सोनीपत: विज्ञान के युग में इंसान को जहां कुछ वरदान मिले हैं, वहीं कुछ अभिशाप भी मिले हैं. प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप है. जिसे विज्ञान से जन्म मिला है और जिसे सहने के लिए लोग मजबूर हैं. सोनीपत के ऐसे ही कुछ गांवों में से एक है सबोली गांव. जहां पर पीने का पानी जहर उगल रहा है. ये पानी कईं लोगों की जिंदगी निगल चुका है. गांव के आस-पास लगी फैक्ट्रियों ने यहां के पानी में जहर घोल दिया है.
फैक्ट्रियों ने घोला पानी में जहर
सोनीपत के राई खंड के गांव सबोली आसपास सैकड़ों की तादाद में कारखाने हैं. इन कारखानों में काफी संख्या में केमिकल की फैक्ट्रियां भी हैं, जिनसे जहरीला पानी निकलता है. इस जहरीले पानी के लिए फैक्ट्री मालिकों ने सही व्यवस्था नहीं की है. फैक्ट्रियों से निकलने वाले इस पानी के खाली प्लॉटों में जगह-जगह जोहड़ बन गए हैं. ये पानी भूजल में मिलकर उसे भी जहरीला बना चुका है. सिर्फ गांव सबोली ही नहीं ऐसे कई गांव हैं जो इस पानी को पीने को मजूर हैं.
गांव की खेती की सिंचाई भी इसी जहरीले पानी से की जा रही है. जिससे किसान फसलों में भी जहर घोलने को मजबूर हैं. गांव के सरपंच का कहना है कि गांव सबोली में करीब 23 लोग कैंसर की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से दर्जनभर लोगों की जान जा चुकी है.
उनका कहना है कि जब से गांव में इंडस्ट्री आई है, तब से लोगों के पास पैसा आया है, पैसे के साथ बीमारियां भी आई हैं. जमीन का पानी फैक्ट्रियों की वजह से पूरा खराब हो चुका है. पानी खराब होने की वजह से लोगों में चर्म रोग और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों भी आई हैं.
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ग्रामीणों की गुहार के बाद प्रशासन ने पानी के सैंपल जांच के लिए भिजवाए, लेकिन इन सैंपल का क्या हुआ ये बात ना तो ग्रामीणों को पता है और ना ही गांव के सरपंच को. इससे साबित होता है कि प्रशासन गांव सबोली के लोगों की जिंदगी को लेकर कितना संजीदा है?