार की और खुद प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लग रहा है... वहीं यह लापरवाही नौनिहालों के स्वास्थ्य पर भी भारी पड़ रही है... अगर जल्द अधिकारियों ने समस्या का समाधान नहीं किया तो यह नौनिहालों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है...
बाईट - सुरेंद्र मोर, खंड शिक्षा अधिकारीConclusion:
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