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खरखौदा: गरीबों को प्लॉट ना मिलने पर रामपुर गांव के सरपंच ने दिया इस्तीफा - rampur village sarpanch resignation

रामपुर गांव के सरपंच ने इसलिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि गलत तरीके से गरीबों के प्लाटों को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया. सरपंच का कहना था कि गरीबों ने अगर प्लाटों पर कब्जा किया भी है तो वो भी वो सही है. क्योंकि ये उनका अधिकार है.

सरपंच नरेश कुमार
सरपंच नरेश कुमार
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Published : Jan 11, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 8:04 PM IST

सोनीपत: खरखौदा के रामपुर गांव के सरपंच नरेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सरपंच नरेश कुमार का कहना है कि जिन प्लाटों पर ग्रामीणों का कब्जा हुआ है वो उनकी नजर में भी सही है, क्योंकि गरीबों को प्लाट देने के लिए ही एचएसआईआईडीसी से जमीन वापस ली थी.

sarpanch of Rampur village resigned
रामपुर गांव के सरपंच ने दिया इस्तीफा.

सरपंच ने कहा कि उन्हें ये बताया गया कि एचएसआईआईडीसी पर प्रशासन का दबाव बना हुआ था. प्रसासन गरीबों द्वारा कब्जे को प्लाटों को हटाना चाहता है. जबकि 40 वर्षों से अभी तक गरीबों को कोई कब्जा नहीं मिला है और ये प्लाट मिलना गरीबों को हक है.

ये भी पढे़ं- साड़ी में बैक फ्लिप कर हरियाणा की इस छोरी ने मचा दिया इंटरनेट पर धमाल, जानें कौन है ये

सरपंच नरेश कुमार ने ये भी बताया कि उन्हें सरपंच के पद का कोई लालच नहीं है, इसलिए उन्होंने गरीबों के हित में इस्तीफा दिया है. अब गरीबों के हितों की सरकार सोचे. वो हमेशा ही गरीबों के हक के लिए खड़े रहेंगे और इससे पहले सरकार ने गरीबों को जो प्लाट दिये थे. उनके नाम रजिस्ट्री कराई थी. उस पर भी सरकार ने स्कूल बनवा दिया. अब जाकर गरीबों को उनका हक मिला है जो सही है.

नरेश कुमार का कहना है पंचायत ने गरीबों को प्लाट देने के लिए 10 करोड़ रुपये में 10 एकड़ जमीन आईएमटी से वापस ली थी. सीएम को लिखे पत्र में गरीबों को प्लाट देने का जिक्र किया गया है.

सोनीपत: खरखौदा के रामपुर गांव के सरपंच नरेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सरपंच नरेश कुमार का कहना है कि जिन प्लाटों पर ग्रामीणों का कब्जा हुआ है वो उनकी नजर में भी सही है, क्योंकि गरीबों को प्लाट देने के लिए ही एचएसआईआईडीसी से जमीन वापस ली थी.

sarpanch of Rampur village resigned
रामपुर गांव के सरपंच ने दिया इस्तीफा.

सरपंच ने कहा कि उन्हें ये बताया गया कि एचएसआईआईडीसी पर प्रशासन का दबाव बना हुआ था. प्रसासन गरीबों द्वारा कब्जे को प्लाटों को हटाना चाहता है. जबकि 40 वर्षों से अभी तक गरीबों को कोई कब्जा नहीं मिला है और ये प्लाट मिलना गरीबों को हक है.

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सरपंच नरेश कुमार ने ये भी बताया कि उन्हें सरपंच के पद का कोई लालच नहीं है, इसलिए उन्होंने गरीबों के हित में इस्तीफा दिया है. अब गरीबों के हितों की सरकार सोचे. वो हमेशा ही गरीबों के हक के लिए खड़े रहेंगे और इससे पहले सरकार ने गरीबों को जो प्लाट दिये थे. उनके नाम रजिस्ट्री कराई थी. उस पर भी सरकार ने स्कूल बनवा दिया. अब जाकर गरीबों को उनका हक मिला है जो सही है.

नरेश कुमार का कहना है पंचायत ने गरीबों को प्लाट देने के लिए 10 करोड़ रुपये में 10 एकड़ जमीन आईएमटी से वापस ली थी. सीएम को लिखे पत्र में गरीबों को प्लाट देने का जिक्र किया गया है.

Last Updated : Jan 11, 2021, 8:04 PM IST
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