सोनीपत: 26 अक्टूबर 2014, शनिवार को हाफ डे और रविवार की छुट्टी के बाद जब गोहाना का पंजाब एंड नेशनल बैंक खुला तो अंदर सब कुछ सामान्य जैसा था. बैंककर्मी हर रोज की तरह अपने-अपने काम में जुटे थे, लेकिन सबकुछ सामान्य तभी तक था जब तक बैंक का मैनेजर देवेंद्र मलिक स्ट्रॉग रूम तक नहीं पहुंचा था. स्ट्रॉग रूम में पहुंचते ही बैंक के मैनेजर की हवाइयां उड़ गई.
बैंक मैनेजर देवेंद्र मलिक ने देखा कि स्ट्रॉग रूम (bank strong room) के अंदर आधे के करीब लॉकर खुले या फिर टूटे पड़े हैं. फर्श पर सामान बिखरा पड़ा था और ठीक लॉकर की दीवार के साथ नीचे फर्श पर एक बड़ा सा गड्ढा था. ये गड्ढा कुछ और नहीं बल्कि वहीं सुंरग थी, जिसके जरिए शातिर लुटेरों ने हरियाणा की अबतक की सबसे बड़ी बैंक रॉबरी (haryana biggest bank robbery) को अंजाम दिया था.
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बिना देर किए बैंक मैनेजर ने पुलिस को लूट की सूचना दी. पुलिस की टीम भी तुरंत मौके पर पहुंची. जिसके बाद पुलिस ने आगे की तफ्तीश शुरू की. सबसे पहले पुलिस किसी तरह से सुरंग (tunnel robbery) में दाखिल हुई, क्योंकि अबतक पुलिस भी इस बात को भाप चुकी थी कि लूट इसी सुरंग के जरिए की गई है.
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करीब 100 फीट की दूरी के बाद पुलिस टीम को सुरंग का दूसरा सिरा मिला. सुरंग का मुंह कहीं और नहीं बल्कि बैंक के बाईं तरफ गली पार कर बंद पड़े एक मकान में खुला. आपको जानकर हैरानी होगी कि लुटेरों ने लूट को अंजाम देने के लिए 7 गहरी और 100 फीट लंबी सुरंग खोदी थी. यही नहीं बीच में सड़क भी पड़ी, उसके अंदर की जमीन को भी लुटेरों ने चीर डाला था और 90 लॉकर तोड़ कर नकदी और करोड़ों के जेलर लूटे थे. खास बात ये है कि इस सुरंग को बनाने में लुटेरों को करीभ एक महीने का वक्त लगा, लेकिन लोकल इंटेलीजेंस को इसकी भनक तक नहीं लगी.
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पीएनबी बैंक रॉबरी की जांच टीम में शामिल रिटायर एसएचओ कुलदीप देसवाल ने उस वक्त को याद करते हुए बताया कि शुरुआती जांच में हमें ऐसा लगा कि ये लूट बाहर के इंजिनियरों ने अंजाम दी होगी. जब इनफॉर्मर ने हमें लुटरों की जानकारी दी तो पहले हमें लगा कि कहीं ये हमारा ध्यान भटकाने के लिए तो नहीं है, लेकिन बाद में पता चला कि लुटेरे बाहर के नहीं बल्कि कटवाल गांव के ही रहने वाले थे. जिन्होंने देसी तरीके से इतनी बड़ी लूट को अंजाम दिया था.
पुलिस ने शाम होते-होते गुप्त सूचना पर सबसे पहले कटवाल गांव के रहने वाले सतीश को गिरफ्तार किया था. जिसकी निशानदेही पर बाद में बाकी के 7 रोपियों गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद 12 किलो के करीब सोना और चांदी और 3 लाख के करीब नकदी को रिकवर किया था.
पीएनबी बैंक लूट के पीड़ित रमन ने कहा कि लूट को 7 साल का वक्त बीत चुका है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है. वो 7 साल से हाई कोर्ट और सोनीपत सेशन कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभीतक रिकवर हुई चीजों में से उन्हें कुछ नहीं मिला है.
दूसरे गोहाना पीएनबी बैंक लूट के पीड़ित संदीप कालरा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने हमारी कोई भी मदद नहीं की है. सोना चोरी होने के बाद कई परिवार सदमे में अपनी जान भी गवां चुके हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से कई बार मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक हमें कोई मदद नहीं मिली है.
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में पीड़ितों की तरफ से केस लड़ रहे एडवोकेट हरीश भारद्वाज ने बताया कि 73 लॉकर धारकों का केस गोहाना, सोनीपत और में लड़ा जा रहा है. हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले रिकवर हुए सोने और चांदी को बेचकर सभी लोकल धारकों को पैसे देने के लिए सोनीपत सेशन जज के नेतृत्व में टीम बनाई है. उम्मीद है कि जल्द ही पीड़ितों को कुछ राहत मिल जाएगी.
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