गोहाना: शराब घोटाले के बाद कथित रजिस्ट्री घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है. इसी कड़ी में गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक ने हरियाणा सरकार के ऊपर निशाना साधा. सरकार ने मामले में छह नायब और एक तहसीलदार को सस्पेंड किया. इसपर जगबीर मलिक ने कहा कि जांच के नाम पर ये एक दिखावा है.
सोनीपत के गोहाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक का कहना है रजिस्ट्री घोटाले में 5 से 6 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, लेकिन रजिस्ट्री घोटाला तो प्रत्येक जिले में हुआ है. सभी जिलों में गलत तरीके से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की गई है. बिना किसी के संरक्षण के तहसीलदार, नयाब तहसीलदार की रजिस्ट्री करने की हिम्मत नहीं होती.
उन्होंने कहा कि सोनीपत में खुले तौर पर तहसीलदार कुछ दिन पहले कहते हुए सामने आया था कि बड़े नेताओं को पैसे देने पड़ते हैं. इसीलिए रजिस्ट्री की जा रही है. विधायक जगबीर मलिक ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ये रजिस्ट्री कराई गई हैं. भारत के प्रधानमंत्री ने कोविड-19 वायरस को अवसर काम करने के लिए बोला था, लेकिन हरियाणा सरकार ने इसको पैसे कमाने का अवसर समझ लिया और भ्रष्टाचार करते रहे.
बता दें कि सरकार ने मामले में राजस्व विभाग के 7 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, सभी अधिकारियों को रूल-7 में चार्जशीट करने के आदेश दिए जारी किए गए हैं. अधिकारियों में गुरुग्राम के नायब तहसीलदार देश राज कंबोज, सोहना के तहसीलदार बंसी लाल और नायब तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल, बादशाहपुर के नायब तहसीलदार हरि कृष्ण, वजीराबाद के नायब तहसीलदार जय प्रकाश और मानेसर के नायब तहसीलदार जगदीश शामिल हैं
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बता दें कि हरियाणा में सरकार ने रजिस्ट्रियों में ऑनलाइन सिस्टम बनाया हुआ है, जिससे धांधली को रोका जा सके. बावजूद इसके सरकार की नाक के नीचे ये बड़ा घोटाला हो गया. हालांकि अब मामले को बढ़ता देख फिलहाल हरियाणा में सरकार ने रजिस्ट्रियों पर रोक लगाई हुई है.