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किसानों को अभी तक नहीं मिला केंद्र से बातचीत का न्यौता, 7 दिसंबर को हो सकता है बड़ा फैसला

दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. केंद्र सरकार ने भले ही तीनों कृषि कानून वापस ले लिए है लेकिन आंदोलन लगातार जारी है. इसी बीच सोनीपत में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morcha) द्वारा बनाई गई 5 सदस्यीय किसान नेताओं की कमेटी ने बैठक (Farmer leaders committee meeting in Sonipat) की.

Farmer leaders' committee meeting in Sonipat
Farmer leaders' committee meeting in Sonipat
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Published : Dec 6, 2021, 2:45 PM IST

Updated : Dec 6, 2021, 3:17 PM IST

सोनीपत: तीन कृषि कानूनों और अपनी अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर लगातार जारी है. हालांकि केंद्र सरकार ने किसानों की मांगें मानते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. साथ ही एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किसानों से नाम भी मांगे गए है. जिसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. जिसमें किसान नेता बलबीर राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले व शिवकुमार कक्का को शामिल किया गया है.

सूत्रों की मानें तो सरकार की तरफ से किसानों द्वारा गठित कमेटी को सरकार से मुलाकात करने का अभी तक न्यौता नहीं मिला है. जिसके चलते किसानों में बैठकों का दौर लगातार जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morcha) द्वार बनाई गई किसान नेताओं की कमेटी ने सोमवार को सोनीपत में बैठक (Farmer leaders committee meeting in Sonipat) की. इस बैठक में कमेटी के सदस्य किसान नेता बलबीर राजेवाल, गुरूनाम सिंह चढूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले व शिवकुमार कक्का मौजूद रहे. इस बैठक में किसान नेताओं ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने और आंदोलन को गति देने के बारे में चर्चा की.

सुनिए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का बयान

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया कि 7 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक (meeting on farmer protest) होगी. पांच सदस्यीय कमेटी अब आंदोलन की सरकार से रूपरेखा तैयार करेगी. और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी किसानों का ये आंदोलन जारी रहेगा. गौरतलब है कि पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों के नेताओं की ओर से पहले भी कई बार आंदोलन खत्म कर घरों की ओर लौटने के बयान आ चुके हैं. पंजाब किसान जत्थेबंदियों के नेताओं के बयानों से वो अब सरकार के उठाए कदमों से संतुष्ट नजर आते हैं, लेकिन हरियाणा के कुछ किसान संगठन आंदोलन खत्म नहीं करना चाहते हैं. हरियाणा के किसान संगठन किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनने तक आंदोलन खत्म नहीं करना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- Farmer Protest: सरकार से बातचीत के लिए किसानों की पांच सदस्यीय कमेटी गठित, अगली बैठक 7 दिसंबर को

इसी बीच ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि तीन कृषि कानून के विरोध में आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्य गुरनाम सिंह चढ़ूनी कई बार सक्रिय राजनीति में उतरने का संकेत दे चुके हैं. गुरनाम सिंह हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में जाकर बैठक कर चुके हैं. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इसके अलावा राकेश टिकैत भी पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि आंदोलन चलता रहे.

पिछले शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (farmers meeting with Manohar lal khattar) के साथ कई घंटों तक बैठक चली. ये बैठक बेनतीजा रही. बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बैठक में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. सरकार की ओर से हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. ये बैठक काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और दोनों ओर से किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं था, लेकिन किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. संयुक्त किसान मोर्ची की अगली बैठक 7 दिसंबर को बुलाई गई है. माना जा रहा है कि इसमें कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.

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सोनीपत: तीन कृषि कानूनों और अपनी अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर लगातार जारी है. हालांकि केंद्र सरकार ने किसानों की मांगें मानते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. साथ ही एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किसानों से नाम भी मांगे गए है. जिसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. जिसमें किसान नेता बलबीर राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले व शिवकुमार कक्का को शामिल किया गया है.

सूत्रों की मानें तो सरकार की तरफ से किसानों द्वारा गठित कमेटी को सरकार से मुलाकात करने का अभी तक न्यौता नहीं मिला है. जिसके चलते किसानों में बैठकों का दौर लगातार जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morcha) द्वार बनाई गई किसान नेताओं की कमेटी ने सोमवार को सोनीपत में बैठक (Farmer leaders committee meeting in Sonipat) की. इस बैठक में कमेटी के सदस्य किसान नेता बलबीर राजेवाल, गुरूनाम सिंह चढूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले व शिवकुमार कक्का मौजूद रहे. इस बैठक में किसान नेताओं ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने और आंदोलन को गति देने के बारे में चर्चा की.

सुनिए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का बयान

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया कि 7 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक (meeting on farmer protest) होगी. पांच सदस्यीय कमेटी अब आंदोलन की सरकार से रूपरेखा तैयार करेगी. और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी किसानों का ये आंदोलन जारी रहेगा. गौरतलब है कि पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों के नेताओं की ओर से पहले भी कई बार आंदोलन खत्म कर घरों की ओर लौटने के बयान आ चुके हैं. पंजाब किसान जत्थेबंदियों के नेताओं के बयानों से वो अब सरकार के उठाए कदमों से संतुष्ट नजर आते हैं, लेकिन हरियाणा के कुछ किसान संगठन आंदोलन खत्म नहीं करना चाहते हैं. हरियाणा के किसान संगठन किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनने तक आंदोलन खत्म नहीं करना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- Farmer Protest: सरकार से बातचीत के लिए किसानों की पांच सदस्यीय कमेटी गठित, अगली बैठक 7 दिसंबर को

इसी बीच ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि तीन कृषि कानून के विरोध में आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्य गुरनाम सिंह चढ़ूनी कई बार सक्रिय राजनीति में उतरने का संकेत दे चुके हैं. गुरनाम सिंह हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में जाकर बैठक कर चुके हैं. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इसके अलावा राकेश टिकैत भी पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि आंदोलन चलता रहे.

पिछले शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (farmers meeting with Manohar lal khattar) के साथ कई घंटों तक बैठक चली. ये बैठक बेनतीजा रही. बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बैठक में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. सरकार की ओर से हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. ये बैठक काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और दोनों ओर से किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं था, लेकिन किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. संयुक्त किसान मोर्ची की अगली बैठक 7 दिसंबर को बुलाई गई है. माना जा रहा है कि इसमें कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.

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Last Updated : Dec 6, 2021, 3:17 PM IST
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