सोनीपत: लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित प्रवासी मजदूर हुए हैं. लॉकडाउन 4 में सरकार ने कई रियायतें दी हैं. बावजूद इसके प्रवासी मजदूरों का पलायन नहीं रुक रहा है. अभी भी सड़कों पर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल, साइकिल और रिक्शे पर अपने घरों की ओर जा रहे हैं.
सोनीपत से होते हुए सैकड़ों प्रवासी मजदूरों का पैदल सफर जारी है. जम्मू-कश्मीर और पंजाब से आए प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश की सीमा में जाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यूपी पुलिस उन्हें जाने से रोक रही है. प्रवासी मजदूरों ने बताया कि अब उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है. परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं.
लुधियाना से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के लिए निकले राममिलन की आंखों के आंसू तो सूख ही चुके हैं. राममिलन ने बताया कि एक बार अपने घर चले जाएं. कभी वापस नहीं आएंगे. राममिलन के रिक्शा में 5 सदस्य हैं. दो भाई हैं. जो बारी-बारी रिक्शा चला रहे हैं ताकि घर पहुंच जाएं.
जम्मू-कश्मीर से 10 दिन पहले इमरान अपने साथियों के साथ चला था. साथ में पत्नी व 2 साल की बेटी भी है. गुरुद्वारा में किसी ने साइकिल दे दी, तो चल पड़े बिहार के लिए. लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस इन्हें इनके ही घर जाने से रोक रही है. पैरो में छाले पड़ चुके हैं. इमरान ने बताया कि 10 दिन पहले जम्मू कश्मीर से चला था. सरकार ने हमारे लिए कुछ भी नहीं किया. उनके कहा पुलिस यूपी में जाने नहीं दे रही है.
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