सोनीपत: देसां में देस हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा, हरियाणा का नाम जहन में आते ही आप सभी के मन यहां का देसी खान-पान, सेना के जवान और कुश्ती करते पहलवानों की तस्वीर दिखाई देती होगी. लेकिन हरियाणा को भी कई चीजों के लिए जाना जाता है. हम बात कर रहे हैं सोनीपत जिले के गोहाना की जहां पिछले 70 सालों से सूती निवाड़ यानी कॉटन का निवाड़ बनाया जाता है और ये निवाड़ गोहाना से देश के विभिन्न राज्यों में ही नहीं बल्कि विदशों में भी इसकी सप्लाई की जाती है.
गोहाना में बनने वाला सूती निवाड़ अलग-अलग रंगों में बनाई जाता है और डिमांड के हिसाब से 1 इंच से लेकर 4 इंच तक निवाड़ को बनाने का काम किया जाता है. इसलिए गोहाना को निवाड़ का हब भी कहा जाता है. आपको बता दें कि निवाड़ बनाने की ये फैक्ट्री केवल गोहाना और उत्तर प्रदेश के मथूरा में हैं. वैसे तो बाकी कई शहरों में भी निवाड़ बनाए जाते हैं, लेकिन इतनी ज्यादा मात्रा में सूती निवाड़ केवल गोहाना और मथूरा में बनता है और देश-विदेश में सप्लाई किया जाता है.
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आपको बता दें कि सन 1951 में गोहाना में निवाड़ बनाने का काम शुरू किया गया था. तब इसे हाथों और लकड़ी की मशीन जिसे हरियाणा में खड्डी कहा जाता है, उसकी मदद से बनाया जाता था. तब पूरे दिन में 10 से 15 किलो ही निवाड़ बनता था. लेकिन अब बदलते जमाने के साथ-साथ निवाड़ बनाने की तकनीक में भी सुधार आया और ऑटोमेटिक मशीनों से इसे बनाए जाने लगा. जिसके बाद आज पूरे दिन में 200 से 250 किलो निवाड़ आसानी से बन जाता है.
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गोहाना की इस फैक्ट्री में बनने वाले सूती निवाड़ से कई तरह की चीजें बनाई जाती है. जैसे पलंग, बैग, टैंट, मच्छरदानी और आर्मी के बनने वाले स्पेशल कपड़ों में निवाड़ इस्तेमाल होता है. निवाड़ से बने सामान का शौक रखने वाले लोगों के लिए गोहाना से बहतर जगह नहीं होगी. शुरुआत में यहां 2-3 फैक्ट्रियां ही हुआ करती थी लेकिन अब यहां 100 से ज्यादा फैक्ट्रियां बन चुकी है और 2 से ढाई हजार लोग काम करते हैं. और आज पूरे भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी गोहाना का निवाड़ सप्लाई किया जाता है.