सोनीपत: हरियाणा को किसानों और खिलाड़ियों का प्रदेश कहा जाता है, यहां के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवा रहे हैं. तो किसान भी आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं. समय के साथ हरियाणा के किसान परंपरागत खेती को छोड़कर, तकनीक आधारित खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. जिसके चलते उनको अधिक मुनाफा हो रहा है. सोनीपत में स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming in Sonipat) कर एक युवा किसान लाखों रुपये महीना कमा रहा है. यह युवा अन्य किसानों के लिए कैसे प्रेरणा स्त्रोत बन रहा है.
सोनीपत के चिटाना गांव के रहने वाले अंकित (Sonipat Farmer Ankit) के पिता पेशे से दंत चिकित्सक हैं. उन्होंने करीब 5 साल पहले यूट्यूब पर खेती की नई-नई तकनीक सीखना शुरू किया था. अंकित ने इस दौरान यूट्यूब पर स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में जानकारी हासिल की और बाद में इसे अपने खेत में अमलीजामा पहनाना शुरू किया. देखते ही देखते उन्होंने इस खेती से लाखों रुपये महीना कमाना शुरू कर दिया. अंकित का कहना है कि परंपरागत खेती से आजकल मुनाफा कम हो रहा है, जिसके चलते अब किसान तकनीकी खेती के साथ साथ फल-सब्जियों की खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
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अंकित खेती के साथ ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी कर रहे हैं. 2 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए अंकित ने करीब पांच साल पहले 7 लाख रुपये खर्च किया था. अब वह इससे लाखों रुपये महीना कमा रहा है और कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. अंकित बताते हैं कि उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए कड़ी मशक्कत नहीं करनी पड़ती और उनकी फसल फोन पर ही बिक जाती है. सोनीपत का यह युवा किसान अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहा है, क्योंकि उसने अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती करना सिखाया है, जिसके चलते अन्य किसान भी परंपरागत खेती को छोड़कर इस तरह की खेती कर रहे हैं.
अंकित ने बताया कि करीब 5 साल पहले यूट्यूब से सीखकर उसने स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की थी. हमारे गांव में भी इसे पहले किसी ने नहीं लगाया था. परंपरागत खेती में मुनाफा अधिक नहीं हो रहा था, जिसके चलते उसने इसकी शुरुआत की. उस समय 1 एकड़ में सात से आठ लाख रुपये का खर्चा आया था. वे अभी तक लागत से दोगुना कमा चुके हैं.
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अंकित बताते हैं कि हमारे पूर्वज गेहूं और धान की फसल लगाकर इतना मुनाफा नहीं कमा पाते थे, जितना इस तरह की फसल लगाकर कमाई की जा सकती है. वहीं उन्होंने कहा कि आज के दौर में रोजगार मिलना बड़ा मुश्किल हो गया है. इसलिए उन्होंने इस तरह की खेती की शुरुआत की थी. अब वह अन्य लोगों को भी यहां पर रोजगार दे रहे हैं, उन्होंने बताया कि सोनीपत व दिल्ली के व्यापारी फोन पर ही अपनी डिमांड बता देते हैं, आस-पास के ग्रामीण भी यहीं से स्ट्रॉबेरी खरीद कर ले जाते हैं.