सोनीपत : तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर 11 महीने से किसानों का (Farmers agitation continues on Delhi borders) आंदोलन लगातार जारी है. पिछले 11 महीने से ही दिल्ली बॉर्डर बंद हैं, लेकिन अब सरकार इन रास्तों को खोलने की कोशिश कर रही है. वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने बयान जारी कर सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने रास्ते खोल कर किसानों को उठाने की कोशिश की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर किसान दिवाली के साथ मनाएंगे.
वहीं राकेश टिकैत ने एक बड़ा ट्वीट करके आंदोलन को तेज करने की रणनीति का खुलासा किया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि अगर 26 नवंबर तक सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो वह दिल्ली में कुछ कर सकते हैं. इस पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने चुटकी लेते हुए कहा कि किसानों ने 26 जनवरी को भी दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च किया था.
उस वक्त किसानों का 200 करोड़ का तेल जल गया और फायदा भी कुछ नहीं हुआ. वहीं उन्होंने आगे की रणनीति पर बातचीत करते हुए कहा कि 7 नवंबर को जींद में हरियाणा के किसान संगठनों की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में हरियाणा कैसे इस आंदोलन में भागीदारी करेगा वह तय किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि 6 और 9 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की एक बड़ी बैठक होने जा रही है. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा आगे की रणनीति बनाएगा ताकि आंदोलन को और तेज किया जाए.
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