सोनीपत: बरोदा उपचुनाव का नशा नेताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. रोजाना जनसभाएं की जा रही हैं और हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी हो रही है. इन नेताओं को मतलब है तो सिर्फ वोट से. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि बरोदा में जनता की सेहत से सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. ना तो चुनाव अधिकारियों का इस ओर ध्यान है और ना ही सरकार का.
चलिए आपको बताते हैं कि बरोदा उपचुनाव में कैसे कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का कितना पालन किया जा रहा है. बता दें कि रविवार को बरोदा में दो जनसभाओं को अनुमति मिली थी. पहले जनसभा थी इनेलो की और दूसरी जनसभा थी बीजेपी की.
ना चेहरे पर मास्क, ना सोशल डिस्टेंसिंग
इनेलो नेता अभय चौटाला की जनसभा में जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी. अभय चौटाला खुद बिना मास्क के दिखाई दिए. उनके आसपास मौजूद कार्यकर्ता भी बिना मास्क थे और सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल पालन नहीं किया गया. आपका बता दें कि इन जनसभा के लिए इनेलो को सिर्फ 100 लोगों की परमिशन मिली थी, लेकिन सैकड़ों की संख्या में वहां लोग मौजूद रहे.
अगली जनसभा थी बीजेपी की. इस जनसभा में बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त और विधायक सोमबीर सांगवान मुख्य वक्ता था. यहां भी बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता कोरोना से बेखौफ दिखे. पूरी जनसभा के दौरान ऐसा लगा जैसे इनको कोरोना का कोई डर ही नहीं है. दूसरी तरफ जनता की सेहत से भी खिलवाड़ किया गया. ना तो सैनिटाइजर की व्यवस्था और ना ही मास्क की. सोशल डिस्टेंसिंग तो आप भूल ही जाइए.
वोट का ऐसा भी क्या लालच?
जिस तरीके से बरोदा उपचुनाव में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं वो बेहद खतरनाक है. नेता खुद तो अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर ही रहे हैं, लेकिन जनता की जान को भी जोखिम में डाला जा रहा है. अब इस पूरे मामले पर चुनाव अधिकारी आशीष वशिष्ठ से बात की तो उन्होंने फिर अटपटा सा जवाब सामने रख दिया. उन्होंने कहा कि फ्लाइंट टीम ड्यूटी पर है अगर कहीं नियमों को तोड़ा गया और उनके संज्ञान में आया तो कार्रवाई होगी. ऐसे में जब सब कुछ खुलेआम हो रहा है तो चुनाव अधिकारी किस शिकायत का इंतजार कर रहे हैं?
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