सोनीपत: तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन (farmers protest) लगातार जारी है. वहीं आज पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, और आजादी की इस वर्षगांठ पर किसानों ने भी कुंडली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में मुख्य मंच पर ध्वजारोहण कर देश की आजादी का जश्न मनाया (farmers celebrated independence day). इस कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के साथ-साथ पूर्व सैनिकों ने भी हिस्सा लिया. आज देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण किया तो लाल किले से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर चल रहे किसान आंदोलन में किसान नेताओं ने ध्वजारोहण किया.
आज फिर किसानों ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि जब तक ये सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी तब तक वह दिल्ली की सीमाओं को छोड़कर नहीं जाने वाले हैं. ध्वजारोहण से पहले पूर्व सैनिकों और देश की आजादी में अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों ने पहले तो परेड की और बाद में ध्वजारोहण कार्यक्रम में हिस्सा लिया. हरियाणा में किसानों ने कई जगह तिरंगा यात्रा भी निकाली. इस दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया.
ये भी पढ़ें- राकेश टिकैत की मासूम पोती बोली- 'दादा, कृषि कानूनों को वापस कराकर ही घर आना'
इस दौरान सभी किसानों के अंदर भरपूर जोश दिखाई नजर आया. किसानों ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर यहां धरने पर बैठे हुए कई महीने हो चुके हैं. उसके बावजूद भी किसी ने समस्याओं को सुनने का प्रयास नहीं किया है, जो बेहद निंदनीय है. देश की आजादी और स्वतंत्रता दिवस की खुशी सभी को होती है इसी के चलते किसानों ने यहां स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया है. बता दें कि, किसानों ने पहले ही कहा था कि वो 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस को दिल्ली की सीमाओं पर ही मनाएंगे और दिल्ली में प्रवेश नहीं करेंगे. इस संबंध में किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी जानकारी दी थी.