सोनीपत: घरों से निकलने वाले कूड़े से अब शहर में गंदगी नहीं बल्कि बिजली बनेगी. जी हां, दरअसल हरियाणा सरकार ने जेबीएम (Jay Bharat Maruti Limited) नाम की एक प्राइवेट कंपनी ने कूड़े से बिजली तैयार करने का प्लांट तैयार किया है. इस प्लांट में हर रोज 8 मेगावाट बिजली तैयार की जाएगी. हरियाणा सरकार ने प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत जीबीएम कंपनी के साथ मिलकर सोनीपत के ताजपुर गांव (Tajpur Village of Sonipat) में घरों से आने वाले कूड़े से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2017 में की थी जो आज जाकर तैयार हो चुका है.
इस कंपनी के मैनेजर राजेश कुमार पांडे ने (Manager Rajesh Kumar Pandey) बताया कि ये प्लांट हरियाणा सरकार और हमारे सौजन्य से चलाया जाएगा. इस प्लांट में करीब 8 मेगावाट बिजली हर रोज तैयार की जाएगी. सरकार ने ये तय कर रखा है कि जिन घरों और संस्थाओं से कूड़ा उठाया जाएगा उसका पैसा सरकार ही कंपनी को देगी. वहीं पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि घरों आने वाले कूड़े से बिजली तैयार करने वाला ये हरियाणा का दूसरा प्लांट है. सोनीपत, गन्नौर, समालखा, पानीपत के कचरा प्रबंधन के लिए स्थापित किए गए इस सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से लोगों को काफी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि घर-घर से कूड़ा एकत्रित करके संयंत्र में लाया जाएगा, जहां कचरे को बिजली में परिवर्तित किया जाएगा.
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इससे पहला प्लांट फरीदाबाद में लगा है और हरियाणा सरकार ने ये तय किया था कि हर 2 जिलों पर एक प्लांट लगाया जाएगा. ये पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक निजी कंपनी लगा रही है और इस प्लांट से हर रोज 8 मेगावाट बिजली तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान मिशन के तहत ये प्लांट लगाए जा रहे हैं.
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आपको बता दें कि ये प्रोजेक्ट करीब 2 साल पहले शुरू होना था. लेकिन पहले आसपास के गांवों ने इसका विरोध किया और बाद में कई चुनौतियों के बाद आखिरकार ये प्लांट शुरू हुई हो गया. लेकिन सोनीपत से कूड़ा उठाने वाली इस कंपनी पर गंभीर आरोप लगते रहे की ये कंपनी पर कूड़ा उठाने के नाम पर मकान मालिकों से पैसे लेती है. हालांकि कंपनी के मैनेजर राजेश कुमार पांडे ने सभी आरोपों की नकार दिया और कहा कि शुरुआत में इस प्लांट को लेकर कुछ दिक्कतें जरूर आई थी. लेकिन अब ये प्लांट सरकार की मदद से शुरू हो चुका है.