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किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे: सम्मेलन कर बनाई ये खास रणनीति, मिशन उत्तर प्रदेश की तैयारी तेज

26 अगस्त यानी आज के दिन किसान आंदोलन को 9 महीने पूरे (Kisan Andolan completes 9 months) हो चुके हैं. लिहाजा किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर आज से दो दिवसीय किसान सम्मेलन (Two Day Kisan Sammelan) का आयोजन किया. इस सम्मेलन में आगामी रणनीति तैयार की जा रही है.

Kisan Andolan completes 9 months
Kisan Andolan completes 9 months
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Published : Aug 26, 2021, 5:42 PM IST

सोनीपत: तीन कृषि कानून (Three Agricultural Laws) को रद्द करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. 26 अगस्त यानी आज के दिन किसानों के आंदोलन को 9 महीने पूरे (Kisan Andolan completes 9 months) हो चुके हैं. लिहाजा किसानों ने कुंडली बॉर्डर (Kundli Border Sonipat) पर आज से दो दिवसीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया. इस किसान सम्मेलन में देश के सभी किसान और किसान नेता एकजुट हुए. किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले एक साथ नजर आए.

इस सम्मेलन में किसान नेताओं ने किसानों से आंदोलन को और तेज करने की मांग की है. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जो कि 2 दिन तक चलेगा. किसानों के मुताबिक साल 2022 में देश के 5 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं. पंजाब और उत्तर प्रदेश में बीजेपी पार्टी को पश्चिमी बंगाल जैसी हार का सामना करना पड़े, इसके लिए वो अलग अलग तरह की रणनीति बना रहे हैं. 2 दिन के सम्मेलन में किसानों की आगामी रणनीति को लेकर चर्चा होगी.

किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे: सम्मेलन कर बनाई ये खास रणनीति

किसान नेता जोगिंदर उग्राह ने कहा कि हम पंजाब में केवल भारतीय जनता पार्टी का ही विरोध करेंगे, क्योंकि बीजेपी ने ही ये कानून बनाए हैं. जोगेंद्र सिंह ने कहा कि 5 सितंबर को हम उत्तर प्रदेश मिशन के लिए मुजफ्फरनगर में बड़ी महापंचायत का आयोजन करेंगे. 25 सितंबर को पूरे देश में राष्ट्रव्यापी हड़ताल रखी गई है. इस दौरान पंजाब और हरियाणा में बीजेपी नेताओं का विरोध लगातार जारी रहेगा.

किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait Farmer Leader) ने कहा कि किसान आंदोलन को 9 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन सरकार बातचीत को तैयार नहीं है, बहुत से लोग ये कहते हैं कि जहां-जहां चुनाव है. वहां-वहां की तैयारी कर लेते हैं, लेकिन ये बात गलत है. हमें अगर सरकार को इन तीन कृषि कानूनों के विरोध में झुकाना है तो पूरे देश में इसका विरोध करना होगा. हमारे संयुक्त किसान मोर्चा के 40 नेता पूरे देश में जाएंगे. यहां पर कोई भी है, गलतफहमी ना पाले कि इस आंदोलन को 40 किसान नेता चला रहे हैं, बल्कि इस आंदोलन में पूरा देश भागीदारी दे रहा है. इस आंदोलन में 550 संगठन अपनी आहूति दे रहे हैं.

Kisan Andolan completes 9 months
किसान सम्मेलन दो दिन तक चलेगा.

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कहती है वो किसानों से एक फोन कॉल की दूरी पर है. हम कहते हैं कि ये फोन कॉल संयुक्त किसान मोर्चा को आना चाहिए ना कि किसी एक किसान नेता को. टिकैत ने कहा कि किसानों को एमएसपी पर गारंटी दी जाए. ये तीनों कानून वापस हो. आगे कमेटी बनाकर किसानों के हित में काम किए जाएं, कानून बनाए जाएं और संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी उस कमेटी की अगुवाई करेंगी. इस किसान सम्मेलन में जो भी तय किया जाएगा, पूरे देश में उसी पर काम किया जाएगा.

टिकैत ने कहा कि हरियाणा में 37500 किसानों पर मुकदमा दर्ज हो चुका है, हमारी माता और बहनों को लाठियां झेलनी पड़ी हैं, उन्होंने कहा कि ये आंदोलन किसानों का ही नहीं बल्कि आम जनता का भी है. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला रहे हैं और पूरे देश के अंदर इनके खिलाफ जागृति आई है, पूरे देश के अंदर बीजेपी का ग्राफ डाउन गया है.

ये भी पढ़ें- देश भर के किसान संघों के 1500 प्रतिनिधि दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन में भाग लेंगे

टिकैत ने कहा कि हम एक बार अगर एलान कर दें कि हमें दिल्ली जाना है तो यहां पर 10 लाख किसान इकट्ठा हो जाएगा, अगर 50000 किसान दिल्ली में प्रधानमंत्री को घेर ले तो उनके पास क्या रास्ता बचेगा, देश का कोई भी कानून नहीं कहता कि जनता को गोली मार दी जाए, जनता को मार दिया जाए, आखिरकार उनको हमारी बात माननी पड़ेगी. हमारे पर और भी कई तरीके हैं अपनी बात मनवाने के, मुझे लगता है कि अगर हम 2024 तक यहां बैठे रहे तो बीजेपी का सत्यानाश हो जाएगा इसमें कोई शक नहीं है. जहां-जहां चुनाव होंगे वहां-वहां बीजेपी को हराएंगे.

सोनीपत: तीन कृषि कानून (Three Agricultural Laws) को रद्द करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. 26 अगस्त यानी आज के दिन किसानों के आंदोलन को 9 महीने पूरे (Kisan Andolan completes 9 months) हो चुके हैं. लिहाजा किसानों ने कुंडली बॉर्डर (Kundli Border Sonipat) पर आज से दो दिवसीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया. इस किसान सम्मेलन में देश के सभी किसान और किसान नेता एकजुट हुए. किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले एक साथ नजर आए.

इस सम्मेलन में किसान नेताओं ने किसानों से आंदोलन को और तेज करने की मांग की है. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जो कि 2 दिन तक चलेगा. किसानों के मुताबिक साल 2022 में देश के 5 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं. पंजाब और उत्तर प्रदेश में बीजेपी पार्टी को पश्चिमी बंगाल जैसी हार का सामना करना पड़े, इसके लिए वो अलग अलग तरह की रणनीति बना रहे हैं. 2 दिन के सम्मेलन में किसानों की आगामी रणनीति को लेकर चर्चा होगी.

किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे: सम्मेलन कर बनाई ये खास रणनीति

किसान नेता जोगिंदर उग्राह ने कहा कि हम पंजाब में केवल भारतीय जनता पार्टी का ही विरोध करेंगे, क्योंकि बीजेपी ने ही ये कानून बनाए हैं. जोगेंद्र सिंह ने कहा कि 5 सितंबर को हम उत्तर प्रदेश मिशन के लिए मुजफ्फरनगर में बड़ी महापंचायत का आयोजन करेंगे. 25 सितंबर को पूरे देश में राष्ट्रव्यापी हड़ताल रखी गई है. इस दौरान पंजाब और हरियाणा में बीजेपी नेताओं का विरोध लगातार जारी रहेगा.

किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait Farmer Leader) ने कहा कि किसान आंदोलन को 9 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन सरकार बातचीत को तैयार नहीं है, बहुत से लोग ये कहते हैं कि जहां-जहां चुनाव है. वहां-वहां की तैयारी कर लेते हैं, लेकिन ये बात गलत है. हमें अगर सरकार को इन तीन कृषि कानूनों के विरोध में झुकाना है तो पूरे देश में इसका विरोध करना होगा. हमारे संयुक्त किसान मोर्चा के 40 नेता पूरे देश में जाएंगे. यहां पर कोई भी है, गलतफहमी ना पाले कि इस आंदोलन को 40 किसान नेता चला रहे हैं, बल्कि इस आंदोलन में पूरा देश भागीदारी दे रहा है. इस आंदोलन में 550 संगठन अपनी आहूति दे रहे हैं.

Kisan Andolan completes 9 months
किसान सम्मेलन दो दिन तक चलेगा.

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कहती है वो किसानों से एक फोन कॉल की दूरी पर है. हम कहते हैं कि ये फोन कॉल संयुक्त किसान मोर्चा को आना चाहिए ना कि किसी एक किसान नेता को. टिकैत ने कहा कि किसानों को एमएसपी पर गारंटी दी जाए. ये तीनों कानून वापस हो. आगे कमेटी बनाकर किसानों के हित में काम किए जाएं, कानून बनाए जाएं और संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी उस कमेटी की अगुवाई करेंगी. इस किसान सम्मेलन में जो भी तय किया जाएगा, पूरे देश में उसी पर काम किया जाएगा.

टिकैत ने कहा कि हरियाणा में 37500 किसानों पर मुकदमा दर्ज हो चुका है, हमारी माता और बहनों को लाठियां झेलनी पड़ी हैं, उन्होंने कहा कि ये आंदोलन किसानों का ही नहीं बल्कि आम जनता का भी है. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला रहे हैं और पूरे देश के अंदर इनके खिलाफ जागृति आई है, पूरे देश के अंदर बीजेपी का ग्राफ डाउन गया है.

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टिकैत ने कहा कि हम एक बार अगर एलान कर दें कि हमें दिल्ली जाना है तो यहां पर 10 लाख किसान इकट्ठा हो जाएगा, अगर 50000 किसान दिल्ली में प्रधानमंत्री को घेर ले तो उनके पास क्या रास्ता बचेगा, देश का कोई भी कानून नहीं कहता कि जनता को गोली मार दी जाए, जनता को मार दिया जाए, आखिरकार उनको हमारी बात माननी पड़ेगी. हमारे पर और भी कई तरीके हैं अपनी बात मनवाने के, मुझे लगता है कि अगर हम 2024 तक यहां बैठे रहे तो बीजेपी का सत्यानाश हो जाएगा इसमें कोई शक नहीं है. जहां-जहां चुनाव होंगे वहां-वहां बीजेपी को हराएंगे.

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