गन्नौर: कोरोना वायरस के चलते लगा लॉकडाउन सब्जी किसानों पर भारी पड़ रहा है. सब्जी उगाने वाले किसानों को उनका लागत मुल्य भी नहीं मिल रहा है. जिसके चलते किसानों को अपनी फसल खेत में ही नष्ट करनी पड़ रही है.
गन्नौर के मोई गांव के रहने वाले किसान अमित राणा ने दो एकड़ में गोभी उगा रखी है. उन्होंने बताया कि जब वे गोभी बेचने के लिए सब्जी मंडी गए. तो उन्हें सब्जी का उचित मुल्य नहीं मिला. उन्होंने बताया कि कई बार तो उन्हें अपनी सब्जी वापस लेकर आनी पड़ी. क्योंकि सब्जी मंडी का आढ़ती उनकी सब्जी खरीदने के लिए तैयार ही नहीं हुआ. आढ़ती ने बताया कि मंडी में सब्जी की बिक्री नहीं हो रही है. जिसके चलते वह सब्जी की खरीदारी बंद कर रखी है.
किसान अमित राणा ने कहा कि सब्जी नहीं बिकने के चलते उनपर आढ़ती का कर्ज बढ़ जाएगा. जिसके चलते उन्हें अपने परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा.
अमित राणा ने बताया कि गोभी की बिक्री नहीं होने के चलते गोभी खेतों में ही पककर खराब हो रही है. जिसके चलते उन्हें काटकर खेतों में ही फेंकना पड़ रहा है. ताकि इसके चलते अन्य सब्जी खराब ना हो. उन्होंने कहा कि खराब गोभी के चलते अगर कच्ची गोभी भी खऱाब हो जाएगी तो उन्हें लाखों का नुकसान हो जाएगा. इसलिए मजबूरी में उन्हें इन्हें काटकर हटाना पड़ रहा है.
किसान अमित राणा ने कहा कि सरकार कहती है कि धान, गेहूं की फसल की खेती मत करो. इससे पानी की बर्बादी होती है. इसके जगह सब्जी की खेती करो. लेकिन अब सब्जी की खेती करने पर किसानों की ये हालत हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को मामले पर संज्ञान लेना चाहिए. ताकि सब्जी की खेती करने वाले किसानों की भी मदद हो सके.
उन्होंने कहा कि सब्जी की खेती में उनकी लागत भी नहीं निकली है. जिसके चलते उनपर कर्ज बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि इससे अच्छा होता कि वो खेत को खाली ही छोड़ देते.
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