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बरोदा उपचुनाव: 33 साल से नहीं टूटा है लोकदल के उम्मीदवार की जीत का रिकॉर्ड

तीन नवंबर को बरोदा उपचुनाव के लिए वोट डाली जाएंगी और 10 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे. बरोदा उपचुनाव को लेकर हरियाणा में चुनावी हलचल तेज हो गई है. ऐसे में हम आपको सुना रहे हैं बरोदा विधानसभा सीट से जुड़े मशहूर किस्से.

baroda assembly seat winning record
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Published : Oct 5, 2020, 9:57 AM IST

Updated : Oct 5, 2020, 11:01 AM IST

सोनीपत: चुनाव में कम या अधिक वोटों के अंतर से हार-जीत के रिकार्ड बनते रहते हैं. बरोदा हलके में भी एक ऐसा रिकार्ड है जो 33 साल से नहीं टूट पाया है. ये रिकार्ड है सर्वाधिक मतों से जीतने का, जो डॉ. कृपा राम पूनिया के नाम है. 1987 के विधानसभा चुनाव में डॉ. पूनिया ने 37,025 वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. ये रिकार्ड पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व भाजपा की लहर में भी नहीं टूट पाया.

बरोदा की सीट 2008 तक रही आरक्षित

बता दें कि, हरियाणा गठन के बाद बरोदा हलका 1967 के विधानसभा चुनाव में अस्तित्व में आया था. इससे पहले गोहाना हलका था, जिसमें गोहाना, बरोदा व महम के क्षेत्र शामिल थे. बरोदा हलका 1967 से 2005 तक एससी के लिए आरक्षित रहा. 2009 में ये हलका सामान्य हुआ. इस हलके में 1967 से लेकर 2019 तक जीतने भी चुनाव हुए हैं उनमें सबसे अधिक वोटों से जीत दर्ज करने का रिकार्ड लोकदल से विधायक बने डॉ. कृपाराम पूनिया के नाम है.

baroda assembly seat winning record
डॉ. कृपा राम पूनिया. (फाइल फोटो)

चौ. देवीलाल की लहर में बना था रिकॉर्ड

1987 के विधानसभा के चुनाव में लोकदल की लहर थी. इस चुनाव में पूर्व उप प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल ने लोकदल से डॉ. पूनिया को नए चेहरे के रूप में मैदान में उतारा था. डॉ. पूनिया को लोकदल की लहर में 50,882 मत मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी श्यामचंद को मात्र 13,857 वोट मिले थे. डॉ. पूनिया 37,025 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे. करीब 33 साल बीत जाने के बाद इस रिकार्ड को अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है.

हुड्डा भी नहीं तोड़ पाए ये रिकॉर्ड

मार्च, 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बने थे. हुड्डा किलोई से विधायक बने थे और बरोदा व किलोई हलकों की सीमा सटी हुई है. हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने के बाद बरोदा हलके के लोगों के सिर पर उनका जादू सिर चढ़ कर बोलने लगा, लेकिन डॉ. पूनिया का रिकार्ड नहीं टूट पाया. भाजपा की लहर में भी ये रिकार्ड नहीं टूट पाया है. अब बरोदा में तीन नवंबर को उपचुनाव होगा. ऐसे में अब बरोदा के उपचुनाव में सर्वाधिक वोटों से जीत दर्ज करने का रिकार्ड डॉ. पूनिया के नाम रहेगा या नहीं इसका फैसला 10 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने पर होगा.

ये भी पढ़ें- 6 अक्टूबर को सिरसा में दुष्यंत चौटाला से किसान पूछेंगे 10 सवाल: योगेंद्र यादव

सोनीपत: चुनाव में कम या अधिक वोटों के अंतर से हार-जीत के रिकार्ड बनते रहते हैं. बरोदा हलके में भी एक ऐसा रिकार्ड है जो 33 साल से नहीं टूट पाया है. ये रिकार्ड है सर्वाधिक मतों से जीतने का, जो डॉ. कृपा राम पूनिया के नाम है. 1987 के विधानसभा चुनाव में डॉ. पूनिया ने 37,025 वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. ये रिकार्ड पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व भाजपा की लहर में भी नहीं टूट पाया.

बरोदा की सीट 2008 तक रही आरक्षित

बता दें कि, हरियाणा गठन के बाद बरोदा हलका 1967 के विधानसभा चुनाव में अस्तित्व में आया था. इससे पहले गोहाना हलका था, जिसमें गोहाना, बरोदा व महम के क्षेत्र शामिल थे. बरोदा हलका 1967 से 2005 तक एससी के लिए आरक्षित रहा. 2009 में ये हलका सामान्य हुआ. इस हलके में 1967 से लेकर 2019 तक जीतने भी चुनाव हुए हैं उनमें सबसे अधिक वोटों से जीत दर्ज करने का रिकार्ड लोकदल से विधायक बने डॉ. कृपाराम पूनिया के नाम है.

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डॉ. कृपा राम पूनिया. (फाइल फोटो)

चौ. देवीलाल की लहर में बना था रिकॉर्ड

1987 के विधानसभा के चुनाव में लोकदल की लहर थी. इस चुनाव में पूर्व उप प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल ने लोकदल से डॉ. पूनिया को नए चेहरे के रूप में मैदान में उतारा था. डॉ. पूनिया को लोकदल की लहर में 50,882 मत मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी श्यामचंद को मात्र 13,857 वोट मिले थे. डॉ. पूनिया 37,025 वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे. करीब 33 साल बीत जाने के बाद इस रिकार्ड को अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है.

हुड्डा भी नहीं तोड़ पाए ये रिकॉर्ड

मार्च, 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बने थे. हुड्डा किलोई से विधायक बने थे और बरोदा व किलोई हलकों की सीमा सटी हुई है. हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने के बाद बरोदा हलके के लोगों के सिर पर उनका जादू सिर चढ़ कर बोलने लगा, लेकिन डॉ. पूनिया का रिकार्ड नहीं टूट पाया. भाजपा की लहर में भी ये रिकार्ड नहीं टूट पाया है. अब बरोदा में तीन नवंबर को उपचुनाव होगा. ऐसे में अब बरोदा के उपचुनाव में सर्वाधिक वोटों से जीत दर्ज करने का रिकार्ड डॉ. पूनिया के नाम रहेगा या नहीं इसका फैसला 10 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने पर होगा.

ये भी पढ़ें- 6 अक्टूबर को सिरसा में दुष्यंत चौटाला से किसान पूछेंगे 10 सवाल: योगेंद्र यादव

Last Updated : Oct 5, 2020, 11:01 AM IST
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