गोहाना: इन में दिनों लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. ठग फोन पर बैंक अधिकारी बनकर, केवाईसी वेरिफिकेश या किसी कंपनी के कर्मचारी बनकर बड़े ऑफर देने का लालच देकर लोगों के खातों से पैसे निकाल रहे हैं. ताजा मामला गोहाना का है जहां अलग लोगों से कॉल फ्रॉड कर एक लाख बीस हजार रुपये ठग लिए गए.
आरोप है कि फ्रॉड कॉल करने वाले ठगों ने गांव कोहला के सनी नाम के शख्स के खाते से एक लाख रुपये निकाल लिए. वहीं दूसरा मामला गढ़ी उजाले खान गांव का है. जहां कुलदीप नाम के शख्स के खाते से बीस हजार रुपये निकाल लिए गए हैं. फिलहाल पुलिस ने दोनों शिकायतों में अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
कैसे ठग कैसे बनाते हैं शिकार?
- अधिकतर मामलों में फोन करने वाला अपने आप को प्रोफेशनल बताने के लिए बैंक प्रतिनिधि या बैंक की तकनीकी टीम का हिस्सा बताते हैं. ग्राहक को यकीन दिलाने के बाद ये जालसाज उससे निजी जानकारी और गोपनीय डेटा प्राप्त कर लेता है. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बैंक खातों की जांच आपको समय-समय पर करनी चाहिए और अस्वीकृत लेनदेन के बारे में तुरंत अपने बैंक को जानकारी देनी चाहिए.
- ज्यादातर मामलों में देखने को मिल रहा है कि लोग किसी प्रोडक्ट और सर्विस के लिए कस्टमर सपोर्ट के लिए गूगल पर कस्टमर सपोर्ट का नंबर खोजने लगते हैं. साइबर अपराधियों ने पहले से ही इंटरनेट पर कस्टमर सपोर्ट के नाम खुद का नंबर डाल रखा है. लोग उसे ही कस्टमर सपोर्ट नंबर समझ कर कॉल कर देते हैं. बाद में फर्जी कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव के तौर पर अपराधी उनसे उनकी पर्सनल डिटेल लेकर फ्रॉड को अंजाम देते हैं.
- पुलिस पहले ही एडवाइजरी ने जारी की थी कि डिजिटल पेमेंट एप्लिकेशन जैसे- गूगल पे, फोन पे, पेटीएम के सबसे ज्यादा फर्जी कस्टमर सपोर्ट नंबर इंटरनेट पर डाले गए हैं, जिससे कस्टमर खुद साइबर अपराधियों तक पहुंच रहे हैं.
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कैसे बचें?
- वॉलेट ऐप जैसे- गूगल पे, फोन पे और पेटीएम पर मनी रिक्वेस्ट की सुविधा उपलब्ध है. यानी आपको कोई भी पेमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट भेज सकता है. जिसके बाद बस एक क्लिक पर आपके अकाउंट से उस अकाउंट में पैसे चले जाएंगे, इसके लिए सभी वॉलेट ऐप पर अलर्ट नोटिफिकेशन की सुविधा उपलब्ध है. जब भी कोई आपके वॉलेट ऐप में लॉगिन करने की कोशिश करेगा तो आपको अलर्ट नोटिफिकेशन आएगा, संदेह होने पर आप परमीशन डिनाई भी कर सकते हैं.
- फ्रॉड कॉल करने वाला व्यक्ति अक्सर ग्राहक से वन टाइम पासवर्ड (OTP), सिक्योर पासवर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर, कार्ड का सीवीवी नंबर, एक्सपायरी डेट, एटीएम पिन, इंटरनेट बैंकिंग लॉगइन आईडी, पासवर्ड और दूसरी निजी जानकारी मांगता हैं. कस्टमर को कभी भी इस तरह की कोई भी जानकारी फोन पर या वॉट्सऐप पर किसी के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए. अगर आपने कॉल पर ये जानकारी दी है तो इसकी सूचना बैंक को दें और तुरंत अपना पासवर्ड को बदल लें.