सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले मामले में आरोपी जितेंद्र की हाईकोर्ट में दायर अग्रिम जमानत याचिका का पुलिस पुरजोर विरोध करेगी. इसके लिए हाई कोर्ट में जरूरी दस्तावेज जमा कराए जाएंगे. एसईटी ने हाई कोर्ट में देने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर लिए हैं.
शराब तस्कर भूपेंद्र के भाई जितेंद्र ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी. न्यायालय ने उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर जांच में सहयोग करने को कहा था. उसके बाद वो अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंच गया. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन किया है।
बता दें कि खरखौदा शराब घोटाले मामले में मुख्य आरोपी शराब ठेकेदार भूपेंद्र के साथ उसका भाई जितेंद्र नामजद है. भूपेंद्र और बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर ने भी रिमांड के दौरान पुलिस को यही जानकारी दी थी. जितेंद्र के खिलाफ शराब तस्करी के आठ मामले दर्ज हैं. शराब को डिस्टलरी से लाने, उसकी पैकिंग और बोतल चेंज करने और सप्लाई करने का धंधा जितेंद्र संभालता था. जबकि भूपेंद्र का काम पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों से संबंध बनाकर अपने धंधे को सुरक्षित करना था. सभी का हिस्सा उनको पहुंचाना और जरूरी मुलाकात करना भूपेंद्र का काम था.
अब एसईटी की प्राथमिकता जितेंद्र को गिरफ्तार करने की है. जितेंद्र के पकड़ में आने से कई महत्वपूर्ण राज खुल सकेंगे. हाई कोर्ट ने एसईटी से जरूरी जानकारी मांगी है. इसके लिए आवश्यक कागजात के साथ एसआईटी के अधिकारी हाई कोर्ट जाएंगे. एसईटी के अधिकारियों ने किसी भी हाल में आरोपी जितेंद्र को गिरफ्तार करने की तैयारी कर ली है. इसके लिए एसआईटी के साथ ही सीआईए और एसटीएफ की टीम भी लगी हुई हैं.
क्या है शराब घोटाला?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है.
कैसे हुई तस्करी?
सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.
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पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी.