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सोनीपत: 2016 जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान का टेंट बिल अब तक बकाया - सोनीपत टेंट बिल बकाया

सोनीपत में एक टेंट संचालक सालों से रूखी गांव के सरपंच के घर चक्कर काटने को मजबूर है. बताया जा रहा है कि 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान रूखी चौक पर प्रशासनिक अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था करने को लेकर किराए पर टेंट लगाया गया था. जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है.

Tent bill owed during Jat reservation protest at Sarpanch of Rukhi village in Sonipat
सरपंच पर 2016 जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान का टेंट बिल बकाया
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Published : Nov 19, 2020, 10:32 AM IST

सोनीपत: एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक टेंट की दुकान करने वाला व्यक्ति सालों से रूखी गांव के सरपंच के घर चक्कर काटने को मजबूर है. बताया जा रहा है कि 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान रूखी चौक पर प्रशासनिक अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था करने को लेकर किराए पर टेंट लगाया गया था. जिसका किराया करीब 90 हजार रुपये बना था. उसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. जिसको लेकर टेंट संचालक सरपंच के सालों से चक्कर लगा रहा है.

बुधवार को दुकान संचालक एसडीएम आशीष वशिष्ठ से मिला. जिसके बाद एसडीएम ने गांव के सरपंच से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है. दुकान संचालक का कहना है कि कई साल बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने एसडीएम से बकाया राशि का भुगतान कराने की मांग की.

रूखी गांव के सरपंच का कहना है कि जिस वर्ष जाट आरक्षण हुआ था. उस समय पंचायत के खाते में बजट नहीं था. जिसके कारण उस समय पेमेंट नहीं हो पाई थी. वहीं बाद में अधिकारियों का तबादला हो गया था. जिसके चलते बिल का भुगतान नहीं हो पाया था. सरपंच का कहना है कि दुकान संचालक से बिल लेकर अधिकारियों से पास कराया जाएगा. जिसके बाद बिल का भुगतान करा दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: भिवानी: कोरोना के खतरे को देखते हुए स्कूल और कॉलेज बंद करने की मांग

सोनीपत: एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक टेंट की दुकान करने वाला व्यक्ति सालों से रूखी गांव के सरपंच के घर चक्कर काटने को मजबूर है. बताया जा रहा है कि 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान रूखी चौक पर प्रशासनिक अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था करने को लेकर किराए पर टेंट लगाया गया था. जिसका किराया करीब 90 हजार रुपये बना था. उसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. जिसको लेकर टेंट संचालक सरपंच के सालों से चक्कर लगा रहा है.

बुधवार को दुकान संचालक एसडीएम आशीष वशिष्ठ से मिला. जिसके बाद एसडीएम ने गांव के सरपंच से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है. दुकान संचालक का कहना है कि कई साल बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने एसडीएम से बकाया राशि का भुगतान कराने की मांग की.

रूखी गांव के सरपंच का कहना है कि जिस वर्ष जाट आरक्षण हुआ था. उस समय पंचायत के खाते में बजट नहीं था. जिसके कारण उस समय पेमेंट नहीं हो पाई थी. वहीं बाद में अधिकारियों का तबादला हो गया था. जिसके चलते बिल का भुगतान नहीं हो पाया था. सरपंच का कहना है कि दुकान संचालक से बिल लेकर अधिकारियों से पास कराया जाएगा. जिसके बाद बिल का भुगतान करा दिया जाएगा.

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