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अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद धरने पर छात्र, पूर्व आरबीआई गवर्नर ने भी जताया खेद - अशोका विश्वविद्यालय विवाद

सोनीपत के राजीव गांधी एजुकेशनल सिटी में मौजूद अशोका यूनिवर्सिटी इन दिनों चर्चा में है. यूनिवार्सिटी के दो प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद देश और विदेश की कई बड़ी हस्तियां प्रतिक्रिया दे रही हैं.

former governor also expressed regret over the resignation of Ashoka University professors and Students doing protest in campus
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद धरने पर छात्र
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Published : Mar 22, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 4:15 PM IST

सोनीपत: अशोका यूनिवर्सिटी में एक साथ दो प्रोफेसरों के इस्तीफे के मामला तूल पकड़ चुका है. यूनिवर्सिटी में इस्तीफे के विरोध में छात्र एकजुट हो गए हैं. उनका आरोप हैं कि राजनैतिक दबाव की वजह से अध्यापकों ने इस्तीफा दिया है. वहीं इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी बयान दे दिया कि अध्यापकों का इस्तीफा देश में अभिव्यक्ति की आजादी के घटने का प्रतीक है.

क्यों हुआ है विवाद

बताया जा रहा है कि प्रोफेसर, प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यन सरकार के काम काज पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते रहे हैं. प्रोफेसर मेहता लगातार अखबारों में कॉलम लिखते रहे, जिनमें वो इस बात पर मुखर रहे कि मौजूदा सरकार की नीतियां अभिव्यिक्ति की आजादी का हनन कर रही हैं. छात्रों का आरोप है कि इन पर राजनीतिक दबाव बनने लगा और फिर मजबूरन इन दोनों को एक के बाद एक इस्तीफा देना पड़ा.

ये भी पढे़ं- रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार को बताया दलित विरोधी, सीएम ने दिया जवाब

दुनिया के कई विश्वविद्यालय ने जताया खेद

प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद से अशोका यूनिवर्सिटी सुर्खियों में आ गई. यहां तक कि दुनिया के कई विश्व प्रसिद्ध संस्थान प्रताप भानु मेहता के इस्तीफे को दुखद बता रहे हैं.

सोनीपत: अशोका यूनिवर्सिटी में एक साथ दो प्रोफेसरों के इस्तीफे के मामला तूल पकड़ चुका है. यूनिवर्सिटी में इस्तीफे के विरोध में छात्र एकजुट हो गए हैं. उनका आरोप हैं कि राजनैतिक दबाव की वजह से अध्यापकों ने इस्तीफा दिया है. वहीं इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी बयान दे दिया कि अध्यापकों का इस्तीफा देश में अभिव्यक्ति की आजादी के घटने का प्रतीक है.

क्यों हुआ है विवाद

बताया जा रहा है कि प्रोफेसर, प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यन सरकार के काम काज पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते रहे हैं. प्रोफेसर मेहता लगातार अखबारों में कॉलम लिखते रहे, जिनमें वो इस बात पर मुखर रहे कि मौजूदा सरकार की नीतियां अभिव्यिक्ति की आजादी का हनन कर रही हैं. छात्रों का आरोप है कि इन पर राजनीतिक दबाव बनने लगा और फिर मजबूरन इन दोनों को एक के बाद एक इस्तीफा देना पड़ा.

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दुनिया के कई विश्वविद्यालय ने जताया खेद

प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद से अशोका यूनिवर्सिटी सुर्खियों में आ गई. यहां तक कि दुनिया के कई विश्व प्रसिद्ध संस्थान प्रताप भानु मेहता के इस्तीफे को दुखद बता रहे हैं.

Last Updated : Mar 22, 2021, 4:15 PM IST
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