गोहाना: सोमवार को किसान आंदोलन को 26 दिन हो चुके हैं. लगातार दिल्ली के बॉर्डर पर हरियाणा पंजाब के किसान बैठे हुए हैं और अभी तक 29 किसानों ने इस आंदोलन में अपनी जान गवां चुके हैं. जिन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए गोहाना में कई संगठनों ने रैली निकालकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर जन संघर्ष मंच के संचालक डॉक्टर सीडी शर्मा का कहना है कि लगातार किसान भाई दिल्ली के बॉर्डर के ऊपर कृषि कानूनों विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी तक कई किसान इसमें शहीद हो चुके हैं. जिन्हें हमने भावभीनी श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्दी से इस कानून को वापस कराया जाए नहीं तो आने वाले समय में और भी आंदोलन तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम भी किसानों का समर्थन करते हैं.
इस वजह से किसान कर रहे हैं आंदोलन
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान डटे हुए हैं. वहीं केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.
बहरहाल केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध किसान अपने आंदोलन को तेज करते हुए किसान सोमवार एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं. साथ ही 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक या दो दिन में प्रदर्शनकारी समूहों से उनकी मांगों पर बातचीत कर सकते हैं.
ये पढ़ें- 'हरियाणा-पंजाब के किसानों में लट्ठ बजवाने के लिए SYL को मुद्दा बना रही केंद्र सरकार'