सोनीपत: जिले की आबकारी विभाग का कार्यालय खस्ता हालत में है. कार्यालय की छतों और दिवारों से प्लास्टर झड़ चुके हैं. दफ्तर की दीवारों और छतों में पड़ी हुई दरारें बयां कर रही हैं कि ये कभी भी ढह सकती हैं. गर्मी में राहत के लिए कार्यालय में लगाए गए कूलर को राहत की आवश्यकता है. वहीं शौचालय इतना गंदा हो चुका है कि आदमी इसके अंदर जाने मात्र से बीमार हो सकता है.
लेकिन सोनीपत के इस आबकारी कार्यालय पर सरकार और अधिकारियों का ध्यान तक नहीं है. जबकी आबकारी विभाग के सभी कर्मचारी और खुद डिप्टी एक्ससाइज कमिश्नर भी यहीं रहकर अपना कामकाज करते हैं.
लॉकडाउन के चलते शराब ठेकों को खोलने के लिए सरकार और विपक्ष में राजस्व को लेकर तीखी नोकझोंक चलती रही है. काफी दिनों तक शराब की दुकानों को बंद रखने के बाद सरकार को अपने कमाऊ बेटे यानी शराब की बिक्री को खोलना ही पड़ा. लेकिन इस आबकारी विभाग के कार्यालय पर किसी अधिकारी की नजर भी नहीं पड़ी है.
जिले के तमाम विभागों के कार्यालय बेहतर ढंग से बने हुए हैं, लेकिन आबकारी विभाग का कार्यालय भीड़-भाड़ और संकरी गली में बना हुआ है. जिसके चलते आबकारी विभाग के कार्यालय को अधिकारियों की बेरुखी का शिकार होना पड़ रहा है.
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