गोहाना- हरियाणा में इन दिनों बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में अब प्रदर्शन अब उग्र रुप लेता जा रहा है. हालांकि सीएम मनोहर लाल और मेडिकल छात्रों के बीच लंबे दौर की बैठक हुई. लेकिन बैठक बेनतीजा रही. बैठक के बाद भी छात्रों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है. अब छात्र गांव-गांव तक जाकर जागरुकता रैली निकालने के लिए तैयार हो गए हैं. हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से छात्र गोहाना के खानपुर कलां बीपीएस महिला मेडिकल कॉलेज (BPS Women Medical College sonipat) पहुंचे.
MBBS के 13 विद्यार्थियों का स्वागत किया गया. बीपीएस महिला मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उनको प्रोत्साहित किया. मेडिकल कॉलेज के पंजीकरण हॉल में बैठक आयोजित की गई और बॉन्ड पॉलिसी (bond policy in Haryana) के बारे में चर्चा की गई. एमबीबीएस के विद्यार्थियों ने एक मत होकर कहा कि जब तक बॉन्ड पॉलिसी वापस नहीं हो जाती तब तक हड़ताल यूं ही जारी रहेगी. इसके बाद एमबीबीएस के विद्यार्थियों ने मेडिकल कॉलेज से लेकर खानुपर कलां गांव तक जागरुकता रैली निकाली और लोगों का समर्थन मांगा.
बता दें कि बीपीएस महिला मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्राएं 4 नवंबर से बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में हड़ताल पर बैठी हुई हैं. छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज (Kalpana Chawla Medical College karnal) के एमबीबीएस के 13 विद्यार्थी साइकल पर सवार होकर करनाल से चले थे. जो 20 गांव से होते हुए 102 किलोमीटर का सफर तय कर रविवार देर रात बीपीएस महिला मेडिकल कॉलेज (BPS Women Medical College sonipat) पहुंचे.
एमबीबीएस के विद्यार्थियों का सोमवार को स्वागत किया गया. इस दौरान छात्रों ने बताया कि वो 20 गांव से गुजरे थे. जहां पर उन्हें ग्रामीणों का पूरा समर्थन मिला है. अब वो इसी तरह से लोगों का समर्थन लेते रहेंगे. जब तक बॉन्ड पॉलिसी वापस नहीं होती है वे हड़ताल को जारी रखेंगे.
सीएम के साथ मेडिकल छात्रों की बैठक बेनतीजा- बॉन्ड पॉलिसी को लेकर चंडीगढ़ में 30 नवंबर को सीएम मनोहर लाल ने एमबीबीएस के छात्र प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. बैठक में डॉक्टर्स की काम करने की समय अवधि को 7 की जगह अब पांच साल कर दिया गया है. इसमें पीजी का टाइम (3 साल) इंनकल्यूड कर दिया है. 40 लाख की जगह अब बॉन्ड राशि 30 लाख रुपये कर दी गई है.
मनोहर लाल ने कहा कि छात्रों को सरकारी नौकरी के लिए जॉब गारंटी दी है. 1 साल के अंदर उनको कॉन्ट्रेचुवल जॉब देंगे. सीएम ने कहा कि हमने छात्रों की अधिकांश मांगों को मान लिया है. इक्का दुक्का हैं जिन्हें एतराज है. उन्होंने कहा कि हम मेडिकल छात्रों के लिए 2 साल पहले पॉलिसी लाए थे. जिसमें बॉन्ड राशि बढ़ाई और टाइम बढ़ाया गया था.
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ड्राफ्ट तैयार करे सरकार- सरकार द्वारा लगातार इस बात का दावा किया जा रहा है कि छात्रों से बातचीत के बाद बॉन्ड पॉलिसी के मुद्दे का हल निकाल लिया गया है. लेकिन प्रदर्शन कर रहे छात्र अभी भी इससे संतुष्ट (medical students Protest against bond policy) नजर नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार पहले ड्राफ्ट तैयार करे बाद में हम कोई फैसला लेंगे.
छात्रों की मांग- MBBS की डिग्री पूरी होने के 2 महीने के अंदर सभी को नौकरी दी जाए.
-बॉन्ड की अवधि एक साल की हो.
-बॉन्ड को तोड़ने वालों के लिए राशि 20 लाख रुपये हो
-पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं मिलने पर छात्रों को बॉन्ड से मुक्त किया जाए.
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