सोनीपतः संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम सिंह चढ़ूनी को 7 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि उन्होंने पंजाब में किसानों को इलेक्शन लड़ने के लिए कहा, जिस पर संयुक्त किसान मोर्चा की सहमति नहीं थी. ऐसे बयानों के लिए उन्हें मना किया गया लेकिन वो नहीं माने तो उन्हें 7 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया. अब वो 7 दिन तक ना तो किसी मंच पर जाएंगे और ना ही कोई बयान देंगे.
लेकिन तुरंत संयुक्त किसान मोर्चा की इस कार्रवाई पर गुरनाम सिंह चढ़ूनी का बयान आ गया. उन्होंने कहा कि ये मेरी विचारधारा है अगर अच्छे लोग राजनीति से भागेंगे तो बुरे लोग राजनीति में आएंगे ही. उन्होंने आगे कहा कि मैंने जो कहा मैं अब भी उस पर कायम हूं और आगे भी रहूंगा. अब यहां से सवाल उठने शुरू हुए क्योंकि इसी के लिए तो उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा ने सजा दी है और वो कह रहे हैं कि ये तो वो आगे भी करेंगे.
तो क्या अब किसान आंदोलन टूट जाएगा? ऐसे सवाल अब उठने लगे हैं क्योंकि गुरनाम चढ़ूनी तो साफ बोल रहे हैं कि वो अपने बयान पर अब भी कायम हैं और आगे भी रहेंगे तो अब संयुक्त किसान मोर्चा क्या करेगा. क्या गुनाम चढ़ूनी अपने समर्थकों को अलग कर लेंगे.
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अगर ऐसा हुआ तो किसान आंदोलन के लिए ये बड़ा झटका होगा, क्योंकि गुरनाम चढ़ूनी की हरियाणा में अच्छी खासी पकड़ है और उन्होंने आंदोलन में एक सक्रिय भूमिका निभाई है. उन्होंने ये कहा भी कि हमारे ऊपर सबसे ज्यादा मुकदमे हुए हैं. मंगलवार को ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा के अध्यक्ष गुणी प्रकाश ने कहा था कि गुरनाम चढ़ूनी किसानो के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं.
अगले ही दिन शाम को ये खबर आ गई कि राजनीतिक बयान देने के आरोप में संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम चढ़ूनी को सस्पेंड कर दिया है. इसमें एक खास बात और है कि गुरनाम चढ़ूनी ने मिशन उत्तर प्रदेश का नाम लिया है. उन्होंने कहा है कि मिशन उत्तर प्रदेश तो चल रहा है लेकिन मिशन पंजाब को ये दबाना चाहते हैं. इस बयान को राकेश टिकैत से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी के रिश्ते पिछले दिनों से कुछ मधुर नहीं रहे हैं.
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