सोनीपत: हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर स्थित सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन के भविष्य की रणनीति को लेकर बैठक (samyukt Kisan Morcha meeting) करने जा रही है. बता दें कि पीएम मोदी ने 19 नवंबर को तीन कृषि कानून वापस (Farm laws withdrawal) लेने का ऐलान किया था. जिसके दो दिन बाद ही किसान संगठनों ने आंदोलन के भविष्य की रणनीति को लेकर सिंघु बॉर्डर पर एक बैठक का आयोजन किया था, लेकिन किसी वजह से उस दिन फैसला नहीं हो पाया और आज यानी 27 नवंबर का दिन बैठक कर रणनीति तैयार करने का फैसला किया गया था.
इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के सभी बड़े नेता सहित कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. किसान संगठनों की बैठक (farmers meeting at Singhu border) में संसद घेराव (farmers Sansad gherao) और किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय करने संबंधी चर्चा की जाएगी. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ये भी साफ कर चुका है कि कृषि कानून को वापस करने के औपचारिक फैसले आने और तीन कृषि कानून रद्द (Farm Laws Repealed) करने संबंधी नॉटिफिकेशन जारी कर इसे सार्वजनिक नहीं करने तक किसान आंदोलन खत्म नहीं होने वाला है.
गौरतलब है कि बैठक में 29 नवंबर को संसद की ओर कूच (farmer parliament march) करने के कार्यक्रम पर चर्चा होगी. वहीं एमएसपी की गारंटी का कानून, पराली बिल व बिजली बिल में संशोधन को लेकर भी मोर्चा का स्टैंड और आंदोलन के रूप की चर्चा की जाएगी.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 19 नवंबर को देश के नाम संबोधन करते हुए कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला (Farm Laws Repealed) किया है.
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