सोनीपत: हरियाणा के जिला सोनीपत में गांव झरोठी में बने टोल प्लाजा पर धरना खत्म कर दिया गया है. बीजेपी नेताओं और टोल कर्मचारियों ने आपसी विवाद के चलते मंगलवार सुबह से लेकर देर शाम तक टोल प्लाजा पर डेरा जमाए रखा. जिसके चलते टोल प्लाजा संचालकों और नेताओं के साथ ग्रामीणों की कई घंटे मैराथन बैठक खरखोदा एसडीएम कार्यालय में चली. बैठक के बाद दोनों पक्षों में कई बिंदुओं पर सहमति बन गई और टोल से धरना हटा लिया.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, सोनीपत से गुजरने वाले मेरठ झज्जर नेशनल हाईवे 334 बी पर विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा जिला अध्यक्ष तीर्थ राणा व खरखौदा ब्लॉक समिति अध्यक्ष सत्येंद्र उर्फ सत्ते सोमवार शाम को खरखौदा की तरफ आ रहे थे. झरोठी में बने टोल प्लाजा पर उनकी गाड़ी को रोक लिया गया. उनसे टोल टैक्स मांगा गया तो दोनों ने वहां कर्मियों को अपना आई कार्ड दिखाया. लेकिन टोल कर्मियों ने बैरियर लगाकर उन्हें रोक लिया और निकलने नहीं दिया. इस दौरान टोल प्लाजा कर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की और गाली गलौज भी की. जिसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई. मंगलवार को बीजेपी नेताओं समेत ग्रामीणों ने भी टोल प्लाजा पर मिलकर टोल कर्मियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.
बीजेपी जिला अध्यक्ष तीर्थ राणा ने बताया कि टोल संचालक के साथ हमारी कुछ मांगों पर सहमति बन गई है, जिसमे मुख्य मांग है, टोल पर पुलिस वेरिफिकेशन के साथ कर्मचारी लगाए जाएंगे, कर्मचारी टोल ड्रेस में रहेंगे, आसपास के ग्रामीणों को टोल में छूट दी जाएगी, 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले वाहन चालकों के टोल पास बनेंगे. किसी भी वाहन चालक के साथ बदतमीजी नहीं की जाएगी.
वहीं, ग्रामीणों व दहिया खाप के प्रतिनिधि सुरेंद्र दहिया के अन्य टोल प्लाजा को चेतावनी देते हुए कहा कि अन्य टोल प्लाजा लागू होने चाहिए. ताकि वहां पर कोई भी शरारती तत्वों नोकरी ना कर सके और महिलाओं को भी परेशानी का सामना ना करना पड़े. सोनीपत के भिगान टोल पर कार्यरत कर्मचारियों को उन्होंने खास कर चेतावनी दे डाली है कि अगर वहां के हालात नहीं सुधरे तो वहां भी धरना दिया जाएगा.
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