सोनीपत: हरियाणा सरकार ने कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एक नई रेलवे लाइन की घोषणा की है. इसके लिए सरकार ने भूमि अधिग्रहण की भी पूरी तैयारियां कर ली है और किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है. तो सरकार के खिलाफ किसानों ने एक बार फिर बिगुल बजा दिया है क्योंकि किसान कह रहे हैं कि इस भूमि अधिग्रहण का जो मुआवजा सरकार दे रही है, वह बहुत ही कम है. जबकि जमीन की कीमतें करोड़ों रुपए की हैं.
कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे मानकर उनकी जमीन का दोगुना मुआवजा कलेक्ट्रेट से दिया जाए, इसके विरोध में कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के कई टोल पर किसान अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर चुके हैं. तो मंगलवार को सोनीपत से गुजरने वाले कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के सोनीपत पिपली टोल पर भी किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है.
तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन किया और उसे जीत कर ही दम लिया. वैसे ही अब किसान सरकार को कभी किसी मांग को लेकर झुकाते हुए नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों ने कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ से गुजरने वाली रेलवे लाइन के लिए जो भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है.
उसके मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ विरोध किया जा रहा है. वहीं मंगलार को सोनीपत पिपली टोल पर किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. किसानों ने कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक उनका यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा और किसानों ने ऐलान कर दिया कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा.
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और किसान कुलदीप ने बताया कि सरकार कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एक रेलवे लाइन का निर्माण कर रही है जो कि विकास कार्यों में अच्छा कदम है. हम सरकार की इस पहल को सराहनीय कदम मान रहे हैं. लेकिन सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है. क्योंकि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे को ना तो नेशनल हाईवे का दर्जा दिया गया है और ना ही राज्य स्तरीय हाईवे जिसको लेकर अधिकारी इस रेलवे लाइन के लिए जो भूमि अधिग्रहण कर रहे हैं, उसका मुआवजा किसानों के साथ धोखा है.
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उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि कि केएमपी को नेशनल हाईवे मानकर भूमि अधिग्रहण का कलेक्ट्रेट से 2 गुना मुआवजा दिया जाए और 2013 भूमि अधिग्रहण को लागू करके चार गुना मुआवजा सरकार दे. हम सरकार के विकास कार्यों में कोई भी खलल नहीं डाल रहे. लेकिन अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाएंगे और यहां पर देशभर के किसानों की एक महापंचायत आयोजित की जाएगी.
वहीं उन्होंने कहा कि आईएमटी खरखोदा कि भूमि अधिग्रहण में भी हमारे साथ धोखा हुआ हमारी जमीनों को 50 लाख प्रति एकड़ से मुआवजा दिया गया. लेकिन अब सरकार उसे करोड़ों रुपए के भाव में प्राइवेट कंपनियों को बेच रही है. जो सरासर गलत है और हमारे साथ धोखा है. लेकिन सरकार के खिलाफ इस बार विरोध किया जाएगा और सभी किसान इस विरोध में शामिल होंगे.
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