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गोहाना: रविदास मंदिर गिराने के विरोध में 20 अगस्त को धरना देंगे दलित समाज के लोग

दिल्ली में प्राचीन संत रविदास मंदिर को गिराने के बाद दलित समुदाय भड़का हुआ है. इसके विरोध में दलित समाज ने गोहाना में आपात बैठक की और 20 अगस्त को गोहाना के फव्वारा चौक पर धरना देने का फैसला किया है.

गोहाना में दलित समाज की बैठक
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Published : Aug 14, 2019, 4:36 PM IST

सोनीपत: दिल्ली के तुगलकाबाद में वन विभाग की जमीन पर स्थित प्राचीन संत रविदास मंदिर को 10 अगस्त को गिरा दिया गया था. जिसके चलते दलित समुदाय भड़क उठा है. इसके विरोध में दलित समाज ने सोनीपत के गोहाना में आपात बैठक की और इस बैठक में समाज ने 20 अगस्त को गोहाना के फव्वारा चौक पर धरना देने का फैसला किया है.

गोहाना में दलित समुदाए ने बैठक की

रविदास मंदिर को ढहाने से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. ऐसे में दलित समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि जब महापुरूषों के स्मारक सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता कैसे सुरक्षित होगी.

केंद्र सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. मंदिर को गिराकर सरकार ने बेहद अशोभनीय कार्य किया है. उनका कहना है कि एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक रविदास मंदिर को गिराना एक अपराध है और इससे संत रविदास के करोड़ों शिष्यों और श्रद्धालुओं की भावनाओं का अपमान हुआ है.

इस मंदिर का निर्माण गुरू रविदास जंयती समारोह समिति के द्वारा वन भूमि पर किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी जगह को खाली नहीं किया गया था. इसलिए कोर्ट ने इस जगह को खाली करवाया और गिराने का फैसला लिया.

सोनीपत: दिल्ली के तुगलकाबाद में वन विभाग की जमीन पर स्थित प्राचीन संत रविदास मंदिर को 10 अगस्त को गिरा दिया गया था. जिसके चलते दलित समुदाय भड़क उठा है. इसके विरोध में दलित समाज ने सोनीपत के गोहाना में आपात बैठक की और इस बैठक में समाज ने 20 अगस्त को गोहाना के फव्वारा चौक पर धरना देने का फैसला किया है.

गोहाना में दलित समुदाए ने बैठक की

रविदास मंदिर को ढहाने से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. ऐसे में दलित समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि जब महापुरूषों के स्मारक सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता कैसे सुरक्षित होगी.

केंद्र सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. मंदिर को गिराकर सरकार ने बेहद अशोभनीय कार्य किया है. उनका कहना है कि एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक रविदास मंदिर को गिराना एक अपराध है और इससे संत रविदास के करोड़ों शिष्यों और श्रद्धालुओं की भावनाओं का अपमान हुआ है.

इस मंदिर का निर्माण गुरू रविदास जंयती समारोह समिति के द्वारा वन भूमि पर किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी जगह को खाली नहीं किया गया था. इसलिए कोर्ट ने इस जगह को खाली करवाया और गिराने का फैसला लिया.

Intro:nullBody:एंकर रीड- दिल्ली के प्राचीन रविदास मंदिर का केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से ऐतिहासिक गिराने के चलते दलित समाज भडका गोहाना में रविदास मंदिर में की आपात बैठक की इस बैठक में समाज ने फैसला लिया गया है कि गोाहाना फौव्वारा चैंक पर 20 अगस्त को दिया धरना दिया जाएगा। एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजा जाएगा। दलित समाज से जुडे लोगों का कहना है कि महापुरूषों के स्मारक सुरक्षित नहीं है तो आम जनता कैसे सुरिक्षत होगी। केंद्र सरकार को इस मामले में सज्ञान लेना चाहिए। मंदिर को गिराकर सरकार ने अशोभनीय कार्य है। दिल्ली के तुगलकाबाद में प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक रविदास मंदिर को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिराना एक जघन्य अपराध है और इससे संत रविदास के करोड़ों शिष्यों और श्रद्धालुओं की भावनाओं का अपमान हुआ है।
बाईट- राम छाछियां Conclusion:null
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