सोनीपत: एक तरफ कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest Agriculture law) दिल्ली से लगती सीमाओं पर जारी है तो दूसरी तरफ हरियाणा के किसान बीजेपी और जेजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं. हिसार में किसानों ने हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के काफिले को काले झंडे दिखाए थे. जिसके बाद दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि किसान आंदोलन कमाई के हाथ में चला गया है ये अब किसानों के हाथ में नहीं रहा.
अब किसान नेता गुरनाम चढूनी (Gurnam chadhuni) ने दुष्यंत चौटाला के इस बयान पर पलटवार किया है. किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि कमाई किसान नहीं बल्कि दुष्यंत चौटाला कर रहे हैं. सत्ता की कुर्सी के लिए उन्होंने किसानों को धोखा दिया. अपने दादा और परदादा की इज्जत खराब करके वो अब सत्ता की मलाई चाट रहे हैं. चढूनी ने कहा कि किसानों ने जननायक जनता पार्टी को बीजेपी के खिलाफ वोट दिया था, ताकि बीजेपी को हाराया जा सके. उसी जेजेपी ने बीजेपी से हाथ मिलाकर किसानों से धोखा किया.
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किसान नेता ने कहा कि अगर सरकार ये कह रही है कि आंदोलन किसानों के हाथ से फिसल चुका है. तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पूरे हरियाणा में कहीं भी कार्यक्रम करके देख ले. हम उस कार्यक्रम के विरोध का आह्वान करेंगे. अगर किसानों ने उनका विरोध नहीं किया तो हम समझ लेंगे कि हमारे हाथों से किसान आंदोलन निकल गया.