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मध्यप्रदेश जा रही महिलाएं रोते हुए बोली, घर नहीं पहुंचे तो भूखे मर जाएंगे बच्चे

गोहाना से मध्यप्रदेश के लिए पैदल निकली महिला मजदूरों ने रोते हुए कहा कि उनके बच्चे घर में अकेले हैं. अगर वो घर नहीं पहुंचे तो वो भूखे मर जाएंगे.

गोहाना से पैदल निकले मजदूर
गोहाना से पैदल निकले मजदूर
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Published : Mar 27, 2020, 5:28 PM IST

सोनीपत: लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. सबसे ज्यादा इस लॉकडाउन का असर अगर किसी पर पड़ रहा है तो वो है गरीब मजदूर लोग. जिनके पास ना काम है और ना खाने के लिए पैसा और इन लोगों में भी उनकी हालत ज्यादा खराब है, जो काम के सिलसिले में घर से काफी दूर आए हैं.

गोहाना से पैदल निकले मजदूर

ऐसे ही 70 से 80 मजदूर मध्य प्रदेश से गोहाना काम करने आए थे. मजदूरों को घर से आए 10 दिन भी नहीं हुए थे कि लॉकडाउन हो गया. अब ना तो उनके पास काम है और ना ही खाने के लिए पैसा. जिसके बाद अब वो लोग पैदल ही मध्य प्रदेश के लिए निकल पड़े हैं.

मजदूरों ने बताया कि वो कुछ दिन पहले ही काम करने यहां आए थे, लेकिन काम यहां पर नहीं है. अब वो अपने घर जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से वो लोग बीच में ही फंस गए हैं.

ये भी पढ़िए: COVID-19: CS केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में संकट समन्वय समिति की बैठक

वहीं मजदूर महिलाओं ने रोते-रोते बताया कि घर पर उनके बच्चे अकेले हैं. अगर वो नहीं गई तो उनके बच्चे भूखे मर जाएंगे. वहीं दूसरी महिला मजदूर ने कहा कि हमारी फसल के कटने का वक्त आ गया है. अगर हम नहीं गए तो फसल भी खराब होगी और हमारे बच्चे भी भूखे रह जाएंगे, इसलिए हाथ जोड़कर विनती है कि हमें मध्य प्रदेश जाने दें.

सोनीपत: लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. सबसे ज्यादा इस लॉकडाउन का असर अगर किसी पर पड़ रहा है तो वो है गरीब मजदूर लोग. जिनके पास ना काम है और ना खाने के लिए पैसा और इन लोगों में भी उनकी हालत ज्यादा खराब है, जो काम के सिलसिले में घर से काफी दूर आए हैं.

गोहाना से पैदल निकले मजदूर

ऐसे ही 70 से 80 मजदूर मध्य प्रदेश से गोहाना काम करने आए थे. मजदूरों को घर से आए 10 दिन भी नहीं हुए थे कि लॉकडाउन हो गया. अब ना तो उनके पास काम है और ना ही खाने के लिए पैसा. जिसके बाद अब वो लोग पैदल ही मध्य प्रदेश के लिए निकल पड़े हैं.

मजदूरों ने बताया कि वो कुछ दिन पहले ही काम करने यहां आए थे, लेकिन काम यहां पर नहीं है. अब वो अपने घर जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से वो लोग बीच में ही फंस गए हैं.

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वहीं मजदूर महिलाओं ने रोते-रोते बताया कि घर पर उनके बच्चे अकेले हैं. अगर वो नहीं गई तो उनके बच्चे भूखे मर जाएंगे. वहीं दूसरी महिला मजदूर ने कहा कि हमारी फसल के कटने का वक्त आ गया है. अगर हम नहीं गए तो फसल भी खराब होगी और हमारे बच्चे भी भूखे रह जाएंगे, इसलिए हाथ जोड़कर विनती है कि हमें मध्य प्रदेश जाने दें.

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