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Sidhu Moose Wala Murder Case: सेना का जवान, अखाड़े का पहलवान, जानें कैसे बना सिद्धू मूसेवाला मर्डर का मोस्ट वांटेंड गैंगस्टर

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Published : Jun 8, 2022, 7:58 PM IST

Updated : Jun 8, 2022, 8:34 PM IST

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. फतेहाबाद के सीसीसीवी में सोनीपत के जो दो गैंगस्टर दिखे थे. उनमें से एक प्रियव्रत भारतीय सेना में तीन साल नौकरी कर चुका है. जानें उसके पहलवान से गैंगस्टर बनने की कहानी.

gangster priyavrat fauji
gangster priyavrat fauji

सोनीपत: भारतीय सेना में हर दसवां सैनिक हरियाणा से है. इसके पीछे की बड़ी वजह है कि हरियाणा के बुजुर्गों से मिली प्रेरणा. जिससे प्रभावित होकर ज्यादातर युवा सेना में भर्ती होने की चाहत रखते हैं. बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते भी हैं कि हरियाणा के युवाओं में दिल नहीं बल्कि फौजी, फौजी, फौजी धड़कता है. सोनीपत के गढ़ी सिसाना गांव (garhi sisana village sonipat) का रहने वाला प्रियव्रत भी इसी जज्बे के साथ सेना में भर्ती हुआ.

भारतीय सेना में भर्ती होने से पहले प्रियव्रत (gangster priyavrat fauji) पहलवानी करता था. स्टेट लेवल पर प्रियव्रत कई मेडल भी जीत चुका था, लिहाजा स्पोर्ट्स कोटे से प्रियव्रत भारतीय सेना में भर्ती हो गया. प्रियव्रत की पोस्टिंग महाराष्ट्र के पूना में हुई और वहीं से दसवीं की पढ़ाई की. तीन साल प्रियव्रत ने भारतीय सेना में सेवाएं दी. उसके बाद वो सेना की नौकरी छोड़ कर गांव आ गया. गांव आने के बाद प्रियव्रत गलत संगत में फंस गया. इसके बाद शुरू हुआ प्रियव्रत के गैंगस्टर बनने का सफर.

गैंगस्टर प्रियव्रत और मंजीत के परिजनों ने जानें क्या कहा.

ऐसे शुरु हुआ गैंगस्टर बनने का सफर: गांव आने के बाद प्रियव्रत अपने साथी मनजीत और मोनू डागर नाम के बदमाशों के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा. जुलाई 2015 में शराब पीकर प्रियव्रत, मनजीत और मोनू डागर ने गांव के रहने वाले शख्स की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. उसके बाद तीनों ने मृतक के शव को पश्चिमी यमुना लिंक नहर में फेंक दिया. इस हत्या मामले में सोनीपत पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

ये भी पढ़ें- Sidhu Moose wala Murder Case: हरियाणा के इस गैंगस्टर को सौंपी गई थी शूटर इकट्ठा करने की जिम्मेदारी

कुख्यात गैंगस्टर रामकरण से मिलाया हाथ: कुछ दिन जेल में रहने के बाद प्रियव्रत जमानत पर बाहर आ गया. जमानत से बाहर आने के बाद प्रियव्रत ने सोनीपत के कुख्यात गैंगस्टर रामकरण के साथ हाथ मिला लिया और कई वारदातों को अंजाम दिया. प्रियव्रत ने 18 मार्च 2021 को गैंगस्टर अजय उर्फ बिट्टू बरोणा के पिता की हत्या की वारदात को अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया. इस वारताद में प्रियव्रत अभी तक फरार चल रहा है, लेकिन सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद इसका नाम एक बार फिर सुर्खियों में है.

सिद्धू मूसेवाला की हत्या कनेक्शन: सिद्धू मूसेवाला की हत्या से 4 दिन पहले यानी 25 मई को एक बोलेरो गाड़ी को फतेहाबाद के रतिया चुंगी से जाते हुए सीसीटीवी (sidhu moose wala bolero cctv) फुटेज में देखा गया. फिर यही बोलेरो गाड़ी हांसपुर रोड से होते हुए हांसपुर की ओर रवाना हो गई. बताया जा रहा है कि ये वही बोलेरो थी जो सिद्धू मूसेवाला की हत्या से तीन चार दिन पहले रेकी के लिए इस्तेमाल की गई थी. इसी बेलोरो कार ने सिद्धू मूसेवाला की थार गाड़ी का पीछा भी किया था.

gangster priyavrat fauji
फतेहाबाद में मिले सीसीटीवी फुटेज में सोनीपत के दो कुख्यात बदमाशों की पहचान की गई थी.

फतेहाबाद में मिले सीसीटीवी फुटेज में सोनीपत के दो कुख्यात बदमाशों की पहचान की गई थी. जिसमें से एक बदमाश सोनीपत के गढ़ी सिसाना गांव के रहने वाला प्रियव्रत फौजी है और दूसरा सोनीपत के सेरसा जाटी गांव (sersa jati village sonipat) का रहने वाला अंकित जाटी है. हालांकि अभी भी ये दोनों बदमाश पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. दोनों बदमाश पहले से ही हत्या, हत्या की कोशिश जैसे कई मुकदमों में फरार चल रहे हैं. ये दोनों हरियाणा पुलिस की मोस्ट वांटेड की लिस्ट में हैं.

ये भी पढ़ें-सिद्धू मूसेवाला मर्डर में बड़ा खुलासा, जनवरी महीने से रेकी कर रहे थे हरियाणा के ये गैंगस्टर, 4 शूटरों की पहचान

अभी तक इन दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. इस पूरे मामले में सोनीपत के गढ़ी सिसाना गांव के रहने वाले मंजीत नाम के शख्स का नाम सामने आ रहा है. हालांकि सोनीपत पुलिस इस पूरे मामले में मीडिया के सामने कोई जानकारी नहीं दे रही है. इस बीच सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) के बाद बुधवार को गैंगस्टर प्रियव्रत फौजी और मंजीत उर्फ भोलू के परिवार ने मीडिया के सामने आपनी बात रखी.

प्रियव्रत ने 10वीं तक की पढ़ाई की है. वो खेल कोटे से सेना में भर्ती हुआ था. तीन साल सेना में काम करने के बाद वो नौकरी छोड़ वापस घर आ गया. जिसके बाद वो गलत संगत में पड़ गया. सबसे पहले रूखी गांव के शख्स की हत्या मामले में उसका नाम आया. बिट्टू बरोणा हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया. जिसके बाद परिजनों ने मिलकर उसको कई बार समझाने की कोशिश की. प्रियव्रत के माना ने तो उनकी पिटाई तक कर दी थी. जिसके बाद प्रियव्रत घर से फरार हो गया. अब दो साल से ज्यादा का वक्त बीच चुका है. ना ही वो घर आया है और ना ही हमारी उसके साथ फोन पर कोई बात हुई है.- संतोष, प्रियव्रत की मां

सोनीपत के ही गढ़ी सिसाना गांव (garhi sisana village sonipat) का एक और गैंगस्टर मनजीत उर्फ भोला का नाम भी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) में सामने आ रहा है. मंजीत उर्फ भोला पर हत्या और अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप है. मंजीत उर्फ भोला की मां सुमित्रा ने भी इस मामले को लेकर मीडिया से बातचीत की. उन्होंने इस पूरे मामले में अपने बेटे मनजीत को बेकसूर बताया.

सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में मंजीत भोला का कोई हाथ नहीं है. पहले भी हुई हत्याओं में इसे फंसाया गया है. इस बार भी उसे फंसाया जा रहा है. जिस सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी. उस दिन मंजीत भोला घर पर ही था. पुलिस उसे बेवजह तंग कर रही है. जिसकी वजह से मंजीत 1 जून से ही घर से फरार है. 30 मई को उसकी खरखौदा कोर्ट में तारीख थी. उसने 1 मई को अपने पिता का इलाज खरखौदा के एक अस्पताल में करवाया था.- सुमित्रा, मंजीत की मां

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में जब से इन दोनों गैंगस्टर के नाम सामने आए हैं. तब से सोनीपत के इन गावों में कई राज्यों की पुलिस लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. सोनीपत पुलिस ने गैंगस्टर प्रियवर्त फौजी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी रख दिया है.

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सोनीपत: भारतीय सेना में हर दसवां सैनिक हरियाणा से है. इसके पीछे की बड़ी वजह है कि हरियाणा के बुजुर्गों से मिली प्रेरणा. जिससे प्रभावित होकर ज्यादातर युवा सेना में भर्ती होने की चाहत रखते हैं. बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते भी हैं कि हरियाणा के युवाओं में दिल नहीं बल्कि फौजी, फौजी, फौजी धड़कता है. सोनीपत के गढ़ी सिसाना गांव (garhi sisana village sonipat) का रहने वाला प्रियव्रत भी इसी जज्बे के साथ सेना में भर्ती हुआ.

भारतीय सेना में भर्ती होने से पहले प्रियव्रत (gangster priyavrat fauji) पहलवानी करता था. स्टेट लेवल पर प्रियव्रत कई मेडल भी जीत चुका था, लिहाजा स्पोर्ट्स कोटे से प्रियव्रत भारतीय सेना में भर्ती हो गया. प्रियव्रत की पोस्टिंग महाराष्ट्र के पूना में हुई और वहीं से दसवीं की पढ़ाई की. तीन साल प्रियव्रत ने भारतीय सेना में सेवाएं दी. उसके बाद वो सेना की नौकरी छोड़ कर गांव आ गया. गांव आने के बाद प्रियव्रत गलत संगत में फंस गया. इसके बाद शुरू हुआ प्रियव्रत के गैंगस्टर बनने का सफर.

गैंगस्टर प्रियव्रत और मंजीत के परिजनों ने जानें क्या कहा.

ऐसे शुरु हुआ गैंगस्टर बनने का सफर: गांव आने के बाद प्रियव्रत अपने साथी मनजीत और मोनू डागर नाम के बदमाशों के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा. जुलाई 2015 में शराब पीकर प्रियव्रत, मनजीत और मोनू डागर ने गांव के रहने वाले शख्स की पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. उसके बाद तीनों ने मृतक के शव को पश्चिमी यमुना लिंक नहर में फेंक दिया. इस हत्या मामले में सोनीपत पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

ये भी पढ़ें- Sidhu Moose wala Murder Case: हरियाणा के इस गैंगस्टर को सौंपी गई थी शूटर इकट्ठा करने की जिम्मेदारी

कुख्यात गैंगस्टर रामकरण से मिलाया हाथ: कुछ दिन जेल में रहने के बाद प्रियव्रत जमानत पर बाहर आ गया. जमानत से बाहर आने के बाद प्रियव्रत ने सोनीपत के कुख्यात गैंगस्टर रामकरण के साथ हाथ मिला लिया और कई वारदातों को अंजाम दिया. प्रियव्रत ने 18 मार्च 2021 को गैंगस्टर अजय उर्फ बिट्टू बरोणा के पिता की हत्या की वारदात को अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया. इस वारताद में प्रियव्रत अभी तक फरार चल रहा है, लेकिन सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद इसका नाम एक बार फिर सुर्खियों में है.

सिद्धू मूसेवाला की हत्या कनेक्शन: सिद्धू मूसेवाला की हत्या से 4 दिन पहले यानी 25 मई को एक बोलेरो गाड़ी को फतेहाबाद के रतिया चुंगी से जाते हुए सीसीटीवी (sidhu moose wala bolero cctv) फुटेज में देखा गया. फिर यही बोलेरो गाड़ी हांसपुर रोड से होते हुए हांसपुर की ओर रवाना हो गई. बताया जा रहा है कि ये वही बोलेरो थी जो सिद्धू मूसेवाला की हत्या से तीन चार दिन पहले रेकी के लिए इस्तेमाल की गई थी. इसी बेलोरो कार ने सिद्धू मूसेवाला की थार गाड़ी का पीछा भी किया था.

gangster priyavrat fauji
फतेहाबाद में मिले सीसीटीवी फुटेज में सोनीपत के दो कुख्यात बदमाशों की पहचान की गई थी.

फतेहाबाद में मिले सीसीटीवी फुटेज में सोनीपत के दो कुख्यात बदमाशों की पहचान की गई थी. जिसमें से एक बदमाश सोनीपत के गढ़ी सिसाना गांव के रहने वाला प्रियव्रत फौजी है और दूसरा सोनीपत के सेरसा जाटी गांव (sersa jati village sonipat) का रहने वाला अंकित जाटी है. हालांकि अभी भी ये दोनों बदमाश पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. दोनों बदमाश पहले से ही हत्या, हत्या की कोशिश जैसे कई मुकदमों में फरार चल रहे हैं. ये दोनों हरियाणा पुलिस की मोस्ट वांटेड की लिस्ट में हैं.

ये भी पढ़ें-सिद्धू मूसेवाला मर्डर में बड़ा खुलासा, जनवरी महीने से रेकी कर रहे थे हरियाणा के ये गैंगस्टर, 4 शूटरों की पहचान

अभी तक इन दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. इस पूरे मामले में सोनीपत के गढ़ी सिसाना गांव के रहने वाले मंजीत नाम के शख्स का नाम सामने आ रहा है. हालांकि सोनीपत पुलिस इस पूरे मामले में मीडिया के सामने कोई जानकारी नहीं दे रही है. इस बीच सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) के बाद बुधवार को गैंगस्टर प्रियव्रत फौजी और मंजीत उर्फ भोलू के परिवार ने मीडिया के सामने आपनी बात रखी.

प्रियव्रत ने 10वीं तक की पढ़ाई की है. वो खेल कोटे से सेना में भर्ती हुआ था. तीन साल सेना में काम करने के बाद वो नौकरी छोड़ वापस घर आ गया. जिसके बाद वो गलत संगत में पड़ गया. सबसे पहले रूखी गांव के शख्स की हत्या मामले में उसका नाम आया. बिट्टू बरोणा हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया. जिसके बाद परिजनों ने मिलकर उसको कई बार समझाने की कोशिश की. प्रियव्रत के माना ने तो उनकी पिटाई तक कर दी थी. जिसके बाद प्रियव्रत घर से फरार हो गया. अब दो साल से ज्यादा का वक्त बीच चुका है. ना ही वो घर आया है और ना ही हमारी उसके साथ फोन पर कोई बात हुई है.- संतोष, प्रियव्रत की मां

सोनीपत के ही गढ़ी सिसाना गांव (garhi sisana village sonipat) का एक और गैंगस्टर मनजीत उर्फ भोला का नाम भी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) में सामने आ रहा है. मंजीत उर्फ भोला पर हत्या और अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप है. मंजीत उर्फ भोला की मां सुमित्रा ने भी इस मामले को लेकर मीडिया से बातचीत की. उन्होंने इस पूरे मामले में अपने बेटे मनजीत को बेकसूर बताया.

सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में मंजीत भोला का कोई हाथ नहीं है. पहले भी हुई हत्याओं में इसे फंसाया गया है. इस बार भी उसे फंसाया जा रहा है. जिस सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी. उस दिन मंजीत भोला घर पर ही था. पुलिस उसे बेवजह तंग कर रही है. जिसकी वजह से मंजीत 1 जून से ही घर से फरार है. 30 मई को उसकी खरखौदा कोर्ट में तारीख थी. उसने 1 मई को अपने पिता का इलाज खरखौदा के एक अस्पताल में करवाया था.- सुमित्रा, मंजीत की मां

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में जब से इन दोनों गैंगस्टर के नाम सामने आए हैं. तब से सोनीपत के इन गावों में कई राज्यों की पुलिस लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. सोनीपत पुलिस ने गैंगस्टर प्रियवर्त फौजी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी रख दिया है.

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Last Updated : Jun 8, 2022, 8:34 PM IST
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