सोनीपत: दिल्ली के तुगलकाबाद में वन विभाग की जमीन पर स्थित प्राचीन संत रविदास मंदिर को 10 अगस्त को गिरा दिया गया था. जिसके चलते दलित समुदाय भड़क उठा है. इसके विरोध में दलित समाज ने सोनीपत के गोहाना में आपात बैठक की और इस बैठक में समाज ने 20 अगस्त को गोहाना के फव्वारा चौक पर धरना देने का फैसला किया है.
रविदास मंदिर को ढहाने से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. ऐसे में दलित समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि जब महापुरूषों के स्मारक सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता कैसे सुरक्षित होगी.
केंद्र सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. मंदिर को गिराकर सरकार ने बेहद अशोभनीय कार्य किया है. उनका कहना है कि एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक रविदास मंदिर को गिराना एक अपराध है और इससे संत रविदास के करोड़ों शिष्यों और श्रद्धालुओं की भावनाओं का अपमान हुआ है.
इस मंदिर का निर्माण गुरू रविदास जंयती समारोह समिति के द्वारा वन भूमि पर किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी जगह को खाली नहीं किया गया था. इसलिए कोर्ट ने इस जगह को खाली करवाया और गिराने का फैसला लिया.