भिवानी: हरियाणा को खिलाड़ियों का गढ़ कहा जाता है. प्रदेश में ज्यादातर युवा खिलाड़ी हैं. ऐसे में अब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई देश की नई नेशनल शिक्षा नीति के तहत हरियाणा सरकार शिक्षा विभाग की स्कूली शिक्षा में शतरंज को जोरदार तरीके से शामिल करने वाली है. केंद्र की नई नेशनल शिक्षा नीति को लागू करने वाला देश में पहला प्रदेश हरियाणा राज्य होगा.
शतरंज पर मंथन: नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा का स्तर सुधार कर ऊंचा करने और बच्चों का टैलेंट निखारने के लिए ये नई पहल की गई है. हरियाणा शतरंज के प्रदेश महासचिव कुलदीप शतरंज और हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के बीच आयोजित बैठक के दौरान शतरंज को शिक्षा विभाग में शामिल करने बारे खास बातचीत हुई है.
स्कूल में शुरू होगा शह और मात का पाठ: शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग के बड़े सीनियर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे शतरंज को शिक्षा विभाग में शामिल करने बारे एक रिपोर्ट तुरंत तैयार कर उनके सामने पेश करें. ताकि जल्द ही शतरंज को शिक्षा विभाग में ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में शामिल किया जाए. कुलदीप शतरंज ने बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ अब प्रदेश के स्कूलों में डिजिटल ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके से बच्चों की तार्किक क्षमता बढ़ाने का काम भी शुरू किया गया है. भारत सरकार नई नेशनल शिक्षा नीति के तहत शिक्षा में शतरंज को शामिल करने की जोरदार पहल की गई है. ताकि देश में एक स्वस्थ उज्जवल नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना की जा सके.
गहराई से चिंतन करेंगे स्टूडेंट्स: उन्होंने बताया कि नई नेशनल शिक्षा नीति में कहा गया है कि जिस तरह से स्कूलों में बच्चों के स्वस्थ रहने के लिए खेलकूद और शारीरिक कसरत जरूरी है. उसी तरह से दिमाग के विकास के लिए दिमागी कसरत भी ज़रूरी है. जो शतरंज की गतिविधियों से ही हासिल की जा सकती है. नई नेशनल शिक्षा नीति से साफ है कि स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने और बच्चों के दिमागी विकास के लिए गहराई से चिंतन किया गया है.
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