सोनीपत: हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को चुनाव होने है. सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए कमर कस कर मैदान में हैं. चुनावी अखाड़े में एक तरफ बीजेपी से पहलवान योगेश्वर दत्त हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस की तरफ से इंदुराज नरवाल. वहीं इनेलो ने जोगेंद्र मलिक को बरोदा विधानसभा के उपचुनावी अखाड़े में उतारा है.
बरोदा उपचुनाव में बीजेपी की जीत पर ग्रहण लगाने के लिए पूर्व बीजेपी नेता परविंदर ढुल के बेटे रविंदर ढुल भी मैदान में कूद पड़े हैं. रविंदर ढुल बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार इंदुराज नरवाल का समर्थन कर रहे हैं. इसी मुद्दे पर रविंदर ढुल से ईटीवी ने खास बात-चीत की.
रविंदर ढुल ने कहा कि मैंने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि जब ये तीन नए कानून लाए गए थे. उन्होंने इनकी कमियां सरकार को गिनवाने का काम किया, और मांग की थी कि इन कानूनों के अंदर संशोधन किया जाए. जैसे कि एमएसपी, मंडी व्यवस्था को बनाए रखने इत्यादी की बातें कही थी, लेकिन सरकार ने हमारी मांगे दरकिनार कर दी.
कृषि कानूनों पर सरकार फैला रही झूठ: रविंदर ढुल
उन्होंने कहा कि अगर अगर सरकार चाहती तो ये मांगे मानी जा सकती थी. जबकि बीजेपी सरकार कहती रही कि हमारे पास इनको रोकने का कोई उचित कारण नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास इसके सभी राइट है, सरकार इन तीन नए कानूनों पर झूठ फैलाने का काम कर रही है.
'कांग्रेस का समर्थन करना हमारे कार्यकर्ताओं का फैसला'
रविंदर ढुल ने कांग्रेस में शामिल होने सवाल पर बचते हुए कहा कि बरोदा हल्का हमारे जुलाना हल्के से लगता हुआ हल्का है और यहां के 15 गांव हमारे हल्के से बिल्कुल सटे हुए हैं. जहां पर हमारी रिश्तेदारी है और हमारा आना जाना लगा रहता है. इस आधी विधानसभा को हमारी विधानसभा प्रभावित करती है. इसलिए हमारे कार्यकर्ताओं ने ये फैसला लिया है कि हम कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन करेंगें.
समय बताएगा कि वो कांग्रेस ज्वाइन करेंगे या नहीं: रविंदर ढुल
उन्होंने बताया कि अभी केवल कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन हम कर रहे हैं. ये आने वाला समय ही बताएगा कि हम कांग्रेस ज्वाइन करेंगे या नहीं. ये फैसला हमारे कार्यकर्ता करेंगे. रविंदर ढुल ने बरोदा हलके के चुनावी माहौल पर बोलते हुए कहा कि किसान बिल्कुल सरकार के खिलाफ है और कांग्रेस प्रत्याशी इंदुराज नरवाल यहां से भारी मतों से जीतने वाला है. बरोदा की जनता ने एक पूरी तरह से विचार बना लिया है कि बीजेपी को हराना है और कांग्रेस को जिताना है.
बता दें कि, जुलाना के पूर्व विधायक और बीजेपी नेता परविंदर ढुल ने कृषि कानून लाए जाने के बाद बीजेपी से इस्तिफा दे दिया था. वहीं उनके बेटे रविंदर ढुल जो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एडिशनल जर्नल एडवोकेट के पद पर थे, इस्तिफा दे दिया है और अब वो बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं.
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